माता सीता अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली in Hindi/Sanskrit
॥ अथ श्रीमदानन्दरामायणान्तर्गत श्री सीताष्टोत्तरशतनामावलिः ॥
ॐ सीतायै नमः ।
ॐ जानक्यै नमः ।
ॐ देव्यै नमः ।
ॐ वैदेह्यै नमः ।
ॐ राघवप्रियायै नमः ।
ॐ रमायै नमः ।
ॐ अवनिसुतायै नमः ।
ॐ रामायै नमः ।
ॐ राक्षसान्तप्रकारिण्यै नमः ।
ॐ रत्नगुप्तायै नमः॥ १० ॥
ॐ मातुलिङ्ग्यै नमह् ।
ॐ मैथिल्यै नमः ।
ॐ भक्ततोषदायै नमः ।
ॐ पद्माक्षजायै नमः ।
ॐ कञ्जनेत्रायै नमः ।
ॐ स्मितास्यायै नमः ।
ॐ नूपुरस्वनायै नमः ।
ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः ।
ॐ मायै नमः ।
ॐ श्रियै नमः॥ २० ॥
ॐ मुक्तिदायै नमः ।
ॐ कामपूरण्यै नमः ।
ॐ नृपात्मजायै नमः ।
ॐ हेमवर्णायै नमः ।
ॐ मृदुलाङ्ग्यै नमः ।
ॐ सुभाषिण्यै नमः ।
ॐ कुशाम्बिकायै नमः ।
ॐ दिव्यदायै नमः ।
ॐ लवमात्रे नमः ।
ॐ मनोहरायै नमः॥ ३० ॥
ॐ हनुमद् वन्दितपदायै नमः ।
ॐ मुक्तायै नमः ।
ॐ केयूरधारिण्यै नमः ।
ॐ अशोकवनमध्यस्थायै नमः ।
ॐ रावणादिकमोहिण्यै नमः ।
ॐ विमानसंस्थितायै नमः ।
ॐ सुभृवे नमः ।
ॐ सुकेश्यै नमः ।
ॐ रशनान्वितायै नमः ।
ॐ रजोरूपायै नमः॥ ४० ॥
ॐ सत्वरूपायै नमः ।
ॐ तामस्यै नमः ।
ॐ वह्निवासिन्यै नमः ।
ॐ हेममृगासक्त चित्तयै नमः ।
ॐ वाल्मीकाश्रम वासिन्यै नमः ।
ॐ पतिव्रतायै नमः ।
ॐ महामायायै नमः ।
ॐ पीतकौशेय वासिन्यै नमः ।
ॐ मृगनेत्रायै नमः ।
ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः॥ ५० ॥
ॐ धनुर्विद्या विशारदायै नमः ।
ॐ सौम्यरूपायै नमः
ॐ दशरथस्तनुषाय नमः ।
ॐ चामरवीजितायै नमः ।
ॐ सुमेधा दुहित्रे नमः ।
ॐ दिव्यरूपायै नमः ।
ॐ त्रैलोक्य पालिन्यै नमः ।
ॐ अन्नपूर्णायै नमः ।
ॐ महाल्क्ष्म्यै नमः ।
ॐ धिये नमः॥ ६० ॥
ॐ लज्जायै नमः ।
ॐ सरस्वत्यै नमः ।
ॐ शान्त्यै नमः ।
ॐ पुष्ट्यै नमः ।
ॐ शमायै नमः ।
ॐ गौर्यै नमः ।
ॐ प्रभायै नमः ।
ॐ अयोध्यानिवासिन्यै नमः ।
ॐ वसन्तशीतलायै नमः ।
ॐ गौर्यै नमः॥ ७० ॥
ॐ स्नान सन्तुष्ट मानसायै नमः ।
ॐ रमानाम भद्रसंस्थायै नमः ।
ॐ हेमकुम्भपयोधरायै नमः ।
ॐ सुरार्चितायै नमः ।
ॐ धृत्यै नमः ।
ॐ कान्त्यै नमः ।
ॐ स्मृत्यै नमः ।
ॐ मेधायै नमः ।
ॐ विभावर्यै नमः ।
ॐ लघूधरायै नमः॥ ८० ॥
ॐ वारारोहायै नमः ।
ॐ हेमकङ्कणमण्दितायै नमः ।
ॐ द्विजपत्न्यर्पितनिजभूषायै नमः ।
ॐ रघवतोषिण्यै नमः ।
ॐ श्रीरामसेवनरतायै नमः ।
ॐ रत्नताटङ्क धारिण्यै नमः ।
ॐ रामवामाङ्कसंस्थायै नमः ।
ॐ रामचन्द्रैक रञ्जिन्यै नमः ।
ॐ सरयूजल सङ्क्रीडा कारिण्यै नमः ।
ॐ राममोहिण्यै नमः॥ ९० ॥
ॐ सुवर्ण तुलितायै नमः ।
ॐ पुण्यायै नमः ।
ॐ पुण्यकीर्तये नमः ।
ॐ कलावत्यै नमः ।
ॐ कलकण्ठायै नमः ।
ॐ कम्बुकण्ठायै नमः ।
ॐ रम्भोरवे नमः ।
ॐ गजगामिन्यै नमः ।
ॐ रामार्पितमनसे नमः ।
ॐ रामवन्दितायै नमः॥ १०० ॥
ॐ राम वल्लभायै नमः ।
ॐ श्रीरामपद चिह्नाङ्गायै नमः ।
ॐ राम रामेति भाषिण्यै नमः ।
ॐ रामपर्यङ्कशयनायै नमः ।
ॐ रामाङ्घ्रिक्षालिण्यै नमः ।
ॐ वरायै नमः ।
ॐ कामधेन्वन्नसन्तुष्टायै नमः ।
