- – यह गीत बजरंग बली से सहायता की प्रार्थना करता है ताकि संकट की स्थिति से उबर सकें।
- – सुग्रीव ने सिया की खोज का आदेश दिया है और बिना खोज के लौटने पर मुँह दिखाने से मना किया है।
- – कपि दल निराशा में है और केवल बजरंग बली की दया और सहायता से ही आशा बची है।
- – शक्ति और सुमिरन से दुष्टों का नाश संभव है, इसलिए वीर बजरंग बली को स्मरण करने का आह्वान किया गया है।
- – अंत में सिया की खोज सफल होती है और कपि दल में खुशियाँ लौट आती हैं, बजरंग बली की महिमा का गुणगान किया जाता है।
- – गीत में संकट से उबरने के लिए बजरंग बली की शक्ति, दया और सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

जागो बजरंगी अब हमपर उपकार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
सुग्रीव ने आज्ञा कर दी,
जाकर सिया खोज के लाना,
बिन खोज खबर यदि आए,
मत हमको मुँह दिखलाना,
बिन खोज गति क्या होगी,
तुम विचार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
सब हार गया है कपि दल,
छाई है निराशा भारी,
अब लाज बचाओ बजरंग,
है आशा एक तुम्हारी,
बन दीनदयाल हमपर,
दया अपार कीजिए,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
क्या सोच रहे हो मन में,
शक्ति अपार तेरे तन में,
अब राम सुमिर कर उठो वीर,
शक्ति है बड़ी सुमिरन में,
दुष्टों का कलेजा कांपे,
वो हुंकार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
चल पड़े सिया सुध लाने,
कपि दल में खुशियां छाई,
‘मातृदत्त श्याम सुन्दर’ मिलकर,
बजरंग की महिमा गाई,
भक्तो में भक्त शिरोमणि का,
जयकार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
जागो बजरंगी अब हमपर उपकार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये,
है पड़ी भंवर में नैया बेड़ा पार कीजिये।।
Singer : Rajnish Sharma
