श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली in Hindi/Sanskrit
ॐ श्रीदत्ताय नमः ।
ॐ देवदत्ताय नमः ।
ॐ ब्रह्मदत्ताय नमः ।
ॐ विष्णुदत्ताय नमः ।
ॐ शिवदत्ताय नमः ।
ॐ अत्रिदत्ताय नमः ।
ॐ आत्रेयाय नमः ।
ॐ अत्रिवरदाय नमः ।
ॐ अनुसूयायै नमः ।
ॐ अनसूयासूनवे नमः ॥ १०॥
ॐ अवधूताय नमः ।
ॐ धर्माय नमः ।
ॐ धर्मपरायणाय नमः ।
ॐ धर्मपतये नमः ।
ॐ सिद्धाय नमः ।
ॐ सिद्धिदाय नमः ।
ॐ सिद्धिपतये नमः ।
ॐ सिद्धसेविताय नमः ।
ॐ गुरवे नमः ।
ॐ गुरुगम्याय नमः ॥ २०॥
ॐ गुरोर्गुरुतराय नमः ।
ॐ गरिष्ठाय नमः ।
ॐ वरिष्ठाय नमः ।
ॐ महिष्ठाय नमः ।
ॐ महात्मने नमः ।
ॐ योगाय नमः ।
ॐ योगगम्याय नमः ।
ॐ योगीदेशकराय नमः ।
ॐ योगरतये नमः ।
ॐ योगीशाय नमः ॥ ३०॥
ॐ योगाधीशाय नमः ।
ॐ योगपरायणाय नमः ।
ॐ योगिध्येयाङ्घ्रिपङ्कजाय नमः ।
ॐ दिगम्बराय नमः ।
ॐ दिव्याम्बराय नमः ।
ॐ पीताम्बराय नमः ।
ॐ श्वेताम्बराय नमः ।
ॐ चित्राम्बराय नमः ।
ॐ बालाय नमः ।
ॐ बालवीर्याय नमः ॥ ४०॥
ॐ कुमाराय नमः ।
ॐ किशोराय नमः ।
ॐ कन्दर्पमोहनाय नमः ।
ॐ अर्धाङ्गालिङ्गिताङ्गनाय नमः ।
ॐ सुरागाय नमः ।
ॐ विरागाय नमः ।
ॐ वीतरागाय नमः ।
ॐ अमृतवर्षिणे नमः ।
ॐ उग्राय नमः ।
ॐ अनुग्ररूपाय नमः ॥ ५०॥
ॐ स्थविराय नमः ।
ॐ स्थवीयसे नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ अघोराय नमः ।
ॐ गूढाय नमः ।
ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः ।
ॐ एकवक्त्राय नमः ।
ॐ अनेकवक्त्राय नमः ।
ॐ द्विनेत्राय नमः ।
ॐ त्रिनेत्राय नमः ॥ ६०॥
ॐ द्विभुजाय नमः ।
ॐ षड्भुजाय नमः ।
ॐ अक्षमालिने नमः ।
ॐ कमण्डलुधारिणे नमः ।
ॐ शूलिने नमः ।
ॐ डमरुधारिणे नमः ।
ॐ शङ्खिने नमः ।
ॐ गदिने नमः ।
ॐ मुनये नमः ।
ॐ मौलिने नमः ॥ ७०॥
ॐ विरूपाय नमः ।
ॐ स्वरूपाय नमः ।
ॐ सहस्रशिरसे नमः ।
ॐ सहस्राक्षाय नमः ।
ॐ सहस्रबाहवे नमः ।
ॐ सहस्रायुधाय नमः ।
ॐ सहस्रपादाय नमः ।
ॐ सहस्रपद्मार्चिताय नमः ।
ॐ पद्महस्ताय नमः ।
ॐ पद्मपादाय नमः ॥ ८०॥
ॐ पद्मनाभाय नमः ।
ॐ पद्ममालिने नमः ।
ॐ पद्मगर्भारुणाक्षाय नमः ।
ॐ पद्मकिञ्जल्कवर्चसे नमः ।
ॐ ज्ञानिने नमः ।
ॐ ज्ञानगम्याय नमः ।
ॐ ज्ञानविज्ञानमूर्तये नमः ।
ॐ ध्यानिने नमः ।
ॐ ध्याननिष्ठाय नमः ।
ॐ ध्यानस्तिमितमूर्तये नमः ॥ ९०॥
ॐ धूलिधूसरिताङ्गाय नमः ।
ॐ चन्दनलिप्तमूर्तये नमः ।
ॐ भस्मोद्धूलितदेहाय नमः ।
ॐ दिव्यगन्धानुलेपिने नमः ।
ॐ प्रसन्नाय नमः ।
ॐ प्रमत्ताय नमः ।
ॐ प्रकृष्टार्थप्रदाय नमः ।
ॐ अष्टैश्वर्यप्रदाय नमः ।
ॐ वरदाय नमः ।
ॐ वरीयसे नमः ॥ १००॥
ॐ ब्रह्मणे नमः ।
ॐ ब्रह्मरूपाय नमः ।
ॐ विष्णवे नमः ।
ॐ विश्वरूपिणे नमः ।
ॐ शङ्कराय नमः ।
ॐ आत्मने नमः ।
ॐ अन्तरात्मने नमः ।
ॐ परमात्मने नमः ॥ १०८॥
Dattatreya 108 Names in English
Om Shree Dattaya Namah
Om Devadattaya Namah
Om Brahmadattaya Namah
Om Vishnudattaya Namah
Om Shivadattaya Namah
Om Atridattaya Namah
Om Atreyaya Namah
Om Atrivaradaya Namah
