सोमवार की अष्टमी 2025 – जानिए पूरी जानकारी
हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, और जब यह तिथि सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व और भी बढ़ जाता है। यदि आप 2025 में आने वाली सोमवार की अष्टमी के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको इसकी तिथि, दिन, और धार्मिक महत्व की पूरी जानकारी दी जाएगी।
सोमवार की अष्टमी 2025 – तिथियां और महत्व
हिंदू पंचांग में अष्टमी तिथि का विशेष स्थान है, और जब यह तिथि सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। वर्ष 2025 में, सोमवार की अष्टमी निम्नलिखित तिथियों पर आएगी:
1. 21 अप्रैल 2025 – कृष्ण पक्ष अष्टमी
- तिथि विवरण: यह अष्टमी तिथि 20 अप्रैल 2025 की शाम 7:01 बजे से शुरू होकर 21 अप्रैल 2025 की शाम 6:59 बजे तक रहेगी।
- वार: सोमवार
- धार्मिक महत्व: कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव और देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार के दिन यह तिथि पड़ने से भक्तों के लिए व्रत और पूजा का फल दोगुना माना जाता है।
2. 5 मई 2025 – शुक्ल पक्ष अष्टमी
- तिथि विवरण: यह अष्टमी तिथि 4 मई 2025 की प्रातः 7:19 बजे से शुरू होकर 5 मई 2025 की प्रातः 7:36 बजे तक रहेगी।
- वार: सोमवार
- धार्मिक महत्व: शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार के दिन यह तिथि पड़ने से व्रत रखने और पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
सोमवार की अष्टमी का धार्मिक महत्व
सोमवार की अष्टमी तिथि को देवी-देवताओं और विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से भक्तों को अपने मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। यह दिन उनके लिए भी खास होता है जो अपने परिवार और संतान की भलाई के लिए उपवास रखते हैं।
- कृष्ण पक्ष की अष्टमी: अष्टमी तिथि को भगवान शिव और देवी दुर्गा की पूजा का विधान है। सोमवार होने के कारण यह दिन और अधिक पवित्र माना जाता है।
- व्रत का महत्व: इस दिन व्रत करने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है। इसे स्वास्थ्य और समृद्धि की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है।
सामान्य सवाल-जवाब:
प्रश्न 1: सोमवार की अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा?
उत्तर: वर्ष 2025 में, सोमवार की अष्टमी का व्रत 21 अप्रैल और 5 मई को रखा जाएगा।
प्रश्न 2: इस व्रत की तिथि और वार क्या है?
उत्तर: 21 अप्रैल 2025 (कृष्ण पक्ष अष्टमी) और 5 मई 2025 (शुक्ल पक्ष अष्टमी) को सोमवार के दिन यह व्रत रखा जाएगा।
यह लेख आपको सोमवार की अष्टमी तिथि और इसके महत्व के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है। इस पवित्र दिन को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएं, और भगवान शिव और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।