- – यह गीत भगवान कृष्ण के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।
- – गीत में कृष्ण को सांवरे, सलोने और वीर के रूप में पूजा गया है।
- – संकट के समय भगवान कृष्ण का नाम लेकर आश्रय और सहायता प्राप्त करने की बात कही गई है।
- – कृष्ण के नाम से जीवन में पहचान और सहारा मिलने की अनुभूति व्यक्त की गई है।
- – गीत में कृष्ण की सुंदरता, उनकी विशेषताओं और भक्त की उनकी भक्ति का वर्णन है।
- – यह गीत श्रद्धा, विश्वास और प्रेम से भरा हुआ है, जो भक्त और भगवान के बीच के संबंध को दर्शाता है।

सांवरे सलोने मुझे,
तेरा ही सहारा,
तेरे नाम से ही बाबा,
मेरी पहचान हो गई।।
तर्ज – सांवली सलोनी तेरी झील।
जबसे तुमसे प्रेम हुआ है,
तुझमें मगन रहती हूँ,
दुनिया वाले कुछ भी समझे,
तुमसे ये कहती हूँ,
काँधे पे तेरे केश काले काले,
वीर कहलाये तीन तीर वाले,
भूलूंगी नहीं ये एहसान तुम्हारा,
मेरी हर एक साँसें,
अब तेरे नाम हो गई,
साँवरे सलोने मुझे,
तेरा ही सहारा,
तेरे नाम से ही बाबा,
मेरी पहचान हो गई।।
जब भी कोई संकट आया,
तेरा नाम लिया है,
तूने भी पलभर में बाबा,
मुझको थाम लिया है,
जो मैंने चाहा तुमने दिया है,
एहसान मुझपे तुमने किया है,
तूने थामी मेरी कलाई,
सारी मुश्किलें तबसे,
मेरी आसान हो गई,
साँवरे सलोने मुझे,
तेरा ही सहारा,
तेरे नाम से ही बाबा,
मेरी पहचान हो गई।।
श्याम सांवरे हारे वाले,
सूरत तेरी सुहानी,
मोरछड़ी और सुवड निशानी,
संग घोड़ा आसमानी,
दर पे खड़ी है तेरी दीवानी,
सुनले सांवरे अर्ज़ी हमारी,
हो गई ‘सोमा’ तेरी दीवानी,
खुशियों से ‘माधव’ की,
अब सुबह शाम हो गई,
साँवरे सलोने मुझे,
तेरा ही सहारा,
तेरे नाम से ही बाबा,
मेरी पहचान हो गई।।
सांवरे सलोने मुझे,
तेरा ही सहारा,
तेरे नाम से ही बाबा,
मेरी पहचान हो गई।।
Singer – Sumita Srivastava
