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श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली in Hindi/Sanskrit

ॐ आञ्जनेयाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः ।
ॐ हनूमते नमः ।
ॐ मारुतात्मजाय नमः ।
ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः ।
ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः ।
ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः ।
ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः ।
ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः ।
ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः । 10

ॐ परविद्या परिहाराय नमः ।
ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः ।
ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः ।
ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः ।
ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः ।
ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः ।
ॐ सर्वदुखः हराय नमः ।
ॐ सर्वलोकचारिणे नमः ।
ॐ मनोजवाय नमः ।
ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः । 20

ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः ।
ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः ।
ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः ।
ॐ कपीश्वराय नमः ।
ॐ महाकायाय नमः ।
ॐ सर्वरोगहराय नमः ।
ॐ प्रभवे नमः ।
ॐ बल सिद्धिकराय नमः ।
ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः ।
ॐ कपिसेनानायकाय नमः । 30

ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः ।
ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः ।
ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः ।
ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः ।
ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः ।
ॐ महाबल पराक्रमाय नमः ।
ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः ।
ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः ।
ॐ सागरोत्तारकाय नमः ।
ॐ प्राज्ञाय नमः । 40

ॐ रामदूताय नमः ।
ॐ प्रतापवते नमः ।
ॐ वानराय नमः ।
ॐ केसरीसुताय नमः ।
ॐ सीताशोक निवारकाय नमः ।
ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः ।
ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः ।
ॐ विभीषण प्रियकराय नमः ।
ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः ।
ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः । 50

ॐ वज्रकायाय नमः ।
ॐ महाद्युथये नमः ।
ॐ चिरञ्जीविने नमः ।
ॐ रामभक्ताय नमः ।
ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः
ॐ अक्षहन्त्रे नमः ।
ॐ काञ्चनाभाय नमः ।
ॐ पञ्चवक्त्राय नमः ।
ॐ महातपसे नमः ।
ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः । 60

ॐ श्रीमते नमः ।
ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः ।
ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः ।
ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः ।
ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः ।
ॐ धीराय नमः ।
ॐ शूराय नमः ।
ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः ।
ॐ सुरार्चिताय नमः ।
ॐ महातेजसे नमः । 70

ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः ।
ॐ कामरूपिणे नमः ।
ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः ।
ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः ।
ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः ।
ॐ विजितेन्द्रियाय नमः ।
ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः ।
ॐ महारावण मर्धनाय नमः ।
ॐ स्फटिकाभाय नमः ।
ॐ वागधीशाय नमः । 80

ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः ।
ॐ चतुर्बाहवे नमः ।
ॐ दीनबन्धुराय नमः ।
ॐ मायात्मने नमः ।
ॐ भक्तवत्सलाय नमः ।
ॐ संजीवननगायार्था नमः ।
ॐ सुचये नमः ।
ॐ वाग्मिने नमः ।
ॐ दृढव्रताय नमः ।
ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः । 90

ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः ।
ॐ दान्ताय नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ प्रसन्नात्मने नमः ।
ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः ।
ॐ योगिने नमः ।
ॐ रामकथा लोलाय नमः ।
ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः ।
ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः ।
ॐ वज्रनखाय नमः । 100

ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः ।
ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः ।
ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः ।
ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः ।
ॐ दशबाहवे नमः ।
ॐ लोकपूज्याय नमः ।
ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः ।
ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः । 108

Shri Hanuman Ashtottara-Shatnam Namavali in English

Om Anjaneyaya Namah
Om Mahaviraya Namah
Om Hanumate Namah
Om Marutatmajaya Namah
Om Tatvajnanapradaya Namah
Om Sitadevimudrapradayakaya Namah
Om Ashokavanakachhetre Namah
Om Sarvamayavibhanjanaya Namah
Om Sarvabandhavimoktre Namah
Om Rakshovidhvansakarakaya Namah

Om Paravidya Pariharaya Namah
Om Parashaurya Vinashanaya Namah
Om Paramatra Nirakartre Namah
Om Parayantra Prabhedakaya Namah
Om Sarvagraha Vinashine Namah
Om Bhimasena Sahayakrte Namah
Om Sarvadukha Haraya Namah
Om Sarvalokacharaya Namah
Om Manojavaya Namah
Om Parijata Drumulasthaya Namah