Om Anusuyayai Namah
Om Anasuyasoonave Namah ॥ 10 ॥
Om Avadhootaya Namah
Om Dharmaya Namah
Om Dharmaparayanaya Namah
Om Dharmapataye Namah
Om Siddhaya Namah
Om Siddhidaya Namah
Om Siddhipataye Namah
Om Siddhasevitaya Namah
Om Gurave Namah
Om Gurugamyaya Namah ॥ 20 ॥
Om Gurorgurutaraya Namah
Om Garishthaya Namah
Om Varishthaya Namah
Om Mahishthaya Namah
Om Mahatmane Namah
Om Yogaya Namah
Om Yogagamyaya Namah
Om Yogideshakaraya Namah
Om Yogarataye Namah
Om Yogishaya Namah ॥ 30 ॥
Om Yogadhishaya Namah
Om Yogaparayanaya Namah
Om Yogidhyayanghripankajaya Namah
Om Digambaraya Namah
Om Divyambaraya Namah
Om Pitambaraya Namah
Om Shvetambaraya Namah
Om Chitrambaraya Namah
Om Balaya Namah
Om Balaveeryaya Namah ॥ 40 ॥
Om Kumaraya Namah
Om Kishoraya Namah
Om Kandarpamohanaya Namah
Om Ardhangalangitangaya Namah
Om Suragaya Namah
Om Viragaya Namah
Om Veetaragaya Namah
Om Amritavarshine Namah
Om Ugraya Namah
Om Anugrarupaya Namah ॥ 50 ॥
Om Sthaviraya Namah
Om Sthaveeyase Namah
Om Shantaya Namah
Om Aghoraya Namah
Om Goodhaya Namah
Om Urdhvaretase Namah
Om Ekavaktraya Namah
Om Anekavaktraya Namah
Om Dvinetraya Namah
Om Trinetraya Namah ॥ 60 ॥
Om Dvibhujaya Namah
Om Shadbhujaaya Namah
Om Akshamaline Namah
Om Kamandalu Dhaarine Namah
Om Shooline Namah
Om Damaru Dharine Namah
Om Shankhine Namah
Om Gadine Namah
Om Munaye Namah
Om Mouline Namah ॥ 70 ॥
Om Viroopaya Namah
Om Svaroopaya Namah
Om Sahasrashirase Namah
Om Sahasrakshaya Namah
Om Sahasrabaahave Namah
Om Sahasrayudhaya Namah
Om Sahasrapadaya Namah
Om Sahasrapadmarchitaya Namah
Om Padmahastaya Namah
Om Padmapadaya Namah ॥ 80 ॥
Om Padmanabhaya Namah
Om Padmamaline Namah
Om Padmagarbh Arunakshaya Namah
Om Padmakinjalkavarcase Namah
Om Jnanine Namah
Om Jnanagamyaya Namah
Om Jnanavigyanamurtaye Namah
Om Dhyanine Namah
Om Dhyananishthaya Namah
Om Dhyanastimita Murtaye Namah ॥ 90 ॥
Om Dhoolidhoosaritangaya Namah
Om Chandanaliptamurtaye Namah
Om Bhasmoddhoolitadeyaya Namah
Om Divyagandhanulepine Namah
Om Prasannaya Namah
Om Pramattaya Namah
Om Prakrishtarthapradaya Namah
Om Ashtaishvaryapradaya Namah
Om Varadaya Namah
Om Variyase Namah ॥ 100 ॥
Om Brahmane Namah
Om Brahmaroopaya Namah
Om Vishnave Namah
Om Vishwaroopine Namah
Om Shankaraya Namah
Om Atmane Namah
Om Antar Atmane Namah
Om Paramatmane Namah ॥ 108 ॥
श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली PDF Download
दत्तात्रेय 108 नाम का अर्थ