ॐ मातुलिङ्गकराधृतायै नमः ।
ॐ दिव्यचन्दन संस्थायै नमः ।
ॐ श्रियै नमः।
ॐ मूलकासुरमर्दिन्यै नमः॥ १११ ॥
Sita Ashtottara Shatnam Namavali in English
॥ Ath Shrimadanandaramayanantargat Shri Sitaashtottarashatanamavali ॥
Om Sitayai Namah
Om Janakyai Namah
Om Devyai Namah
Om Vaidehyai Namah
Om Raghavapriyayi Namah
Om Ramayai Namah
Om Avanisutayai Namah
Om Ramayai Namah
Om Rakshasantaprakarinai Namah
Om Ratnaguptayai Namah ॥ 10 ॥
Om Matulingyai Namah
Om Maithilyai Namah
Om Bhaktatoshadayai Namah
Om Padmakshajayai Namah
Om Kanjanetrayai Namah
Om Smitasyayai Namah
Om Nupurasvanayai Namah
Om Vaikunthanilayai Namah
Om Mayayai Namah
Om Shriyai Namah ॥ 20 ॥
Om Muktidayai Namah
Om Kamapuranai Namah
Om Nripatmajayai Namah
Om Hemavarnayai Namah
Om Mridulangyai Namah
Om Subhashinyai Namah
Om Kushambikayai Namah
Om Divyadayai Namah
Om Lavamatre Namah
Om Manoharayai Namah ॥ 30 ॥
Om Hanumadvanditapadayai Namah
Om Muktayai Namah
Om Keyuradharinai Namah
Om Ashokavanamadhyasthayai Namah
Om Ravandikamohinyai Namah
Om Vimanamsitayai Namah
Om Subhrave Namah
Om Sukeshyai Namah
Om Rashanannitayai Namah
Om Rajorupayai Namah ॥ 40 ॥
Om Satvarupayai Namah
Om Tamasayai Namah
Om Vahnivasinyai Namah
Om Hemamrigasaktachittayai Namah
Om Valmikashramavasinyai Namah
Om Pativratayai Namah
Om Mahamayayai Namah
Om Pitakousheyavasinyai Namah
Om Mriganetrayai Namah
Om Bimboshthayai Namah ॥ 50 ॥
Om Dhanurvidya Visharadayai Namah
Om Saumyarupayai Namah
Om Dasharathastanushai Namah
Om Chamaravijitayai Namah
Om Sumedha Duhitre Namah
Om Divyarupayai Namah
Om Trailokyapalinai Namah
Om Annapurnayai Namah
Om Mahalakshmyai Namah
Om Dhiye Namah ॥ 60 ॥
Om Lajyayai Namah
Om Sarasvatyai Namah
Om Shantyai Namah
Om Pushtyai Namah
Om Shamayai Namah
Om Gauryai Namah
Om Prabhayai Namah
Om Ayodhyani Vasinyai Namah
Om Vasantashitalayai Namah
Om Gauryai Namah ॥ 70 ॥
Om Snanasantushta Manasayai Namah
Om Ramanam Bhadrasamsthayai Namah
Om Hemakumbhapayodharayai Namah
Om Surarchitayai Namah
Om Dhritayai Namah
Om Kantyai Namah
Om Smritayai Namah
Om Medhayai Namah
Om Vibhavaryai Namah
Om Lagudharayai Namah ॥ 80 ॥
Om Vararohayai Namah
Om Hemakankanamanditayai Namah
Om Dvijapatnyarpitani Bhushayai Namah
Om Raghavatoshinyai Namah
Om Shriramasevanaratayai Namah
Om Ratnataatanga Dharinyai Namah
Om Ramavamankasthayai Namah
Om Ramachandraika Ranjinyai Namah
Om Sarayujala Sankridakarinai Namah
Om Ramamohinyai Namah ॥ 90 ॥
Om Suvarnatulitayai Namah
Om Punyayai Namah
Om Punyakirtaye Namah
Om Kalavatayi Namah