Om Sarvamantra Svarupavate Namah
Om Sarvatantra Svarupine Namah
Om Sarvayantratmakaya Namah
Om Kapishvaraya Namah
Om Mahakayaya Namah
Om Sarvarogaharaya Namah
Om Prabhave Namah
Om Balasiddhikaraya Namah
Om Sarvavidya Sampatipradayakaya Namah
Om Kapisenanayakaya Namah

Om Bhavishyathchaturananaya Namah
Om Kumara Brahmacharine Namah
Om Ratnakundala Diptimate Namah
Om Chanchaladvala Sannaddhalambamana Shikhojvalaya Namah
Om Gandharva Vidyatattvajnaya Namah
Om Mahabala Parakramaya Namah
Om Karagraha Vimoktre Namah
Om Shrikhala Bandhamochakaya Namah
Om Sagarottarakaya Namah
Om Prajnaya Namah

Om Ramadutaya Namah
Om Pratapavate Namah
Om Vanaraya Namah
Om Kesarisutaya Namah
Om Sitashoka Nivarakaya Namah
Om Anjanagarbha Sambhutaya Namah
Om Balarakasadrashananaya Namah
Om Vibhishana Priyakaraya Namah
Om Dashagriva Kulantakaya Namah
Om Lakshmanapranadatre Namah

Om Vajrakayaya Namah
Om Mahadyutaye Namah
Om Chiranjivine Namah
Om Ramabhaktaya Namah
Om Daityakarya Vighatakaya Namah
Om Akshahantre Namah
Om Kanchanabhaya Namah
Om Panchavaktraya Namah
Om Mahatapase Namah
Om Lankini Bhanjanaya Namah

Om Shrimate Namah
Om Simhika Pranabhanjanaya Namah
Om Gandhamadana Shailasthaya Namah
Om Lankapura Vidyakaya Namah
Om Sugriva Sachivaya Namah
Om Dhiraya Namah
Om Shuraya Namah
Om Daityakulantakaya Namah
Om Surarchitaya Namah
Om Mahatejase Namah

Om Ramachudamanipradayakaya Namah
Om Kamarupine Namah
Om Pingalakshaya Namah
Om Vardhimainaka Pujitaya Namah
Om Kabalikrita Martandamandalaya Namah
Om Vijitendriyaya Namah
Om Ramasugriva Sandhatre Namah
Om Maharavana Mardhanaya Namah
Om Sphatikabhaya Namah
Om Vagadhishaya Namah

Om Navavyakritapanditaya Namah
Om Chaturbahave Namah
Om Dinabandhuraya Namah
Om Mayatmane Namah
Om Bhaktavatsalaya Namah
Om Sanjivananagarthyaya Namah
Om Suchaye Namah
Om Vagmane Namah
Om Dridhavrataya Namah
Om Kalanemi Pramathanaya Namah

Om Harimarkata Markataya Namah
Om Dantaya Namah
Om Shantaya Namah
Om Prasannatmane Namah
Om Shatakantamudapahartre Namah
Om Yogine Namah
Om Ramakatha Lolaya Namah
Om Sitanveshana Panditaya Namah
Om Vajradanushtaya Namah
Om Vajranakhaya Namah

Om Rudra Virya Samudbhavaya Namah
Om Indrajitprahitamoghbrahmastra Vinivarakaya Namah
Om Partha Dhvajagrasamvasine Namah
Om Sharapanjara Bhedakaya Namah
Om Dashabahave Namah
Om Lokapujyaya Namah
Om Jambavatpritivardhanaya Namah
Om Sitasameta Shriramapada Sevadurandharaya Namah

श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली PDF Download

हनुमान जी के 108 नामों का महत्व और उनका अर्थ

हनुमान जी को हिन्दू धर्म में परम भक्त, शक्ति, बुद्धि, और भक्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। उनकी उपासना से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। यहाँ हनुमान जी के 108 नामों का विस्तृत विवरण दिया गया है, जो उनके गुणों, शक्तियों और कार्यों को दर्शाते हैं।

हनुमान जी के 10 प्रथम नाम

1. ॐ आञ्जनेयाय नमः

  • अर्थ: माता अंजना के पुत्र, हनुमान जी का यह नाम उनके जन्म का परिचय देता है।

2. ॐ महावीराय नमः

  • अर्थ: असीम साहस और वीरता के प्रतीक, हनुमान जी को महावीर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अनेक दुष्टों का विनाश किया है।

