बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
पवन देव के लाल और माँ,
अंजनी सुत का ध्यान धरो,
दुःख और कष्ट सताए जब जब,
याद उन्हें बस किया करो,
सुन्दरकाण्ड का वर्णन उनकी,
महिमा रोज सुनाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
दिन मंगल का जब भी आए,
बाबा का उपवास करो,
लाल लंगोटा सिंदूर चढ़ाकर,
चालीसा का पाठ करो,
देसी घी के साथ चूरमा,
उनको भोग लगाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
चरण पकड़ लिए हनुमत के जब,
राम जी कैसे भागेंगे,
राम की जब अनुकम्पा होगी,
सोए भाग्य भी जागेंगे,
स्वामी सेवक के रिश्ते का,
कुछ तो लाभ उठाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बड़े दयालु बाला मेरे,
लोग ये सारे कहते है,
भरे हुए भंडारों से वो,
झोलियाँ भरते रहते है,
जीवन मोड़ लिखे तो ‘बबली’,
बड़े प्रेम से गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बालाजी के भक्तों सुनलो, बाबा का गुण गाया करो: गहन अर्थ और विश्लेषण
परिचय: हनुमान जी और भजन का महत्व
यह भजन हनुमान जी की अद्भुत महिमा और उनके प्रति गहरे समर्पण को उजागर करता है। इसमें न केवल उनकी दिव्यता का वर्णन है, बल्कि यह भी बताया गया है कि उनकी भक्ति कैसे एक भक्त के जीवन को बदल सकती है। हर पंक्ति में भावनात्मक गहराई और भक्ति की पराकाष्ठा व्यक्त की गई है। आइए, इस भजन की प्रत्येक पंक्ति के अर्थ को गहराई से समझते हैं।
बालाजी के भक्तों सुनलो, बाबा का गुण गाया करो
इस पंक्ति में भक्तों को हनुमान जी की महिमा का गायन करने की प्रेरणा दी गई है।
विश्लेषण:
हनुमान जी को बालाजी कहकर संबोधित किया गया है, जो उनकी बाल्यावस्था के रूप में पूजनीय स्वरूप को दर्शाता है। “गुण गाना” केवल स्तुति करना नहीं, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को शुद्ध और पवित्र बनाना है। भक्तों को यह आह्वान किया गया है कि वे अपनी श्रद्धा और निष्ठा के साथ भगवान के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करें।
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से, उनकी ज्योत जगाया करो
यह पंक्ति भक्ति के तीन स्तंभों—श्रद्धा, विश्वास और प्रेम—पर आधारित है।
विश्लेषण:
श्रद्धा का अर्थ है भगवान पर अटूट विश्वास, विश्वास का अर्थ है उनकी कृपा का अनुभव करना, और प्रेम का अर्थ है निस्वार्थ भावना। “ज्योत जगाना” प्रतीकात्मक है, जो आत्मा में आध्यात्मिक प्रकाश और चेतना को प्रज्वलित करने का संकेत देता है। ज्योत जलाना भक्त की निष्ठा को दृढ़ करने और जीवन में शांति लाने का कार्य करता है।
पवन देव के लाल और माँ, अंजनी सुत का ध्यान धरो
यहाँ हनुमान जी के जन्म की दिव्यता को रेखांकित किया गया है।
विश्लेषण:
हनुमान जी, पवन देव और अंजनी माता के पुत्र हैं, जो यह दर्शाता है कि उनका जन्म विशेष उद्देश्य के लिए हुआ है। पवन देव का संबंध जीवनदायिनी ऊर्जा से है, जबकि अंजनी माता का संबंध शुद्धता और मातृत्व से है। उनका ध्यान करना जीवन में स्थिरता, साहस और ऊर्जा प्रदान करता है।
दुःख और कष्ट सताए जब जब, याद उन्हें बस किया करो
यह पंक्ति जीवन के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी के स्मरण की शक्ति को दर्शाती है।
विश्लेषण:
जब भी जीवन में संकट आए, तब हनुमान जी का स्मरण करने से मनोबल मिलता है। हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, जिसका अर्थ है “संकटों का निवारण करने वाला।” उनका ध्यान करने से न केवल समस्याओं का हल होता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक बल भी मिलता है।
सुन्दरकाण्ड का वर्णन उनकी, महिमा रोज सुनाया करो
इस पंक्ति में सुंदरकाण्ड के महत्व को उजागर किया गया है।
विश्लेषण:
सुंदरकाण्ड रामचरितमानस का वह अंश है, जिसमें हनुमान जी के अद्वितीय साहस, निष्ठा और पराक्रम का वर्णन है। इसे पढ़ने या सुनने से व्यक्ति के भीतर शक्ति, विश्वास और भक्ति का संचार होता है। सुंदरकाण्ड का पाठ करना मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
दिन मंगल का जब भी आए, बाबा का उपवास करो
यह पंक्ति मंगलवार की पवित्रता और उपवास के महत्व को दर्शाती है।
विश्लेषण:
मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है। उपवास करने से मन और शरीर में संतुलन स्थापित होता है और यह भक्ति के प्रति समर्पण का सर्वोत्तम तरीका है।
लाल लंगोटा सिंदूर चढ़ाकर, चालीसा का पाठ करो
हनुमान जी को लाल लंगोट और सिंदूर अत्यंत प्रिय हैं।
विश्लेषण:
