- – गीत में व्यक्ति अपने परिवार से कहकर दुनिया की ताने-टोक सहने की बात करता है।
- – वह खाटू श्याम के दर्शन करके घर लौटने पर बच्चों और पड़ोसियों की प्रतिक्रियाओं का वर्णन करता है।
- – गीत में व्यक्ति की भावनाएं, जैसे आंखों का भर आना और नजर झुकाना, व्यक्त की गई हैं।
- – व्यक्ति दानी होने के बावजूद सहने की सीमा पर पहुंच चुका है और अपनी फरियाद श्याम से करता है।
- – ‘सोनू’ नामक दातार से वह अपनी मजबूरी और बात कहने की हिम्मत दिखाता है।
- – गीत का मुख्य संदेश है कि जीवन में ताने सुनकर भी परिवार और ईश्वर के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

ताने सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ,
सुन लेगा श्याम मेरी आगे मर्जी तेरी,
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
लौटूँ घर जब खाटू वाले,
बच्चे मेरी जेब टटोले,
भर आती आंख मेरी,
भर आती आंख मेरी,
आगे मर्जी तेरी
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
पूछे पड़ोसी ताना देकर,
क्या आया तू श्याम से लेकर,
झुक जाए नजर मेरी,
झुक जाए नजर मेरी,
आगे मर्जी तेरी,
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
कितना सहुँ अब और मैं दानी,
सर के ऊपर खो गया पानी,
सुन ले फरियाद मेरी,
सुन ले फरियाद मेरी,
आगे मर्जी तेरी,
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
‘सोनू’ तू दातार बड़ा है,
क्यों सेवक लाचार खड़ा है,
मैंने कह दी बात मेरी,
मैंने कह दी बात मेरी,
आगे मर्जी तेरी,
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
ताने सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ,
सुन लेगा श्याम मेरी आगे मर्जी तेरी,
तानें सुन सुनकर संसार के आया हूँ,
कह कर मैं अपने परिवार से आया हूँ।।
गायक – राजू मेहरा जी।