3. ॐ हनूमते नमः

  • अर्थ: जिनका चेहरा विकृत है, हनुमान जी के इस नाम का संबंध उनकी बाल्यावस्था में सूर्य को निगलने की घटना से है।

4. ॐ मारुतात्मजाय नमः

  • अर्थ: पवन देव के पुत्र, हनुमान जी का यह नाम उनके पितृ संबंध को दर्शाता है।

5. ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः

  • अर्थ: तत्व ज्ञान को देने वाले, हनुमान जी सभी ज्ञानों के ज्ञाता हैं और उन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है।

6. ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः

  • अर्थ: सीता माता की मुद्रिका (अंगूठी) देने वाले, हनुमान जी ने माता सीता को श्रीराम की अंगूठी देकर उनके संदेश को पहुंचाया था।

7. ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः

  • अर्थ: अशोक वन का विनाश करने वाले, हनुमान जी ने अशोक वाटिका में लंका दहन किया था।

8. ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः

  • अर्थ: सभी माया का विनाश करने वाले, हनुमान जी ने अपनी बुद्धि से रावण की माया का नाश किया।

9. ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः

  • अर्थ: सभी बंधनों से मुक्ति दिलाने वाले, हनुमान जी ने अनेक बार अपने भक्तों को बंधनों से मुक्त किया।

10. ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः

  • अर्थ: राक्षसों का संहार करने वाले, हनुमान जी ने राक्षसों का विनाश किया और धर्म की रक्षा की।