श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली श्री दत्तात्रेय के 108 पवित्र नामों की एक स्तुति है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, गुणों और शक्तियों को व्यक्त करती है। यह स्तुति भक्तों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें श्री दत्तात्रेय के अद्वितीय और दिव्य स्वरूप की महिमा गाई गई है। इन 108 नामों का जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति, और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
आइए, इन नामों के अर्थ और महत्व को विस्तार से समझते हैं:
- श्रीदत्ताय नमः – जो सभी को प्रदान करने वाले हैं।
- देवदत्ताय नमः – जो देवताओं द्वारा प्रदत्त हैं।
- ब्रह्मदत्ताय नमः – जो ब्रह्मा के द्वारा प्रदत्त हैं।
- विष्णुदत्ताय नमः – जो विष्णु के द्वारा प्रदत्त हैं।
- शिवदत्ताय नमः – जो शिव के द्वारा प्रदत्त हैं।
- अत्रिदत्ताय नमः – जो अत्रि ऋषि के पुत्र हैं।
- आत्रेयाय नमः – जो अत्रि के वंशज हैं।
- अत्रिवरदाय नमः – जो अत्रि को वरदान देने वाले हैं।
- अनुसूयायै नमः – जो अनुसूया माता के प्रति समर्पित हैं।
- अनसूयासूनवे नमः – जो अनुसूया के पुत्र हैं।
इन नामों के द्वारा दत्तात्रेय भगवान के विभिन्न पहलुओं का गुणगान किया जाता है, जैसे कि वे अवधूत, धर्म के रक्षक, योगी, गुरु, सिद्ध, और अनेक स्वरूपों में प्रकट होने वाले देवता हैं।
उदाहरण के लिए:
- अवधूताय नमः का अर्थ है जो सांसारिक बंधनों से मुक्त हैं।
- योगीशाय नमः का अर्थ है जो योगियों के स्वामी हैं।
- दिगम्बराय नमः का अर्थ है जो आकाश को ही अपना वस्त्र मानते हैं।
यहां दत्तात्रेय भगवान के योग, ध्यान, ज्ञान, और ब्रह्म स्वरूप का भी वर्णन किया गया है। जैसे:
- ध्यानिने नमः का अर्थ है जो ध्यान में लीन रहते हैं।
- ज्ञानविज्ञानमूर्तये नमः का अर्थ है जो ज्ञान और विज्ञान के साकार रूप हैं।
- परमात्मने नमः का अर्थ है जो परमात्मा हैं, जो समस्त सृष्टि के आधार हैं।
इन 108 नामों की माला को श्रद्धा और भक्ति के साथ जपने से भक्तों को दत्तात्रेय भगवान की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली के जाप से भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ भौतिक जीवन में भी सफलता और कल्याण का अनुभव होता है। इस स्तुति का नियमित जाप मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का एक प्रभावी साधन है।
दत्तात्रेय 108 नाम महत्व
श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तुति है, जो श्री दत्तात्रेय भगवान के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। श्री दत्तात्रेय को त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का संयुक्त अवतार माना जाता है। वे अद्वितीय योगी, ज्ञानी, और गुरु हैं, जिनकी कृपा से सभी बाधाओं का नाश होता है और जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
नामावली के महत्व:
- आध्यात्मिक उन्नति: इस नामावली के जाप से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। यह स्तुति ध्यान, साधना, और आत्मचिंतन को गहराई से प्रेरित करती है।
- धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: दत्तात्रेय भगवान की पूजा भारतीय धार्मिक परंपरा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में दत्तात्रेय की विशेष पूजा की जाती है, और इस नामावली का पाठ वहां के धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा है।
- मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक शांति: इन नामों का नियमित जाप मन को शांत करता है, मानसिक तनाव को दूर करता है, और भक्त को जीवन के उतार-चढ़ाव में संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है।
- शक्तियों का आह्वान: श्रीदत्तात्रेय के 108 नाम उनके विभिन्न स्वरूपों, गुणों और शक्तियों का आह्वान करते हैं। जैसे, “अवधूताय नमः” से भक्त भगवान के उस रूप की अराधना करते हैं जो सांसारिक बंधनों से परे है, और “योगीशाय नमः” से योगियों के स्वामी का आह्वान किया जाता है।
- सर्वशक्तिमान का ध्यान: श्री दत्तात्रेय को ध्यान के माध्यम से सर्वशक्तिमान के रूप में स्मरण करना और उनके नामों का जाप करना भक्त को ईश्वर से जोड़ने का एक सरल और प्रभावी मार्ग प्रदान करता है।
व्यावहारिक लाभ:
- शत्रु बाधाओं का नाश: ऐसा माना जाता है कि श्रीदत्तात्रेय के नामों का जाप करने से जीवन में आने वाली शत्रु बाधाओं का नाश होता है और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- संपूर्ण कल्याण: ये 108 नाम जीवन के हर क्षेत्र में कल्याण और समृद्धि लाने के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह भौतिक हो या आध्यात्मिक।
- गुरु-शिष्य परंपरा: दत्तात्रेय भगवान को गुरु का सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उनके नामों का जाप गुरु-शिष्य परंपरा में गुरुकृपा प्राप्ति का माध्यम है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इन नामों का उच्चारण करने से चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति के आस-पास का वातावरण पवित्र और शुद्ध हो जाता है।
जप की विधि:
- इस नामावली का जाप प्रातःकाल या संध्या के समय किया जाता है, विशेषकर गुरुवार के दिन, क्योंकि गुरुवार को दत्तात्रेय भगवान का दिन माना जाता है।
- जाप करते समय मन को एकाग्रचित्त करना और श्री दत्तात्रेय के स्वरूप का ध्यान करना अति आवश्यक है।
- जाप के दौरान श्रद्धा और भक्ति का भाव रखना चाहिए, जिससे भगवान की कृपा शीघ्र प्राप्त हो सके।
श्रीदत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली का नियमित पाठ भक्त के जीवन में एक नई ऊर्जा, सकारात्मकता और शांति का संचार करता है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों से निपटने का एक साधन भी है। इस नामावली के जाप से भगवान दत्तात्रेय की कृपा से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और शांति प्राप्त की जा सकती है।