भजन

जबरा जंगल में बेठी आवरा माता भजन लिरिक्स – Jabra Jangal Mein Bethi Aawara Mata Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – यह गीत जबरा जंगल में बैठी जननी (माँ) की महिमा और उनके अवतार का वर्णन करता है, जो राठोडा कुल से हैं।
  • – मंदिर की सुंदरता, पहाड़ों में स्थित, और आसपास के बाजार तथा सरवर की प्रशंसा की गई है।
  • – शंख सेवा, वेदों का उच्चारण, और भक्ति की भीड़ के माध्यम से धार्मिक अनुष्ठानों का चित्रण किया गया है।
  • – जननी की दया और करुणा से दुखों का निवारण होता है, और मरते प्राणी का प्राण उबारने की शक्ति का उल्लेख है।
  • – भक्ति और उत्सव के माहौल में शंख, शहनाई, और कोयल के मधुर स्वर गूंजते हैं, जो शिव और शक्ति की आराधना को दर्शाते हैं।
  • – गीत के गायक मोईनुद्दीन जी मनचला हैं, और इसे रतन पुरी एवं कुलदीप मेनारिया द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

Thumbnail for jabra-jangal-me-bethi-awara-lyrics-in-hindi

जबरा जंगल में बेठी आवरा,
जग जननी जनम सुधार,
जग जननी जनम सुधार,
राठोडा कुल मझधार लीनो अवतार,
राठोडा कुल मझधार लीनो अवतार।।



मंदिर बनियों बीच पहाड़ में,

लागे सोभा आनंद अपार,
सामे सरवर लंबी पाल,
पिछवाड़े बाजार,
मैया शामे सरवर लंबी पाल,
पिछवाड़े बाजार,
शामे तो लागे मुरत शोवणी,
सुंदर पुष्पा रो सिंगार,
सुंदर पुष्पा रो सिंगार,
शाडी शुरंगी लछदार,
जडीया जर्क सीतार।।



शंख सेवा में विष्णु पुरीयो,

ब्रम्हा चारों वेद उचार,
ब्रम्हा चारों वेद उचार,
धरेरे ध्यान त्रीपुरार,
थारे दरबार,
52 भेरु ने 64 जोगणिया,
निशदिन गावे मंगलाचार,
निशदिन गावे मंगलाचार,
भगता री भीड़ अपार,
थारे दरबार,
भगता री भीड़ अपार,
थारे दरबार।।



दुखीया दुखड़ा पल में मेटदो,

जननी दया दृष्टि धार,
जननी दया दृष्टि धार,
मरता प्राणी रो प्राण उबार,
नैया डूबी जाए,
स्वर्ण मुकुट सोहे शीश पर,
केसर कुंकु तिलक ललाट,
केसर कुंकु तिलक ललाट,
चढ़े मिष्ठान भर भर थाल,
नाना परकार,
चढ़े मिष्ठान भर भर थाल।।

यह भी जानें:  भोले बाबा का रूप निराला प्रकाश माली भजन लिरिक्स - Bhole Baba Ka Roop Nirala Prakash Mali Bhajan Lyrics - Hinduism FAQ


नहार फडुके बोले मोरिया,

बोले कोयल राग मल्हार,
बोले कोयल राग मल्हार,
शंख शहनाई बाजे द्वार,
झालर री झणकार,
भक्त बदरी राव को,
शिव शक्ति को आधार,
नाना शम्भू है बंसीलाल,
गावे है बारम्बार,
नाना शम्भू है बंसीलाल,
गावे है बारम्बार।।



जबरा जंगल में बेठी आवरा,

जग जननी जनम सुधार,
जग जननी जनम सुधार,
राठोडा कुल मझधार लीनो अवतार,
राठोडा कुल मझधार लीनो अवतार।।

गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – रतन पुरी &कुलदीप मेनारिया
8290907236


अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like