- – यह गीत मंगलवार के दिन भगवान बालाजी (हनुमान जी) की पूजा और भक्ति का वर्णन करता है।
- – गीत में बालाजी की महिमा, उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त किया गया है।
- – हनुमान जी को राम के दूत और वानर सेना के मुखिया के रूप में सम्मानित किया गया है।
- – भक्ति से जीवन में हिम्मत और साहस प्राप्त होता है, और बालाजी सभी संकटों से पार लगाते हैं।
- – गीत में मंदिर जाकर बालाजी को सिंदूर और फूल चढ़ाने की प्रेरणा दी गई है।
- – यह गीत भक्तों को मंगलवार के दिन मंदिर जाकर बालाजी की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

चलो चले हम मंदिर में,
किसका इंतज़ार है।
श्लोक – मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलो चले हम मंदिर में,
किसका इंतज़ार है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
मंदिर में बालाजी जी को,
हम सिन्दूर चढ़ाएंगे,
फुल चढ़ा के बाला जी को,
हम खुश करके आएंगे,
कर बालाजी से प्यार है,
करना हमें इज़हार है,
बालाजी जी तैयार है,
फिर किसकी दरकार है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
बजरंगी दुनिया में राम से,
पहले पूजे जाते है,
राम बिना मेरे बजरंगी,
कहीं भी रह ना पाते है,
इन दोनों का प्यार है,
यही राम कथा सार है,
तुझको ऐतबार है,
तो तेरी नईया पार है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
हारा हुआ महसूस तू करता,
पर बंदेया तू हारा नहीं,
साथ में बैठा जग का मालिक,
बंदेया तू बेसहारा नहीं,
‘मित्तल’ उठ तू हिम्मत कर,
दुनिया की ना परवाह कर,
बालाजी जी मेरे कर देते,
सबका बेडा पार है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
चारों युग प्रताप है जिनका,
दुनिया में उजियाला है,
साधू संत के जो रखवाले,
बाबा घोटे वाला है,
सब संतो के प्यारे है,
सीता माँ के दुलारे है,
लक्ष्मण जिनके भईआ है,
पार लगाते नईया है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है,
आज मंगलवार है,
बालाजी का वार है,
चलों चले हम मंदिर मे,
किसका इंतज़ार है।।
Singer – Kanhaiya Mittal
