बुधवार की अष्टमी कब है [बुधाष्टमी] – 2025 की जानकारी
हिंदू धर्म में तिथियों और त्योहारों का विशेष महत्व है। इनमें से एक महत्वपूर्ण दिन है “बुधाष्टमी,” जो अष्टमी तिथि और बुधवार के मेल से बनती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि बुधवार की अष्टमी (बुधाष्टमी) कब है, इसका महत्व क्या है, और यह तिथि 2025 में किस दिन आएगी, तो यह लेख आपके लिए है। यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी, जिसमें तिथियां, व्रत से जुड़ी बातें और पंचांग का विवरण शामिल है।
बुधवार की अष्टमी का महत्व
बुधाष्टमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इसे व्रत और पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। बुधवार और अष्टमी का मेल इसे और भी खास बनाता है।
बुधवार की अष्टमी 2025 में कब-कब है?
तारीख | तिथि | वार |
---|---|---|
5 फरवरी 2025 | शुक्ल पक्ष अष्टमी | बुधवार |
20 अगस्त 2025 | कृष्ण पक्ष अष्टमी | बुधवार |
बुधाष्टमी व्रत की तिथियां और महत्व
पहली बुधाष्टमी व्रत
- तारीख: 5 फरवरी 2025
- पक्ष: शुक्ल पक्ष
- दिन: बुधवार
यह दिन देवी दुर्गा और भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है। व्रत रखने वाले श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
दूसरी बुधाष्टमी व्रत
- तारीख: 20 अगस्त 2025
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
- दिन: बुधवार
दूसरी बुधाष्टमी भी व्रत और पूजा के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान और देवी के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. बुधाष्टमी व्रत कब होता है?
2025 में बुधाष्टमी व्रत 5 फरवरी और 20 अगस्त को पड़ रहा है।
2. बुधवार की अष्टमी कितने तारीख को है?
सितंबर 2024 में यह तिथि दो बार आएगी – पहली बार 5 फरवरी को और दूसरी बार 20 अगस्त को।
निष्कर्ष
बुधाष्टमी व्रत और पूजा का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। 2025 में यह तिथि दो बार आएगी, जो व्रत रखने वालों के लिए अत्यधिक शुभ है। यदि आप इस दिन पूजा और व्रत का पालन करेंगे, तो आपको भगवान विष्णु और देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा। पंचांग और तिथियों की सही जानकारी के लिए आप हमेशा अपडेट रह सकते हैं।