Om Kalakantayai Namah
Om Kambukantayai Namah
Om Rambhorave Namah
Om Gajagaminyai Namah
Om Ramarpitamanase Namah
Om Ramavanditayai Namah ॥ 100 ॥
Om Ramavallabhayai Namah
Om Shriramapadachihnangayai Namah
Om Ramarameti Bhashinyai Namah
Om Ramaparyankashayanayai Namah
Om Ramanghrikshalinyai Namah
Om Varayai Namah
Om Kamadhenvanna Santushtayai Namah
Om Matulingakaradhritayai Namah
Om Divyachandanam Samsthayai Namah
Om Shriyai Namah
Om Mulakasuramardinyai Namah ॥ 111 ॥
श्री सीता अष्टोत्तरशतनामावलिः PDF Download
श्री सीता अष्टोत्तरशतनामावलिः का अर्थ
परिचय
श्री सीता अष्टोत्तरशतनामावलि एक दिव्य स्तोत्र है जिसमें माँ सीता के 108 नामों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र श्रीमद आनंद रामायण के अंतर्गत आता है और इसमें माँ सीता के गुण, शक्ति, और महिमा का वर्णन किया गया है। इन 108 नामों के माध्यम से, भक्तजन माँ सीता के अलग-अलग स्वरूपों को पूजते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सीता अष्टोत्तरशतनाम के नाम
हनुमान द्वारा वंदित नाम (नाम 1-10)
- ॐ सीतायै नमः – माँ सीता को नमन।
- ॐ जानक्यै नमः – राजा जनक की पुत्री को नमन।
- ॐ देव्यै नमः – देवी स्वरूपा को नमन।
- ॐ वैदेह्यै नमः – वैदेही (विदेह की पुत्री) को नमन।
- ॐ राघवप्रियायै नमः – भगवान राम की प्रिय को नमन।
- ॐ रमायै नमः – सुख और शांति की देवी को नमन।
- ॐ अवनिसुतायै नमः – पृथ्वी की पुत्री को नमन।
- ॐ रामायै नमः – श्रीराम की अर्धांगिनी को नमन।
- ॐ राक्षसान्तप्रकारिण्यै नमः – राक्षसों का अंत करने वाली को नमन।
- ॐ रत्नगुप्तायै नमः – रत्नों से संरक्षित देवी को नमन।
गुणों की देवी (नाम 11-20)
- ॐ मातुलिङ्ग्यै नमः – माँ के रूप में आदर्श को नमन।
- ॐ मैथिल्यै नमः – मिथिला की कन्या को नमन।
- ॐ भक्ततोषदायै नमः – भक्तों को संतोष प्रदान करने वाली को नमन।
- ॐ पद्माक्षजायै नमः – कमल के समान नेत्र वाली को नमन।
- ॐ कञ्जनेत्रायै नमः – कमल के समान सुंदर नेत्रों वाली को नमन।
- ॐ स्मितास्यायै नमः – मुस्कान से युक्त मुख वाली को नमन।
- ॐ नूपुरस्वनायै नमः – जिनके पायलों की ध्वनि गूंजती हो, उन्हें नमन।
- ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः – वैकुण्ठधाम में निवास करने वाली को नमन।
- ॐ मायायै नमः – माया की अधिष्ठात्री को नमन।
- ॐ श्रियै नमः – समृद्धि की देवी को नमन।
मुक्तिदायिनी सीता (नाम 21-30)
- ॐ मुक्तिदायै नमः – मोक्ष प्रदान करने वाली को नमन।
- ॐ कामपूरण्यै नमः – कामनाओं को पूर्ण करने वाली को नमन।
- ॐ नृपात्मजायै नमः – राजा की पुत्री को नमन।
- ॐ हेमवर्णायै नमः – स्वर्ण के समान कांतिवाली को नमन।
- ॐ मृदुलाङ्ग्यै नमः – मृदु और कोमल अंग वाली को नमन।
- ॐ सुभाषिण्यै नमः – मधुर भाषण करने वाली को नमन।
- ॐ कुशाम्बिकायै नमः – कुश की माला धारण करने वाली को नमन।