हनुमान जी के 11 से 20 तक के नाम

11. ॐ परविद्या परिहाराय नमः

  • अर्थ: दुर्जनों की विद्या को नष्ट करने वाले।

12. ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः

  • अर्थ: दूसरों के शौर्य का नाश करने वाले।

13. ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः

  • अर्थ: शत्रुओं के मंत्रों का नाश करने वाले।

14. ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः

  • अर्थ: शत्रुओं के यंत्रों को नष्ट करने वाले।

15. ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः

  • अर्थ: सभी ग्रह दोषों को नष्ट करने वाले।

16. ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः

  • अर्थ: महाभारत में भीमसेन के सहायक।

17. ॐ सर्वदुखः हराय नमः

  • अर्थ: सभी दुखों को हरने वाले।

18. ॐ सर्वलोकचारिणे नमः

  • अर्थ: जो सभी लोकों में विचरण करते हैं।

19. ॐ मनोजवाय नमः

  • अर्थ: मन के समान वेग वाले।

20. ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः

  • अर्थ: पारिजात वृक्ष के नीचे निवास करने वाले।

हनुमान जी के 21 से 30 तक के नाम

21. ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः

  • अर्थ: जो सभी मंत्रों के स्वरूप हैं।

22. ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः

  • अर्थ: जो सभी तंत्रों के स्वरूप हैं।

23. ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः

  • अर्थ: जो सभी यंत्रों के रूप में विद्यमान हैं।

24. ॐ कपीश्वराय नमः

  • अर्थ: वानरों के स्वामी।

25. ॐ महाकायाय नमः

  • अर्थ: विशाल शरीर वाले।

26. ॐ सर्वरोगहराय नमः

  • अर्थ: सभी रोगों का नाश करने वाले।

27. ॐ प्रभवे नमः

  • अर्थ: महान प्रभुता वाले।

28. ॐ बल सिद्धिकराय नमः

  • अर्थ: बल और सिद्धि देने वाले।

29. ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः

  • अर्थ: सभी प्रकार की विद्या और संपत्ति देने वाले।

30. ॐ कपिसेनानायकाय नमः

  • अर्थ: वानर सेना के सेनानायक।

हनुमान जी के 31 से 40 तक के नाम

31. ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः

  • अर्थ: भविष्य में चार मुख वाले।

32. ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः

  • अर्थ: कुमार अवस्था में ब्रह्मचारी रहने वाले।

33. ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः

  • अर्थ: जिनके कानों में रत्नजड़ित कुंडल की ज्योति चमकती है।

34. ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः

  • अर्थ: जिनकी पूंछ अग्नि की भांति दहकती है।

35. ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः

  • अर्थ: गंधर्व विद्या के तत्व को जानने वाले।

36. ॐ महाबल पराक्रमाय नमः

  • अर्थ: महान बल और पराक्रम वाले।

37. ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः

  • अर्थ: बंदीगृह से मुक्त करने वाले।

38. ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः

  • अर्थ: बंधनों को काटने वाले।

39. ॐ सागरोत्तारकाय नमः

  • अर्थ: समुद्र को पार करने वाले।

40. ॐ प्राज्ञाय नमः

  • अर्थ: अत्यंत बुद्धिमान।

हनुमान जी के 41 से 50 तक के नाम

41. ॐ रामदूताय नमः

  • अर्थ: श्रीराम के दूत।

42. ॐ प्रतापवते नमः

  • अर्थ: महान प्रताप वाले।

43. ॐ वानराय नमः

  • अर्थ: वानर रूप में अवतार लेने वाले।

44. ॐ केसरीसुताय नमः

  • अर्थ: केसरी के पुत्र।

45. ॐ सीताशोक निवारकाय नमः

  • अर्थ: सीता के शोक को दूर करने वाले।

46. ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः

  • अर्थ: अंजना के गर्भ से जन्म लेने वाले।

47. ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः

  • अर्थ: जिनका मुख बाल सूर्य के समान है।

48. ॐ विभीषण प्रियकराय नमः

  • अर्थ: विभीषण के प्रिय मित्र।

49. ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः

  • अर्थ: रावण के कुल का विनाश करने वाले।

50. ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः

  • अर्थ: लक्ष्मण को पुनः जीवन देने वाले।

हनुमान जी के 51 से 60 तक के नाम

51. ॐ वज्रकायाय नमः

  • अर्थ: वज्र के समान कठोर शरीर वाले।

52. ॐ महाद्युथये नमः

  • अर्थ: महान तेजस्वी।

53. ॐ चिरञ्जीविने नमः

  • अर्थ: अमर रहने वाले।

54. ॐ रामभक्ताय नमः

  • अर्थ: श्रीराम के भक्त।

55. ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः

  • अर्थ: दैत्यों के कार्य को विफल करने वाले।

56. ॐ अक्षहन्त्रे नमः

  • अर्थ: अक्षयकुमार का वध करने वाले।

57. ॐ काञ्चनाभाय नमः

  • अर्थ: स्वर्ण के समान आभा वाले।

58. ॐ पञ्चवक्त्राय नमः

  • अर्थ: पांच मुख वाले।

59. ॐ महातपसे नमः

  • अर्थ: महान तपस्वी।

60. ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः

  • अर्थ: लंकिनी का वध करने वाले।

हनुमान जी के 61 से 70 तक के नाम

61. ॐ श्रीमते नमः

  • अर्थ: महान।

62. ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः

  • अर्थ: सिंहिका के प्राणों का नाश करने वाले।

63. ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः

  • अर्थ: गन्धमादन पर्वत पर निवास करने वाले।

64. ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः

  • अर्थ: लंका का विनाश करने वाले।

65. ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः

  • अर्थ: सुग्रीव के सलाहकार।

66. ॐ धीराय नमः

  • अर्थ: धैर्यवान।

67. ॐ शूराय नमः

  • अर्थ: पराक्रमी।

68. ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः

  • अर्थ: दैत्य कुल का नाश करने वाले।

69. ॐ सुरार्चिताय नमः

  • अर्थ: देवताओं द्वारा पूजित।

70. ॐ महातेजसे नमः

  • अर्थ: महान तेजस्वी।

हनुमान जी के 71 से 80 तक के नाम

71. ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः

  • अर्थ: श्रीराम को चूड़ामणि देने वाले।

72. ॐ कामरूपिणे नमः

  • अर्थ: अपनी इच्छानुसार रूप बदलने वाले।

73. ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः

  • अर्थ: जिनकी आँखें सुनहरी हैं।

74. ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः

  • अर्थ: जिनकी वार्धि और मैनाक द्वारा पूजा की जाती है।

75. ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः

  • अर्थ: सूर्य मण्डल को निगलने वाले।

76. ॐ विजितेन्द्रियाय नमः

  • अर्थ: इन्द्रियों को वश में रखने वाले।

77. ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः

  • अर्थ: राम और सुग्रीव के बीच मित्रता कराने वाले।

78. ॐ महारावण मर्धनाय नमः

  • अर्थ: महारावण का विनाश करने वाले।

79. ॐ स्फटिकाभाय नमः

  • अर्थ: स्फटिक मणि के समान आभा वाले।

80. ॐ वागधीशाय नमः

  • अर्थ: वाणी के अधिपति।

हनुमान जी के 81 से 90 तक के नाम

81. ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः

  • अर्थ: नव व्याकरण के ज्ञाता।

82. ॐ चतुर्बाहवे नमः

  • अर्थ: चार भुजाओं वाले।

83. ॐ दीनबन्धुराय नमः

  • अर्थ: दीनों के बन्धु।

84. ॐ मायात्मने नमः

  • अर्थ: माया के अधिपति।

85. ॐ भक्तवत्सलाय नमः

  • अर्थ: भक्तों के प्रति स्नेही।

86. ॐ संजीवननगायार्था नमः

  • अर्थ: संजीवनी पर्वत को लाने वाले।

87. ॐ सुचये नमः

  • अर्थ: पवित्र और शुद्ध।

88. ॐ वाग्मिने नमः

  • अर्थ: वाणी में निपुण।

89. ॐ दृढव्रताय नमः

  • अर्थ: दृढ़ संकल्प वाले।

90. ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः

  • अर्थ: कालनेमि का विनाश करने वाले।

हनुमान जी के 91 से 100 तक के नाम

91. ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः

  • अर्थ: हरि के प्रिय वानर।

92. ॐ दान्ताय नमः

  • अर्थ: संयमित।

93. ॐ शान्ताय नमः

  • अर्थ: शांतचित्त।

94. ॐ प्रसन्नात्मने नमः

  • अर्थ: प्रसन्न आत्मा वाले।

95. ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः

  • अर्थ: शत्रुओं के संकट को हरने वाले।

96. ॐ योगिने नमः

  • अर्थ: योगी, साधना में लीन।

97. ॐ रामकथा लोलाय नमः

  • अर्थ: राम कथा में प्रेम रखने वाले।

98. ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः

  • अर्थ: सीता माता की खोज में निपुण।

99. ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः

  • अर्थ: वज्र के समान दृढ़।

100. ॐ वज्रनखाय नमः

  • अर्थ: वज्र के समान नख वाले।

हनुमान जी के 101 से 108 तक के नाम

101. ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः

  • अर्थ: रुद्र के वीर्य से उत्पन्न।

102. ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः

  • अर्थ: इन्द्रजित द्वारा छोड़े गए ब्रह्मास्त्र को विफल करने वाले।

103. ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः

  • अर्थ: अर्जुन के ध्वज पर रहने वाले।

104. ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः

  • अर्थ: शत्रुओं के बाणों के पिंजरे को भेदने वाले।

105. ॐ दशबाहवे नमः

  • अर्थ: दस भुजाओं वाले।

106. ॐ लोकपूज्याय नमः

  • अर्थ: संपूर्ण लोक में पूजित।

107. ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः

  • अर्थ: जाम्बवंत के प्रिय।

108. ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः

  • अर्थ: सीता सहित श्रीराम के चरणों की सेवा करने वाले।

हनुमान जी के यह 108 नाम उनकी महानता, वीरता, भक्ति और शक्ति का वर्णन करते हैं। इन नामों का जाप और ध्यान करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि मिलती है।

हनुमान जी के 108 नामों का गूढ़ अर्थ और महत्व

हनुमान जी की उपासना का विशेष महत्व है क्योंकि वे शक्ति, भक्ति और ज्ञान के प्रतीक हैं। उनके 108 नाम, उनके विभिन्न गुणों, कृत्यों और रूपों का वर्णन करते हैं। हर नाम एक विशेष घटना या गुण का प्रतीक है, जिससे उनकी महिमा और व्यक्तित्व का विस्तार होता है।

हनुमान जी के नामों का वैदिक और धार्मिक महत्व

हनुमान जी के 108 नामों का उल्लेख विभिन्न धर्मग्रंथों में मिलता है। यह नाम न केवल उनके अद्वितीय गुणों को दर्शाते हैं, बल्कि उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा, साहस, और सेवा भावना को भी प्रकट करते हैं। इनके उच्चारण से साधकों को मानसिक शांति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

हनुमान जी के नामों का वर्गीकरण

1. पराक्रम और शक्ति से जुड़े नाम

हनुमान जी के कुछ नाम जैसे “महावीराय”, “महाबल पराक्रमाय”, “वज्रकायाय”, और “महातेजसे” उनके अद्वितीय पराक्रम और शक्ति का प्रतीक हैं। उन्होंने अपने साहस और बल से समुद्र पार किया, लंका का विनाश किया और राक्षसों का संहार किया।

