धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now

शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

श्री सूर्य देव – ऊँ जय सूर्य भगवान in Hindi/Sanskrit

ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी ।
तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे ।
तुम हो देव महान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते ॥
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा ।
करे सब तब गुणगान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते॥
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में ।
हो तव महिमा गान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते ।
आदित्य हृदय जपते ॥
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी ।
दे नव जीवनदान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार ।
महिमा तब अपरम्पार ॥
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते ।
बल बृद्धि और ज्ञान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं ।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने ।
तुम ही सर्व शक्तिमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी ।
शुभकारी अंशुमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥

ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan in English

Om Jai Surya Bhagwan,
Jai Ho Dinkar Bhagwan.
Jagat Ke Netra Swaroopa,
Tum Ho Trigun Swaroopa.
Dharat Sab Hi Tav Dhyan,
Om Jai Surya Bhagwan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Saarthi Arun Hain Prabhu Tum,
Shwet Kamal Dhaari.
Tum Chaar Bhujadhaari.
Ashwa Hain Saat Tumhare,
Koti Kiran Pasare.
Tum Ho Dev Mahaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Ushakal Mein Jab Tum,
Udayachal Aate.
Sab Tab Darshan Paate.
Failaate Ujiyaara,
Jaagta Tab Jag Saara.
Kare Sab Tab Gungaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Sandhya Mein Bhuvneshwar,
Astaachal Jaate.
Godhan Tab Ghar Aate.
Godhuli Bela Mein,
Har Ghar Har Aangan Mein.
Ho Tav Mahima Gaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Dev Danuj Nar Naari,
Rishi Munivar Bhajte.
Aditya Hriday Japte.
Strot Ye Mangalkaari,
Iski Hai Rachna Nyari.
De Nav Jeevandaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Tum Ho Trikaal Rachiyata,
Tum Jag Ke Adhaar.
Mahima Tav Aparampaar.
Praanon Ka Sinchan Karke,
Bhakton Ko Apne Dete.
Bal Vriddhi Aur Gyaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Bhuchar Jal Char Khechar,
Sab Ke Ho Praan Tumhi.
Sab Jeevon Ke Praan Tumhi.
Ved Puraan Bakhaane,
Dharm Sabhi Tumhein Maane.
Tum Hi Sarv Shaktimaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Poojan Karti Dishaayein,
Pooje Dash Dikpal.
Tum Bhuvon Ke Pratipaal.
Rituyen Tumhari Daasi,
Tum Shaashwat Avinaashi.
Shubhkaari Anshumaan.
॥ Om Jai Surya Bhagwan..॥

Om Jai Surya Bhagwan,
Jai Ho Dinkar Bhagwan.
Jagat Ke Netra Roopa,
Tum Ho Trigun Swaroopa.
Dharat Sab Hi Tav Dhyan,
Om Jai Surya Bhagwan.

ऊँ जय सूर्य भगवान PDF Download

ऊँ जय सूर्य भगवान का अर्थ

ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान

इस पंक्ति में सूर्य देव की जयकार की जा रही है। “सूर्य भगवान” का मतलब है सूर्य देव, जो जीवन के स्रोत हैं और जो संपूर्ण जगत में प्रकाश एवं उर्जा प्रदान करते हैं। यहाँ पर “दिनकर” का अर्थ भी सूर्य से है, क्योंकि वह दिन के समय को प्रकाशित करते हैं।

जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा

यहाँ सूर्य देव को “जगत के नेत्र” के रूप में वर्णित किया गया है, जिसका अर्थ है कि सूर्य सम्पूर्ण संसार को देखने और देखने योग्य बनाते हैं। “त्रिगुण स्वरूपा” का अर्थ है कि सूर्य सत्त्व, रज और तम – इन तीनों गुणों का स्वरूप हैं जो सृष्टि के सभी तत्वों का निर्माण करते हैं।

धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान

इस पंक्ति में बताया गया है कि सभी जीव-जंतु, मनुष्य और प्रकृति सूर्य देव का ध्यान करते हैं, क्योंकि वही जीवन के आधार हैं। सूर्य भगवान की जय-जयकार से उनके प्रति श्रद्धा प्रकट की गई है।


सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी

यहाँ सूर्य भगवान को अरूण (सूर्य के सारथी) के साथ वर्णित किया गया है। “श्वेत कमलधारी” का अर्थ है कि सूर्य देव का आसन श्वेत कमल है, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक है।

तुम चार भुजाधारी

इसका अर्थ है कि सूर्य भगवान की चार भुजाएं हैं, जो उनके शक्तिशाली स्वरूप का प्रतीक हैं। ये चार भुजाएं उनकी सम्पूर्णता और दिव्यता को प्रकट करती हैं।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे

सूर्य देव के सात घोड़े हैं जो उनकी रथ को खींचते हैं, ये सात घोड़े सात दिनों और सात रंगों का प्रतीक हैं। “कोटी किरण पसारे” का अर्थ है कि सूर्य की किरणें अनंत हैं और वे समस्त जगत में प्रकाश फैलाती हैं।


ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते

यह पंक्ति सूर्य के उदय के समय का वर्णन करती है। “ऊषाकाल” सुबह के समय को कहते हैं, और “उदयाचल” का मतलब है पूरब दिशा। यह सूर्य के प्रकट होने का समय है जब वह पूरब दिशा से उदित होते हैं।