- ॐ दिव्यदायै नमः – दिव्य धारण करने वाली को नमन।
- ॐ लवमात्रे नमः – छोटे लव (कण) के रूप में रहने वाली को नमन।
- ॐ मनोहरायै नमः – मन को हरने वाली को नमन।
हनुमान द्वारा वंदित सीता (नाम 31-40)
- ॐ हनुमद्वन्दितपदायै नमः – जिनके चरणों को हनुमान ने प्रणाम किया, उन्हें नमन।
- ॐ मुक्तायै नमः – मुक्त स्वरूपा को नमन।
- ॐ केयूरधारिण्यै नमः – कंगन धारण करने वाली को नमन।
- ॐ अशोकवनमध्यस्थायै नमः – अशोक वाटिका में निवास करने वाली को नमन।
- ॐ रावणादिकमोहिण्यै नमः – रावण को मोह में डालने वाली को नमन।
- ॐ विमानसंस्थितायै नमः – विमान में स्थित होने वाली को नमन।
- ॐ सुभृवे नमः – सुंदर भुजाओं वाली को नमन।
- ॐ सुकेश्यै नमः – सुंदर केशों वाली को नमन।
- ॐ रशनान्वितायै नमः – रशना (कमरपट्टा) से युक्त होने वाली को नमन।
- ॐ रजोरूपायै नमः – रजोगुण से युक्त होने वाली को नमन।
सीता के रूप में देवी (नाम 41-50)
- ॐ सत्वरूपायै नमः – सत्वगुण की अधिष्ठात्री को नमन।
- ॐ तामस्यै नमः – तामसगुण वाली को नमन।
- ॐ वह्निवासिन्यै नमः – अग्नि में निवास करने वाली को नमन।
- ॐ हेममृगासक्तचित्तायै नमः – स्वर्ण मृग पर मन लगाने वाली को नमन।
- ॐ वाल्मीकाश्रमवासिन्यै नमः – वाल्मीकि के आश्रम में निवास करने वाली को नमन।
- ॐ पतिव्रतायै नमः – पतिव्रता स्त्री को नमन।
- ॐ महामायायै नमः – महामाया स्वरूपा को नमन।
- ॐ पीतकौशेयवासिन्यै नमः – पीले वस्त्र धारण करने वाली को नमन।
- ॐ मृगनेत्रायै नमः – हिरण के समान नेत्र वाली को नमन।
- ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः – बिम्बफल के समान ओष्ठ वाली को नमन।
सीता के अन्य नाम (नाम 51-111)
इस अष्टोत्तरशतनाम में आगे और भी कई नाम आते हैं जो माँ सीता के विविध रूपों और गुणों का वर्णन करते हैं। इनके प्रत्येक नाम का अलग-अलग महत्व है, जैसे कि उनका सौम्य स्वरूप, समर्पण, शील, और राम के प्रति उनकी निष्ठा। यह स्तोत्र भक्तों के लिए एक दिव्य साधना का साधन है।
सीता अष्टोत्तरशतनाम का पाठ विधि
हवन और पूजा विधि
- स्नान: पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- ध्यान: माँ सीता का ध्यान करें और उनके चित्र या मूर्ति के समक्ष बैठें।
- आसन: कुशा के आसन पर बैठकर यह स्तोत्र पाठ करें।
- धूप-दीप: धूप, दीप, और पुष्प अर्पित करें।
- पाठ: प्रत्येक नाम के साथ “ॐ” और “नमः” शब्दों का उच्चारण करें।
- समर्पण: अंत में आरती करें और माँ सीता से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
निष्कर्ष
श्री सीता अष्टोत्तरशतनामावलि एक अत्यंत पवित्र स्तोत्र है, जिसे भक्तजन श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ते हैं। यह स्तोत्र माँ सीता के अद्भुत रूपों का दर्शन कराता है और उनके अनंत गुणों का वर्णन करता है। इस स्तोत्र के पाठ से न केवल भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि वे माँ सीता की कृपा और आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं।