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शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार: भजन (Saniwar Ko Kasht Kate Mangal Ho Mangalwar)

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आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
शनिवार को कष्ट कटे,
मंगल हो मंगलवार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार ॥

झूठे रिश्ते झूठे नाते,
झूठी दुनियादारी,
सुख के साथी सब है,
दुःख में ना कोई भागीदारी,
ऐसे वक़्त में मिल जाता है,
जीवन को आधार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार ॥

माया आनी जानी है,
तेरे साथ में कुछ ना जाए,
बजरंगी जो कृपा करें,
तेरी कश्ती पार लगाएं,
छोड़ दे सारी चिंता प्यारे,
चिंता है बेकार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार ॥

नाम है प्यारा बजरंगी का,
जनम सुधारे तेरा,
सुबह शाम तू रट ले प्यारे,
जब जब दुःख ने घेरा,
‘मीतू’ ने जो सपने देखे,
हो गए वो साकार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार ॥

आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
शनिवार को कष्ट कटे,
मंगल हो मंगलवार,
मेरे बजरंगी के द्वार,
मेरे बजरंगी के द्वार ॥

शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार: गहराई से विवेचना

भजन “शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार” केवल एक भक्तिपूर्ण गीत नहीं है, बल्कि यह जीवन के गूढ़ सत्य और आध्यात्मिक अनुभवों का सार प्रस्तुत करता है। इसमें हनुमानजी के प्रति गहरी आस्था और विश्वास व्यक्त किया गया है। हर पंक्ति में न केवल भक्ति की झलक है, बल्कि यह भी सिखाया गया है कि जीवन की कठिनाइयों से कैसे उबरा जाए। आइए इस भजन को गहराई से समझें।


आ जाओ और किरपा पा लो, हफ्ते में दो बार

यह पंक्ति भक्त को यह प्रेरित करती है कि वह नियमित रूप से हनुमानजी के मंदिर जाए। हफ्ते में मंगलवार और शनिवार का उल्लेख विशेष रूप से किया गया है।

  • मंगलवार का महत्व: मंगलवार हनुमानजी का प्रिय दिन माना जाता है। यह दिन उनकी उपासना के लिए सबसे शुभ समझा जाता है। इस दिन किए गए पूजन से व्यक्ति के मंगल दोष और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
  • शनिवार का महत्व: शनिवार का संबंध शनि ग्रह से है। शनि की दशा जीवन में कठिनाई और कष्ट लाती है। हनुमानजी की पूजा करने से शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति मानसिक व आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाता है।
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यह पंक्तियां व्यक्ति को न केवल भक्ति का मार्ग दिखाती हैं, बल्कि जीवन में नियमितता और अनुशासन की भी शिक्षा देती हैं। सप्ताह में दो बार मंदिर जाकर व्यक्ति अपने मन और आत्मा को शुद्ध करता है।


शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार

यह भजन की सबसे महत्वपूर्ण और सारगर्भित पंक्ति है।

  • कष्ट कटने का अर्थ: हनुमानजी को ‘संकटमोचक’ कहा गया है। उनकी उपासना से व्यक्ति के भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक कष्ट समाप्त होते हैं। शनिवार को उनकी पूजा करने से शनिदोष के कारण उत्पन्न बाधाएं समाप्त होती हैं।
  • मंगल का आह्वान: मंगल का अर्थ केवल सप्ताह का दिन नहीं है, बल्कि यह शुभता, सकारात्मकता, और जीवन में अच्छे परिणामों का प्रतीक है। मंगलवार को हनुमानजी की आराधना करने से जीवन में सुख-शांति और सफलता आती है।

यह पंक्ति व्यक्ति को सिखाती है कि जीवन की समस्याओं का समाधान नियमित भक्ति और परमात्मा पर अडिग विश्वास में है।


झूठे रिश्ते झूठे नाते, झूठी दुनियादारी

यहां भजन संसार की नश्वरता और मानव के भौतिक संबंधों की अस्थिरता को उजागर करता है।

  • झूठे रिश्ते और नाते: मनुष्य के अधिकांश रिश्ते स्वार्थ पर आधारित होते हैं। सुख के समय लोग साथ होते हैं, लेकिन कठिनाइयों के समय यह रिश्ते फीके पड़ जाते हैं।
  • झूठी दुनियादारी: सांसारिक जीवन की मोह-माया को ‘झूठा’ कहा गया है क्योंकि यह केवल भौतिक सुख की ओर आकर्षित करती है, लेकिन इसका कोई स्थायी महत्व नहीं है।

इस पंक्ति में व्यक्ति को यह याद दिलाया गया है कि केवल ईश्वर के साथ जुड़ाव ही स्थायी है। संसार के झूठे संबंधों से परे जाकर भक्ति में लीन होने का संदेश दिया गया है।


सुख के साथी सब है, दुःख में ना कोई भागीदारी

यह पंक्ति मानव स्वभाव की कड़वी सच्चाई को प्रकट करती है।

  • सुख के साथी: जब व्यक्ति सफल होता है, जब उसके पास धन-दौलत होती है, तब समाज में उसे लोग सहारा देते हैं। यह स्वार्थी स्वभाव को दर्शाता है।
  • दुःख में अकेलापन: दुःख के समय कोई साथ नहीं देता, और यही समय होता है जब व्यक्ति को सबसे अधिक सहारे की आवश्यकता होती है।

हनुमानजी की महिमा इस कठिन समय में उभरती है। जब संसार साथ छोड़ देता है, तब केवल उनकी शरण ही जीवन का सहारा बनती है। यह व्यक्ति को आत्मनिर्भरता और ईश्वर-निर्भरता की ओर ले जाता है।


ऐसे वक़्त में मिल जाता है, जीवन को आधार

यहां हनुमानजी की शरण में आने का महत्व बताया गया है।

  • जीवन का आधार: जब सब दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब हनुमानजी का द्वार ही व्यक्ति को सुरक्षा और शांति प्रदान करता है। उनकी कृपा व्यक्ति के जीवन में स्थायित्व लाती है।
  • भक्ति का महत्व: भजन इस तथ्य को दोहराता है कि केवल हनुमानजी की भक्ति में व्यक्ति को सच्चा सहारा और मार्गदर्शन मिलता है।

यह पंक्ति व्यक्ति को सिखाती है कि वह अपने कष्टों के समाधान के लिए किसी पर निर्भर न होकर ईश्वर की ओर मुड़े।

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माया आनी जानी है, तेरे साथ में कुछ ना जाए

इस पंक्ति में सांसारिक संपत्तियों और इच्छाओं की क्षणिकता को उजागर किया गया है।

  • माया की अस्थिरता: ‘माया’ शब्द का अर्थ है धन-दौलत, प्रतिष्ठा, और भौतिक सुख। यह सभी चीजें समय के साथ नष्ट हो जाती हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति के साथ नहीं जातीं।
  • सच्ची संपत्ति: केवल भक्ति, धर्म, और अच्छे कर्म ही व्यक्ति की वास्तविक पूंजी हैं, जो उसे जीवन और मृत्यु के बाद भी साथ देती हैं।

यह पंक्ति गीता के संदेश की तरह है, जिसमें संसार की अस्थिरता को समझने और ईश्वर की शरण में जाने की बात कही गई है।


बजरंगी जो कृपा करें, तेरी कश्ती पार लगाएं

यहां हनुमानजी को एक नाविक के रूप में दर्शाया गया है, जो भक्त की जीवन रूपी नौका को पार लगाते हैं।

  • कृपा का महत्व: हनुमानजी की कृपा सभी समस्याओं और संकटों का अंत करती है। वह भक्त की कठिनाइयों को दूर करके उसे सही मार्ग दिखाते हैं।
  • कश्ती पार लगाना: यह पंक्ति जीवन के संघर्षों का प्रतीक है। जीवन को एक कठिन नदी माना गया है, जिसे पार करना आसान नहीं है। हनुमानजी की कृपा से यह संभव हो जाता है।

इस पंक्ति का संदेश है कि जब व्यक्ति हनुमानजी की भक्ति करता है, तो उसे जीवन के हर संघर्ष में सफलता मिलती है।


छोड़ दे सारी चिंता प्यारे, चिंता है बेकार

यह पंक्ति व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मविश्वास का संदेश देती है।

  • चिंता का नाश: चिंता का अर्थ है भविष्य को लेकर अनावश्यक भय। यह मनुष्य की ऊर्जा को समाप्त कर देती है और उसे कमजोर बनाती है।
  • बेकार चिंता: यह पंक्ति समझाती है कि चिंता करना व्यर्थ है क्योंकि यह किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बल्कि, यह समस्याओं को और बढ़ा देती है।

हनुमानजी पर विश्वास

यहां बताया गया है कि व्यक्ति को अपनी चिंताओं को छोड़कर हनुमानजी पर विश्वास करना चाहिए। उनकी कृपा से व्यक्ति सभी कठिनाइयों का सामना कर सकता है। भजन यह भी सिखाता है कि मानसिक शांति केवल भक्ति और आस्था से प्राप्त होती है।


नाम है प्यारा बजरंगी का, जनम सुधारे तेरा

यह पंक्ति हनुमानजी के नाम की महिमा का गुणगान करती है।

  • हनुमानजी का नाम: उनका नाम लेना न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह भक्त के जीवन को भी सही दिशा देता है।
  • जनम सुधारे तेरा: हनुमानजी की भक्ति और उनके नाम का स्मरण व्यक्ति के जीवन को पवित्र और अर्थपूर्ण बनाता है। यह भजन इस बात को भी उजागर करता है कि उनका नाम जपने से व्यक्ति का हर जन्म सफल हो सकता है।

आध्यात्मिक प्रगति

यह पंक्ति आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह संकेत देती है कि नाम स्मरण से व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में उन्नति प्राप्त करता है।


सुबह शाम तू रट ले प्यारे, जब जब दुःख ने घेरा

इस पंक्ति में नियमित रूप से भक्ति करने का महत्व बताया गया है।

  • सुबह और शाम का समय: ये दोनों समय ध्यान और पूजा के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। सुबह का समय नए दिन की शुरुआत का प्रतीक है और शाम का समय दिन की समाप्ति का।
  • दुःख के समय हनुमानजी का स्मरण: यह भजन सिखाता है कि कठिन समय में भी व्यक्ति को अपने विश्वास और भक्ति को बनाए रखना चाहिए। ऐसा करने से न केवल मानसिक बल मिलता है, बल्कि कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने का मार्ग भी मिलता है।
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नियमितता का महत्व

यहां भजन सिखाता है कि भक्ति को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। यह न केवल ईश्वर के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह मनुष्य के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।


‘मीतू’ ने जो सपने देखे, हो गए वो साकार

यहां ‘मीतू’ को एक भक्त का प्रतीक माना गया है, जो अपनी इच्छाओं और सपनों को हनुमानजी की कृपा से पूरा होते देखता है।

  • सपनों की साकारता: यह बताता है कि हनुमानजी की कृपा से व्यक्ति के सपने और इच्छाएं साकार हो सकती हैं।
  • आस्था का प्रभाव: भजन यह भी सिखाता है कि आस्था और भक्ति के साथ किए गए प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाते। हनुमानजी भक्त की मेहनत को फलदायी बनाते हैं।

प्रेरणा का स्रोत

यह पंक्ति हर भक्त को यह प्रेरणा देती है कि वे अपनी समस्याओं और इच्छाओं के समाधान के लिए हनुमानजी की शरण में जाएं। यह विश्वास जगाती है कि उनके आशीर्वाद से हर सपना पूरा हो सकता है।


मेरे बजरंगी के द्वार, मेरे बजरंगी के द्वार

इस पंक्ति की बार-बार पुनरावृत्ति हनुमानजी के मंदिर को जीवन का केंद्र मानने का प्रतीक है।

  • हनुमानजी के द्वार का महत्व: यह पंक्ति बताती है कि हनुमानजी के द्वार पर जाना समस्याओं से मुक्ति पाने और जीवन में स्थायित्व लाने का माध्यम है।
  • आश्रय स्थल: यह न केवल भौतिक मंदिर का प्रतीक है, बल्कि यह भक्त के हृदय में बसे विश्वास और श्रद्धा का भी प्रतीक है।

श्रद्धा की अभिव्यक्ति

भजन में इस पंक्ति को बार-बार दोहराकर भक्त अपनी गहरी श्रद्धा और विश्वास व्यक्त करता है। यह बताता है कि हनुमानजी का द्वार सभी भक्तों के लिए हमेशा खुला है।


निष्कर्ष: भजन का गहरा संदेश

“शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार” भजन व्यक्ति को जीवन में भक्ति, अनुशासन, और सकारात्मकता का मार्ग दिखाता है।

  1. आध्यात्मिक संदेश: यह भजन सिखाता है कि समस्याओं से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति केवल हनुमानजी की कृपा से प्राप्त हो सकती है।
  2. सामाजिक और व्यक्तिगत प्रेरणा: भजन हमें यह भी सिखाता है कि सांसारिक जीवन की अस्थिरता और मोह-माया से ऊपर उठकर ईश्वर की शरण में जाना चाहिए।
  3. जीवन में भक्ति का महत्व: भजन बार-बार यह दोहराता है कि हनुमानजी के प्रति सच्ची आस्था और नियमित भक्ति व्यक्ति के जीवन को सफल बना सकती है।

इस भजन का हर शब्द हनुमानजी के प्रति गहरी श्रद्धा को प्रकट करता है। यह भक्तों को अपने जीवन में विश्वास और धैर्य बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। हनुमानजी का द्वार सभी भक्तों के लिए एक ऐसा स्थान है जहां हर समस्या का समाधान और हर प्रश्न का उत्तर मिलता है।

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