सब तब दर्शन पाते

इसका अर्थ है कि जब सूर्य उदित होते हैं, तो समस्त जीव उनका दर्शन करते हैं। यह उनकी सार्वभौमिकता का प्रतीक है।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा

सूर्य की किरणें समस्त संसार में उजाला फैलाती हैं, जिससे पूरी पृथ्वी जाग्रत हो जाती है और जीवन में ऊर्जा और आशा का संचार होता है।


संध्या में भुवनेश्वर, अस्ताचल जाते

इस पंक्ति में सूर्य के अस्त होने का वर्णन है। “भुवनेश्वर” का अर्थ है पृथ्वी के स्वामी और “अस्ताचल” का मतलब है पश्चिम दिशा। सूर्य जब पश्चिम दिशा में अस्त होते हैं तो दिन का समापन होता है।

गोधन तब घर आते, गोधूलि बेला में

सूर्यास्त के समय गायें अपने घर लौटती हैं। “गोधूलि बेला” उस समय को कहते हैं जब सूरज ढल रहा होता है और वातावरण में धूल और धूप का मिश्रण होता है।


देव दनुज नर नारी, ऋषि मुनिवर भजते

इस पंक्ति में बताया गया है कि देवता, दानव, पुरुष, महिलाएं, और ऋषि-मुनि सभी सूर्य देव की भक्ति करते हैं। यह उनकी सर्व-व्यापकता और सभी द्वारा पूजे जाने का प्रतीक है।

आदित्य हृदय जपते, स्त्रोत ये मंगलकारी

“आदित्य हृदय” एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जो सूर्य देव को समर्पित है। इसका जाप करने से मंगलकारी परिणाम प्राप्त होते हैं और जीवन में शुभता आती है।


तुम हो त्रिकाल रचियता, तुम जग के आधार

यहाँ सूर्य को तीनों काल (भूत, वर्तमान और भविष्य) का रचयिता और जगत का आधार बताया गया है। सूर्य देव समय और सृष्टि का निर्माण और संहार करने वाले हैं।

महिमा तब अपरम्पार

यह बताता है कि सूर्य देव की महिमा असीमित है। उनका प्रभाव और उनके गुणों का वर्णन करना असंभव है।

प्राणों का सिंचन करके, भक्तों को अपने देते बल, वृद्धि और ज्ञान

यहाँ बताया गया है कि सूर्य देव अपने भक्तों को प्राणों की ऊर्जा देकर उनका बल, वृद्धि और ज्ञान को बढ़ाते हैं। सूर्य की किरणें जीवन का संचार करती हैं, जिससे जीवों में बल और ज्ञान का विकास होता है।


भूचर जल चर खेचर, सब के हो प्राण तुम्हीं

यह पंक्ति बताती है कि पृथ्वी पर विचरण करने वाले, जल में रहने वाले और आकाश में उड़ने वाले सभी प्राणियों के प्राण सूर्य देव ही हैं। वे सबके जीवन का स्रोत और पालनहार हैं।

सब जीवों के प्राण तुम्हीं

यहाँ दोहराया गया है कि सूर्य ही समस्त जीवों के प्राण हैं। सूर्य देव की कृपा से ही सभी जीवों में जीवन है, वे सबके पोषक और समर्थक हैं।

वेद पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने

वेद और पुराणों में सूर्य देव की महिमा का वर्णन किया गया है। सभी धर्म और मान्यताएं सूर्य देव को आदर देते हैं और उन्हें शक्ति का सर्वोच्च स्रोत मानते हैं।

तुम ही सर्व शक्तिमान

यहाँ सूर्य देव को सर्वशक्तिमान बताया गया है। वे सभी शक्तियों के स्रोत हैं और उन्हें संसार का सबसे शक्तिशाली देवता माना गया है।


पूजन करती दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल

दसों दिशाएँ सूर्य देव की पूजा करती हैं, क्योंकि सूर्य का प्रकाश सभी दिशाओं में फैलता है। “दिक्पाल” दिशाओं के संरक्षक देवताओं को कहते हैं जो सूर्य देव को आदर देते हैं।

तुम भुवनों के प्रतिपाल

सूर्य देव समस्त भुवनों (संसार) के रक्षक और पोषक हैं। वे सभी स्थानों में अपनी ऊर्जा और जीवन प्रदान करते हैं।


ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी

सूर्य के कारण ही ऋतुएं बदलती हैं। वे शाश्वत (अमर) और अविनाशी हैं, जिनका कभी नाश नहीं होता। सूर्य देव की स्थिति स्थायी और अविनाशी है, जो संसार को निरंतर चलायमान रखती है।

शुभकारी अंशुमान

“अंशुमान” का अर्थ है कि सूर्य देव की किरणें शुभ और कल्याणकारी हैं। वे सम्पूर्ण सृष्टि में प्रसन्नता और समृद्धि लाती हैं।


ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान

अंत में फिर से सूर्य देव की जयकार की गई है। यह उनकी महिमा का वर्णन करने का तरीका है और उनके प्रति आभार प्रकट करने का एक माध्यम भी है।

जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा

यह दोहराया गया है कि सूर्य देव ही जगत के नेत्र हैं, और वे तीनों गुणों (सत्त्व, रज और तम) के रूप में सम्पूर्ण सृष्टि में उपस्थित हैं।

धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान

अंत में सभी प्राणी सूर्य देव का ध्यान करते हैं और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह प्रार्थना और स्तुति का भाव है, जिसमें सूर्य देव की असीम महिमा और महानता का वर्णन है।

शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *