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भजन: सिर घुमदियाँ बावरियाँ – Bawariyan – Bhajan: Sir Ghumdiyan Bawariyan – Bawariyan – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – यह गीत शिव भोले की मस्ती और भक्ति को दर्शाता है, जिसमें उनके जटाओं और शूकों का वर्णन है।
  • – गीत में शिव की दयालुता और भक्तों को आशीर्वाद देने की बात कही गई है।
  • – बालक की मासूमियत और शिव के मंत्रों का प्रभाव गीत में उजागर होता है।
  • – जोगियों की भक्ति और उनके बलिदान की महत्ता को भी गीत में व्यक्त किया गया है।
  • – यह गीत शिव के प्रति श्रद्धा और उनके अद्भुत रूपों की स्तुति करता है।

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भजन के बोल

सिर घुमदियाँ बावरियाँ नाथ मेरा जदों मौज वीच खेले
जटां शूकदियाँ नेहरी वांगु नाग दे वांगु मेले
सिर घुमदियों बावरियाँ
शिव भोले दी मस्ती चड़ गई की की कौतक करदा
दूध पूत दियाँ दाता देके खाली झोलियाँ भरदा
जो वी आके चरनी झुकदा हुंदे जन्म सुहेले
सिर घुमदियाँ बावरिया
निक्की उमर दा बालक सोणा बड़ा ही प्यारा लगे
हनेरी वांगु मंत्र पड़दा बैठ धुने दे अगगे
अंग भभूति लाई बाबे ने मौज करे हर वेले
सिर घुमदियाँ बावरियाँ….
जद जोगी दियाँ जटां शूकदियाँ जांदइयाँ थम हवावा
वीरका दे बलिहारा नाथ नु मैं वी सीश झुकावां
प्रतीक जिथे वी खेलदा जोगी लग जानदे ने मेले
सिर घुमदियाँ………

भजन वीडियो

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