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- – यह गीत भगवान श्री कृष्ण (श्याम सांवरिया) के लीले चढ़ने और उनके आगमन का निमंत्रण है।
- – भक्ताओं ने श्याम जी के स्वागत के लिए दरबार सजाया है और फूलों से सजावट की गई है।
- – श्याम जी के लिए केसर तिलक, चांदी का छतर और लंबी मोरछड़ी चढ़ाने का वर्णन है।
- – छप्पन भोग लगाकर सभी भक्तों को बुलाया गया है और वे नाच-गाना कर श्याम जी के आगमन का उत्सव मना रहे हैं।
- – गीत में बार-बार श्याम जी के आने की प्रतीक्षा और उनकी बाट देखने की घड़ी-घड़ी इच्छा व्यक्त की गई है।
- – स्वर कुमार विशु जी का है और यह भक्ति गीत श्याम जी के प्रति प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।
तू लीले चढ़के आजा,
मेरे श्याम सांवरिया आजा,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी।।
थने न्यौता श्याम भिजवायो,
भक्ता दरबार सजायो,
फुला की लटके लड़ी लड़ी,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी,
तू लीले चढ़ कर आजा,
मेरे श्याम सांवरिया आजा,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी।।
थारे केसर तिलक लगावा,
चांदी का छतर चढ़ावा,
थारी लांबी लांबी मोरछड़ी,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी,
तू लीले चढ़ कर आजा,
मेरे श्याम सांवरिया आजा,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी।।
थारे छप्पन भोग लगायो,
सब भक्ता ने बुलवायो,
सारे भक्ता नाचे घड़ी घड़ी,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी,
तू लीले चढ़ कर आजा,
मेरे श्याम सांवरिया आजा,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी।।
तू लीले चढ़के आजा,
मेरे श्याम सांवरिया आजा,
तेरी बाट उड़िका घड़ी घड़ी।।
स्वर – कुमार विशु जी।
https://youtu.be/tAKYGdOs3LI
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