2. भक्ति और सेवा से जुड़े नाम

“रामदूताय”, “रामभक्ताय”, “सीताशोक निवारकाय”, और “लक्ष्मणप्राणदात्रे” जैसे नाम हनुमान जी की असीम भक्ति और सेवा भावना को दर्शाते हैं। उन्होंने श्रीराम और माता सीता के प्रति अपनी निष्ठा और भक्ति को सदा ही सर्वोपरि रखा।

3. ज्ञान और बुद्धिमत्ता से जुड़े नाम

हनुमान जी के कुछ नाम जैसे “तत्वज्ञानप्रदाय”, “गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय”, और “प्राज्ञाय” उनकी अद्वितीय बुद्धिमत्ता और ज्ञान को दर्शाते हैं। उन्होंने अपनी बुद्धि से श्रीराम की सेवा की और असुरों की माया का नाश किया।

4. रक्षक और उद्धारक रूप के नाम

“सर्वबन्धविमोक्त्रे”, “रक्षोविध्वंसकारकाय”, “सर्वरोगहराय” जैसे नाम हनुमान जी के रक्षक रूप को दर्शाते हैं। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्त करते हैं और उनका उद्धार करते हैं।

हनुमान जी के 108 नामों के पाठ का लाभ

हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह नाम न केवल व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक बल प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी अग्रसर करते हैं।

1. भय और चिंता से मुक्ति

हनुमान जी के नामों का जाप करने से सभी प्रकार के भय और चिंता से मुक्ति मिलती है। उनके नामों का स्मरण करने से व्यक्ति के मन से नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं।

2. स्वास्थ्य लाभ

“सर्वरोगहराय” नाम का जाप करने से सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी को आयुर्वेद और चिकित्सा के प्रतीक के रूप में भी पूजा जाता है।

3. संकटों का निवारण

“सर्वबन्धविमोक्त्रे” और “सर्वदुखः हराय” नामों का जाप करने से सभी प्रकार के संकटों और दुखों का निवारण होता है। हनुमान जी अपने भक्तों के सभी बंधनों को काटते हैं और उन्हें उन्नति की राह दिखाते हैं।

4. आध्यात्मिक उन्नति

“तत्वज्ञानप्रदाय” और “गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय” नामों का जाप करने से साधक को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। हनुमान जी साधक को तत्वज्ञान प्रदान करते हैं और उन्हें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

हनुमान जी के नामों का जाप कैसे करें?

हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने के लिए कुछ विशेष विधियाँ हैं जिन्हें पालन करने से साधक को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

1. शुद्धता का ध्यान

नाम जाप करते समय तन और मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। एकांत स्थान में बैठकर, ध्यान की स्थिति में, हनुमान जी के नामों का स्मरण करें।

2. संपूर्ण विश्वास

हनुमान जी के नामों का जाप करते समय, उन पर संपूर्ण विश्वास और भक्ति के साथ ध्यान लगाएं। यह विश्वास रखें कि हनुमान जी आपके सभी संकटों का निवारण करेंगे।

3. नियमितता

हनुमान जी के नामों का जाप नियमित रूप से करें। प्रतिदिन सुबह या शाम के समय, शांत मन से नामों का उच्चारण करें।

4. ध्यान और मंत्र जाप

हनुमान जी के नामों का जाप करते समय, उनके रूप का ध्यान करें और उन्हें अपने सामने उपस्थित मानें। यह साधना आपकी भक्ति को और भी अधिक प्रभावी बनाएगी।

हनुमान जी के नामों का जाप करते समय सावधानियाँ

हनुमान जी के नामों का जाप करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

1. मन की शुद्धता

नाम जाप करते समय मन को भटकने न दें। मन को एकाग्र रखते हुए, केवल हनुमान जी के नामों पर ध्यान केंद्रित करें।

2. सत्कार्यता

हनुमान जी के नामों का जाप करते समय, किसी भी प्रकार की अशुद्धता या अनैतिकता से दूर रहें। हनुमान जी के नामों का उच्चारण श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।

3. सकारात्मक दृष्टिकोण

जाप करते समय मन में कोई नकारात्मक विचार न लाएं। सकारात्मक दृष्टिकोण और भक्तिभाव से हनुमान जी के नामों का स्मरण करें।

हनुमान जी के 108 नाम उनके विविध गुणों, कृत्यों और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन करते हैं। इन नामों का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

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