- – श्याम बाबा महान ने अपने शीश का दान देकर महानता प्राप्त की।
- – मुरली वाला (कृष्ण) भी श्याम बाबा का ऋणी हो गया, उनकी भक्ति से प्रसन्न हुआ।
- – बर्बरीक का युद्ध में भाग लेने और अपने वचन का पालन करने का संकल्प उल्लेखित है।
- – कृष्ण ने श्याम बाबा को “प्रभु” नाम दिया और उनका खाटू धाम में पूजन होता है।
- – श्याम बाबा की भक्ति और नाम अमर हो गया है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
- – यह गीत श्याम बाबा की भक्ति और बलिदान को समर्पित है, जिसे कनीष्का ने गाया है।

श्याम बाबा महान,
किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका,
ऋणी हो गया,
श्याम बाबा महान,
किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका,
ऋणी हो गया,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तारीख,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तारीख,
नाम दुनिया में इनका अमर हो गया।।
तर्ज – मेरे रश्के कमर।
माँ से कहने लगे युद्ध देखूंगा मैं,
देख के अब तो परिणाम लौटूंगा मैं,
बोली माँ इधर बोलेगा तू किधर,
माँ ने पूछा तो ऐसा वचन दे दिया,
माँ ने पूछा तो ऐसा वचन दे दिया।।
जो भी हारेगा उसका सहारा बनूँ,
इस वचन से कभी भी ना पीछे हटूं,
बोले कृष्ण भगवान तेरा सच्चा बलिदान,
तेरी भक्ति से मैं तो प्रसन्न हो गया,
तेरी भक्ति से मैं तो प्रसन्न हो गया।।
कृष्ण ने दिया नाम प्रभु कहलाए श्याम,
ये विराजे जहाँ उसका खाटू है धाम,
इन्हें पूजे जहाँ सबको देते वरदान,
इनकी भक्ति में सारा जहाँ खो गया,
इनकी भक्ति में सारा जहाँ खो गया।।
श्याम बाबा महांन,
किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका,
ऋणी हो गया,
श्याम बाबा महान,
किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका,
ऋणी हो गया,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तारीख,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तारीख,
नाम दुनिया में इनका अमर हो गया।।
Singer – Kanishka Negi
