- – यह गीत गोपाल (कृष्ण) से संकट में पड़े गौवंश की रक्षा की प्रार्थना करता है।
- – गीत में बताया गया है कि जब भी दुनिया में विपदा आई, अवतार लेकर गोपाल ने रक्षा की है।
- – गौवंश के मांस, चर्बी और चमड़े का व्यापार होने से उनकी पीड़ा और संकट को उजागर किया गया है।
- – माँ की बातों के विपरीत गोपाल का वध करवाने की बात कही गई है, जिससे गौवंश की जान खतरे में है।
- – गीत में बाल गोपाल के रूप में पुनः अवतार लेने और गौवंश की रक्षा करने की अपील की गई है।
- – कुल मिलाकर, यह गीत गौवंश की रक्षा और संकट से उबारने के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगता है।

संकट में है अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
दुष्टों से बचा लो प्राण,
दुष्टों से बचा लो प्राण,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे मीत।
जब जब भी विपदा पड़ी जगत पर,
ले अवतार बचाया,
कैसे बयाँ हो मेरी कहानी,
मुझको तो मूक बनाया,
मुझे आके बचा लो नाथ,
मुझे आके बचा लो नाथ,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
मेरा मांस और चर्बी ये चमड़ा,
सब व्यापार बना है,
हार गई है चींखे हमारी,
तू सरकार कहाँ है,
अब सुन लो करुण पुकार,
अब सुन लो करुण पुकार,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
माँ कहते जो वो ही कन्हैया,
मेरा वध करवाए,
जब तक दुःख पिया मेरा फिर,
बोली मेरी लगाए,
अपने में फंसी है मेरी जान,
अपने में फंसी है मेरी जान,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
बन करके बाल गोपाल कन्हैया,
फिर से आना होगा,
कटती गैया तुम्हे पुकारे,
आन बचाना होगा,
अब धीर का रख लो मान,
अब धीर का रख लो मान,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
संकट में है अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
दुष्टों से बचा लो प्राण,
दुष्टों से बचा लो प्राण,
तेरा गौवंश पुकारे रे,
संकट मे हैं अब गोपाल,
तेरा गौवंश पुकारे रे।।
स्वर – मयंक अग्रवाल।
