- – कविता में देशभक्ति और भारत की महानता का भाव प्रकट किया गया है, जिसमें देश को संभालने और उसकी रक्षा करने का संदेश दिया गया है।
- – शहीदों और महात्मा गांधी जैसे नेताओं के बलिदान को याद करते हुए देश की आज़ादी और समृद्धि की महत्ता बताई गई है।
- – भविष्य की पीढ़ी को सतर्क रहने, धोखे से बचने और देश के विकास के लिए मेहनत करने की प्रेरणा दी गई है।
- – विश्व में परमाणु हथियारों और युद्ध की स्थिति के बीच भी देश को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पर जोर दिया गया है।
- – आराम और सपनों में खो जाने की बजाय सक्रिय होकर देश को ऊँचाइयों तक पहुँचाने का आह्वान किया गया है।
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के,
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के,
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के,
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के,
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के।।
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के,
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के।।
देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा,
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा,
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के,
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के।।
दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता,
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता,
भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के,
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के ।।
एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया,
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया,
तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के,
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के ।।
आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो,
सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो,
अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो,
उठो छलांग मार के आकाश को छू लो,
तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के,
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के।।
https://youtu.be/ddrx8288qwA
