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ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा ॥

तुहिंजे दर दे केई,
सजण अचनि सवाली ।
दान वठन सभु दिलि,
सां कोन दिठुभ खाली ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

अंधड़नि खे दिनव,
अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं ।
पाए मन जूं मुरादूं,
सेवक कनि थारू ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

फल फूलमेवा सब्जिऊ,
पोखनि मंझि पचिन ।
तुहिजे महिर मयासा अन्न,
बि आपर अपार थियनी ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

ज्योति जगे थी जगु में,
लाल तुहिंजी लाली ।
अमरलाल अचु मूं वटी,
हे विश्व संदा वाली ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

जगु जा जीव सभेई,
पाणिअ बिन प्यास ।
जेठानंद आनंद कर,
पूरन करियो आशा ॥

ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा ॥

श्री झूलेलाल आरती का हिंदी अर्थ और विवरण

ॐ जय जय शनि महाराज

यह आरती भगवान झूलेलाल की महिमा का वर्णन करती है, जिन्हें सिंधु नदी के देवता और साईं झूलेलाल के रूप में पूजा जाता है। इस आरती के हर श्लोक में उनकी दयालुता, उनकी कृपा और उनकी असीम शक्ति की बात कही गई है। नीचे हम इस आरती के प्रत्येक श्लोक का अर्थ विस्तार से समझेंगे।


ॐ जय जय शनि महाराज, ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा

इस पंक्ति में भगवान झूलेलाल को शनि महाराज और दूलह देवता के रूप में संबोधित किया गया है। यह उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है, जहां “ॐ जय” का अर्थ है “सर्वश्रेष्ठ जयकार हो”।


पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा

इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति प्रेमपूर्वक पूजा करता है, और अपनी सच्ची निष्ठा और भक्ति से भगवान की सेवा करता है, उसे भगवान झूलेलाल आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यहाँ “सिदुक” का अर्थ है सच्चा और दृढ़ विश्वास।


तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली

इस पंक्ति में बताया गया है कि भगवान के दरबार में आकर, भक्त अपने दिल की सभी बातें उनसे साझा कर सकते हैं। भगवान झूलेलाल सबकी प्रार्थनाओं को सुनते हैं, और अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान करते हैं।


दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली

यहाँ यह कहा गया है कि भगवान झूलेलाल के दरबार में आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते। भगवान अपने भक्तों को हमेशा कुछ न कुछ प्रदान करते हैं, चाहे वह दान हो, ज्ञान हो या आशीर्वाद। उनकी कृपा से भक्तों की झोली हमेशा भरी रहती है।


अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं

इसका अर्थ है कि भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की सभी परेशानियों और दुखों को दूर करते हैं। “अंधड़” का मतलब है संकट और कठिनाइयाँ, और “अखडियूँ” का मतलब है बीमारियां या दुख। भगवान झूलेलाल अपने भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति दिलाते हैं।


पाए मन जूं मुरादूं, सेवक कनि थारू

यहाँ कहा गया है कि भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। जो कोई भी भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा से जुड़ा रहता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


फल फूलमेवा सब्जिऊ, पोखनि मंझि पचिन

इसका अर्थ है कि भगवान अपने भक्तों को फल-फूल, मेवे, और सब्जियाँ प्रदान करते हैं। यह प्रतीकात्मक रूप से कहता है कि भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की सभी भौतिक जरूरतों को पूरी करते हैं और उन्हें समृद्धि प्रदान करते हैं।


तुहिजे महिर मयासा अन्न, बि आपर अपार थियनी

यह पंक्ति यह दर्शाती है कि भगवान झूलेलाल की कृपा से उनके भक्तों को भोजन और अन्न की कोई कमी नहीं होती। उनके आशीर्वाद से जीवन में कभी भी अभाव नहीं आता, और उनके भक्त हमेशा भरे-पूरे रहते हैं।


ज्योति जगे थी जगु में, लाल तुहिंजी लाली

यहाँ पर भगवान झूलेलाल की कृपा और उनकी दिव्य ज्योति की बात की गई है। उनकी कृपा से भक्तों के जीवन में प्रकाश आता है, और उनकी “लाली” यानी शक्ति और तेज पूरी दुनिया में फैली हुई है।


अमरलाल अचु मूं वटी, हे विश्व संदा वाली

इसका अर्थ है कि भगवान झूलेलाल अमर हैं और सभी के लिए आश्रय हैं। वह “विश्व संदा वाली” हैं, यानी दुनिया के सभी लोगों के लिए सहारा हैं। उनके संरक्षण में आने वाले सभी भक्तों को सुरक्षा और शांति प्राप्त होती है।


जगु जा जीव सभेई, पाणिअ बिन प्यास

यहाँ कहा गया है कि भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की प्यास बुझाते हैं, चाहे वह भौतिक प्यास हो या आध्यात्मिक। उनके आशीर्वाद से भक्तों की हर प्रकार की प्यास समाप्त हो जाती है, और उन्हें संतोष की अनुभूति होती है।


जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा

इस पंक्ति में भगवान झूलेलाल को उनके एक नाम “जेठानंद” से पुकारा गया है, जो कि उनके भक्तों के लिए उनके प्रेम को दर्शाता है। भगवान उनके सभी भक्तों की आशाओं को पूरा करते हैं और उनके जीवन में आनंद का संचार करते हैं।


ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा

यह अंतिम पंक्ति में एक बार फिर से भगवान झूलेलाल के प्रति जयकारा है, जहां उन्हें “साईं” के रूप में पुकारा गया है, जो कि उनकी दयालुता और दिव्यता का प्रतीक है।


यह आरती भगवान झूलेलाल के प्रति पूर्ण समर्पण, श्रद्धा और भक्ति को अभिव्यक्त करती है। उनके प्रति अर्पित यह प्रार्थना उनके आशीर्वाद और कृपा की कामना करती है।

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