लाल रंग ऊर्जा, शक्ति और साहस का प्रतीक है। हनुमान जी को लाल लंगोट और सिंदूर चढ़ाना उनके प्रति प्रेम और श्रद्धा प्रकट करने का एक तरीका है। हनुमान चालीसा का पाठ उनकी कृपा को आकर्षित करता है। चालीसा में उनके पराक्रम और भक्ति के अनेक प्रसंग हैं, जो भक्त को आत्मबल और सकारात्मकता प्रदान करते हैं।
देसी घी के साथ चूरमा, उनको भोग लगाया करो
भोग अर्पित करने का महत्व और उसकी प्रक्रिया।
विश्लेषण:
हनुमान जी को देसी घी और चूरमा अत्यंत प्रिय है। भोग अर्पित करना न केवल भक्ति का हिस्सा है, बल्कि यह भक्त की समर्पण भावना को भी व्यक्त करता है। इसका अर्थ यह है कि ईश्वर को अर्पित करते समय श्रद्धा और प्रेम सर्वोपरि होना चाहिए।
चरण पकड़ लिए हनुमत के जब, राम जी कैसे भागेंगे
हनुमान जी और राम जी के संबंध का गहन अर्थ।
विश्लेषण:
हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त हैं। जब भक्त हनुमान जी की शरण में आता है, तो भगवान राम स्वयं उस भक्त की रक्षा करते हैं। यह पंक्ति यह बताती है कि हनुमान जी के चरणों में समर्पण करना भगवान राम के आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम है।
राम की जब अनुकम्पा होगी, सोए भाग्य भी जागेंगे
यह पंक्ति भाग्य और भगवान राम की कृपा के गहरे संबंध को उजागर करती है।
विश्लेषण:
भगवान राम की कृपा को प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की भक्ति एक सेतु का कार्य करती है। “सोए भाग्य” का अर्थ है कि व्यक्ति का भाग्य चाहे जितना भी निष्क्रिय हो, हनुमान जी और राम जी की कृपा से उसमें नई ऊर्जा का संचार हो सकता है। यह पंक्ति हमें बताती है कि ईश्वर की कृपा से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।
स्वामी सेवक के रिश्ते का, कुछ तो लाभ उठाया करो
यहाँ भगवान और भक्त के बीच के रिश्ते की गहराई पर चर्चा की गई है।
विश्लेषण:
हनुमान जी का संबंध राम जी से स्वामी और सेवक का है। यह रिश्ता भक्ति और समर्पण का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पंक्ति भक्तों को प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन में इस संबंध का अनुसरण करें। इसका अर्थ है कि जैसे हनुमान जी ने अपने स्वामी राम के प्रति संपूर्ण निष्ठा दिखाई, वैसे ही हमें भी भगवान के प्रति अपना प्रेम और समर्पण दिखाना चाहिए।
बड़े दयालु बाला मेरे, लोग ये सारे कहते हैं
हनुमान जी के दयालु स्वभाव और उनकी करुणा को दर्शाने वाली पंक्ति।
विश्लेषण:
हनुमान जी को “दयालु” कहा गया है, क्योंकि वे अपने भक्तों पर बिना किसी भेदभाव के कृपा बरसाते हैं। उनकी करुणा और प्रेम सीमाहीन है। यह पंक्ति यह बताती है कि जब कोई भक्त उनकी शरण में आता है, तो वे उसकी मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
भरे हुए भंडारों से वो, झोलियाँ भरते रहते हैं
यह पंक्ति हनुमान जी की कृपा और उनकी उदारता को उजागर करती है।
विश्लेषण:
“भरे हुए भंडार” का तात्पर्य यह है कि हनुमान जी के पास कृपा और आशीर्वाद का अनंत भंडार है। वे अपने भक्तों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी कृपा से उनकी झोलियाँ भरते रहते हैं। इसका अर्थ है कि हनुमान जी किसी को खाली हाथ नहीं लौटाते।
जीवन मोड़ लिखे तो ‘बबली’, बड़े प्रेम से गाया करो
भजन गाने के माध्यम से भक्तिभाव व्यक्त करने का संदेश।
विश्लेषण:
यहाँ “बबली” नाम से संबोधन भक्त को प्रेरित करता है कि वह अपने जीवन के हर मोड़ पर भगवान हनुमान का नाम ले और उनके भजन गाए। प्रेमपूर्वक भजन गाना न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह भगवान के प्रति निष्ठा को भी मजबूत करता है।
बालाजी के भक्तों सुनलो, बाबा का गुण गाया करो
भजन की समापन पंक्ति।
विश्लेषण:
भक्तों से अपील की गई है कि वे हनुमान जी के गुणगान में अपना जीवन बिताएं। भजन का समापन उसी संदेश पर लौटता है जहाँ से यह आरंभ हुआ था—हनुमान जी की भक्ति में लीन होकर उनका गुणगान करना।
समापन: भजन का सार
इस भजन का हर शब्द हनुमान जी के प्रति श्रद्धा, प्रेम और विश्वास को बढ़ावा देता है। इसमें भक्तों को न केवल उनकी दिव्यता और पराक्रम का स्मरण करने की प्रेरणा दी गई है, बल्कि यह भी बताया गया है कि भक्ति और समर्पण से जीवन के सभी संकटों का निवारण संभव है। हनुमान जी की महिमा का गायन करना आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में संतुलन लाता है।
इस गहन अर्थ और विश्लेषण के माध्यम से, भजन के प्रत्येक शब्द की गहराई को समझने और हनुमान जी की भक्ति में डूबने का अवसर मिलता है।