- – यह भजन खाटू धाम में भगवान श्याम (श्याम धणी) के अवतार और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन करता है।
- – खाटू का मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध और भक्तों के लिए प्रिय स्थान है, जहाँ दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।
- – फागुन शुक्ला ग्यारस को यहाँ भव्य मेला लगता है, जिसमें नर-नारी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
- – भगवान श्याम भक्तों के दुख दूर करने वाले और उनकी रक्षा करने वाले हैं, जिन्हें “लिले रो असवार” और “भक्ता रो प्रतिपाल” कहा गया है।
- – भजन में भगवान श्याम के भक्तों द्वारा की जाने वाली भजन-कीर्तन और जयकारों का भी उल्लेख है, जो मंदिर में भक्तिमय वातावरण बनाते हैं।
- – भजन के लेखक एवं गायक K.L. Dadhich हैं, जिन्होंने इस भजन के माध्यम से भगवान श्याम की महिमा का गुणगान किया है।

थे खाटू मे अवतार लियो,
हो अहिलवती थारो लाल अठै,
हो लिले रो असवार अठै,
ओ भक्ता रो प्रतिपाल अठै,
ओ बाबो लखदातार अठै।।
तर्ज – मायड़ थारो पूत।
मे बाच्यो हैं ईतहासा मे,
थारो मन्दिर बडो निरालो हैं,
खाटू मे थारो धाम बण्यो,
भक्ता ने लागे प्यारो हैं,
पैदल चलकर द्वारे आवे,
भक्त करे जयकार अठै,
हो लिले रो असवार अठै,
ओ भक्ता रो प्रतिपाल अठै,
ओ बाबो लखदातार अठै।।
फागुन शुख्ला ग्यारस को,
थारे मेलो भरीजे भारी हैं,
दूर दूर से दर्शन करने,
आव नर ओर नारी हैं,
भक्ता का दुख: दूर करे,
भक्त करे अरदास अठै,
हो लिले रो असवार अठै,
ओ भक्ता रो प्रतिपाल अठै,
ओ बाबो लखदातार अठै।।
श्याम धणी के मन्दिर माही,
भक्त खड्या जैयकार करे,
आलू सिंग चरना को चाकर,
द्वारे थारे आन पडे,
श्याम सखा मडंल गावे,
कानो थारा भजन करे,
हो लिले रो असवार अठै,
ओ भक्ता रो प्रतिपाल अठै,
ओ बाबो लखदातार अठै।।
थे खाटू मे अवतार लियो,
हो अहिलवती थारो लाल अठै,
हो लिले रो असवार अठै,
ओ भक्ता रो प्रतिपाल अठै,
ओ बाबो लखदातार अठै।।
– भजन प्रेषक एवं गायक –
K.l.Dadhich
9352959160
