खाटू वाले श्याम प्यारे,
खूब कियो श्रृंगार,
रूप तेरो मन भावे,
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,
लीले के असवार,
रूप तेरो मन भावे ॥
रंग सुनहरी केसरी बागा,
सुन्दर छवि प्यारी है,
अहिलावती के लाल जगत में,
तेरी शान निराली है,
जो कोई आवे गले लगावे,
देता सबको प्यार,
रूप तेरो मन भावे,
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,
लीले के असवार,
रूप तेरो मन भावे ॥
जिसने दिल से याद किया प्रभु,
तू उसका ग़मख़ार बना,
हारे को तू देता सहारा,
तू यारो का यार बना,
रूप सलोना भोला मुखड़ा,
सबसे बड़ा दिलदार,
रूप तेरो मन भावे,
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,
लीले के असवार,
रूप तेरो मन भावे ॥
धन्ना भगत का यार बना तू,
खेत में उसके काम किया,
नरसी भगत की हुंडी तारी,
सेठ सांवलिया नाम लिया,
ओ भगतों के प्यारे तुझको,
‘भोला’ रहा पुकार,
रूप तेरो मन भावे
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,
लीले के असवार,
रूप तेरो मन भावे ॥
खाटू वाले श्याम प्यारे,
खूब कियो श्रृंगार,
रूप तेरो मन भावे,
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,
लीले के असवार,
रूप तेरो मन भावे ॥
खाटू वाले श्याम प्यारे: भजन का गहन विश्लेषण और अर्थ
यह भजन न केवल खाटू श्यामजी की दिव्यता का वर्णन करता है, बल्कि उनके भक्तों के प्रति असीम प्रेम, दया, और उनकी महिमा को भी प्रकट करता है। इसे गहराई से समझने के लिए हमें हर पंक्ति के भावार्थ और छिपे प्रतीकों पर ध्यान देना होगा। आइए, प्रत्येक पंक्ति की गहराई में जाकर इसे समझें।
खाटू वाले श्याम प्यारे, खूब कियो श्रृंगार, रूप तेरो मन भावे
खाटू वाले श्याम प्यारे
यह संबोधन भक्त और भगवान के बीच के आत्मीय संबंध को दर्शाता है।
- गहराई: खाटू वाले श्यामजी को श्याम प्यारे कहकर भक्त यह बताते हैं कि श्यामजी उनके जीवन की सर्वोच्च प्रियता हैं। खाटू नगरी में उनका निवास उनकी लोकप्रियता और सर्वसुलभता का प्रतीक है।
- संदेश: इस संबोधन में भक्त का समर्पण, प्रेम, और ईश्वर के प्रति अपनापन प्रकट होता है।
खूब कियो श्रृंगार
यह वाक्य भगवान के दिव्य रूप के अलंकरण और उनकी सुंदरता को रेखांकित करता है।
- गहराई: यहाँ “श्रृंगार” केवल बाहरी सौंदर्य नहीं, बल्कि भगवान के आत्मिक सौंदर्य और उनकी करुणा का प्रतीक है। यह उनकी माया और लीला को भी दर्शाता है।
- संदेश: भक्त भगवान के रूप और गुणों को स्वीकार करके उनकी लीला में खो जाता है।
रूप तेरो मन भावे
यह भगवान की संपूर्णता का वर्णन करता है।
- गहराई: “रूप” का अर्थ केवल बाहरी सौंदर्य नहीं, बल्कि उनकी आध्यात्मिक आभा और दिव्यता है, जो भक्त के मन को शांति और आनंद प्रदान करती है।
- संदेश: श्यामजी का स्वरूप मानव मन के भीतर छिपी अशांति को हरने और प्रेम का संचार करने वाला है।
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे, लीले के असवार
मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे
मोरछड़ी श्यामजी की सादगी और उनकी प्रभुता का प्रतीक है।
- गहराई: मोर पंख भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय आभूषण है। यह उनकी प्रकृति के साथ गहरी आत्मीयता और उनकी कोमलता का प्रतीक है। मोरछड़ी का यहाँ प्रयोग यह दिखाता है कि वे कितने सहज और सरल हैं, भले ही वे सर्वशक्तिमान हैं।
- संदेश: भगवान के हाथ में मोरछड़ी भक्तों की रक्षा का माध्यम है। यह दिखाता है कि वे हर संकट से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
लीले के असवार
यह पंक्ति उनकी शौर्य, शक्ति, और उदारता को दर्शाती है।
- गहराई: “लीले” (सफेद घोड़ा) उनकी वीरता और शुद्धता का प्रतीक है। सफेद रंग शांति, पवित्रता, और भक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह उनके योद्धा रूप और भक्तों के साथ उनकी निकटता को दर्शाता है।
- संदेश: श्यामजी की सवारी इस बात का संकेत है कि वे हर परिस्थिति में अपने भक्तों के साथ रहते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।
रंग सुनहरी केसरी बागा, सुन्दर छवि प्यारी है
रंग सुनहरी केसरी बागा
भगवान के वस्त्र और आभूषण उनकी आंतरिक और बाहरी भव्यता का प्रतीक हैं।
- गहराई: सुनहरी (स्वर्ण) और केसरी (भगवा) रंग दोनों ही पवित्रता और त्याग का प्रतीक हैं। सुनहरी छवि उनकी दिव्यता और भगवा उनका त्याग और भक्ति के प्रति समर्पण दर्शाता है।
- संदेश: भगवान का वस्त्र केवल बाहरी सौंदर्य नहीं, बल्कि उनकी आत्मिक महिमा को प्रकट करता है।
सुन्दर छवि प्यारी है
यह भगवान के सौम्य और आकर्षक स्वरूप को दर्शाता है।
- गहराई: उनकी सुंदरता भौतिक नहीं, बल्कि आत्मा को छूने वाली है। यह सुंदरता उन भक्तों को खींचती है, जो उनके सान्निध्य की लालसा रखते हैं।
- संदेश: श्यामजी का यह स्वरूप हमें आंतरिक सुंदरता और भक्ति के महत्व को समझने की प्रेरणा देता है।
अहिलावती के लाल जगत में, तेरी शान निराली है
अहिलावती के लाल
यह श्यामजी की पौराणिक कथा से जुड़ा है।
- गहराई: अहिलावती (अहिल्या) के उद्धार के संदर्भ में, यह श्यामजी की माया और उनकी क्षमाशीलता को दर्शाता है। यह उनके जगत के पालनहार होने का प्रमाण है।
- संदेश: भगवान अपने भक्तों और साधकों के उद्धार के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
तेरी शान निराली है
यह भगवान की अद्वितीय महिमा को दर्शाता है।
- गहराई: यह पंक्ति बताती है कि भगवान की महिमा असीमित और अप्रतिम है। उनकी लीला और कृपा का संसार में कोई मुकाबला नहीं।
- संदेश: भगवान का अद्वितीय होना हमें उनकी भक्ति और उनके गुणों को समझने के लिए प्रेरित करता है।
जो कोई आवे गले लगावे, देता सबको प्यार
जो कोई आवे गले लगावे
यहां भगवान की आत्मीयता और करुणा का उल्लेख है।
- गहराई: श्यामजी की विशेषता यह है कि वे जात-पात, ऊंच-नीच से परे हैं। जो भी भक्त उन्हें अपनाता है, वे उसे अपने आलिंगन में समेट लेते हैं।
- संदेश: भगवान के दरबार में कोई भेदभाव नहीं। उनका प्रेम सबके लिए समान है।
देता सबको प्यार
यह उनकी प्रेममयी प्रवृत्ति को दर्शाता है।
- गहराई: श्यामजी का प्रेम उनके भक्तों को बिना किसी शर्त के मिलता है। यह प्रेम उनकी कृपा का प्रतीक है।
- संदेश: यह हमें सिखाता है कि प्रेम और दया में ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
जिसने दिल से याद किया प्रभु, तू उसका ग़मख़ार बना
जिसने दिल से याद किया प्रभु
यह भक्त की आस्था और श्यामजी की कृपा का संबंध दर्शाता है।
- गहराई: जब कोई सच्चे मन और भाव से भगवान को पुकारता है, तो भगवान उसकी हर पीड़ा हर लेते हैं।
- संदेश: भक्ति में विश्वास और सच्चाई का होना अत्यावश्यक है।
तू उसका ग़मख़ार बना
यह भगवान की करुणा और दयालुता को दर्शाता है।
- गहराई: श्यामजी हर कष्ट में भक्तों के साथ खड़े रहते हैं। उनकी कृपा से हर विपत्ति दूर हो जाती है।
- संदेश: भक्त को हमेशा यह विश्वास रखना चाहिए कि भगवान उसकी रक्षा करेंगे।
हारे को तू देता सहारा, तू यारो का यार बना
हारे को तू देता सहारा
यह पंक्ति श्यामजी की करुणा और सहायक स्वभाव को उजागर करती है।
- गहराई: “हारे” से आशय उन भक्तों से है, जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं और हार चुके हैं। भगवान श्याम उन सभी को सहारा देते हैं, जो उनकी शरण में आते हैं।
- संदेश: यह दर्शाता है कि भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। उनकी शरण में आकर हर असंभव कार्य संभव हो जाता है।
तू यारो का यार बना
यह भगवान और भक्तों के बीच के अनोखे मित्रवत संबंध को प्रकट करता है।
- गहराई: भगवान श्याम को “यारों का यार” कहा गया है, जो यह दिखाता है कि वे भक्तों के केवल भगवान नहीं, बल्कि उनके सच्चे मित्र भी हैं। मित्रता का यह रूप बिना किसी शर्त के प्रेम और विश्वास पर आधारित है।
- संदेश: भगवान श्याम की भक्ति हमें सिखाती है कि ईश्वर के साथ हमारा संबंध केवल डर पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रेम और मित्रता पर आधारित होना चाहिए।
रूप सलोना भोला मुखड़ा, सबसे बड़ा दिलदार
रूप सलोना भोला मुखड़ा
यह भगवान के सरल और आकर्षक स्वरूप को दर्शाता है।
- गहराई: “सलोना” और “भोला” शब्द भगवान के चेहरे की मासूमियत और उनकी सरलता को व्यक्त करते हैं। उनका स्वरूप न केवल मन को मोहने वाला है, बल्कि भक्तों को आंतरिक शांति भी प्रदान करता है।
- संदेश: भगवान श्याम का भोला स्वरूप यह सिखाता है कि भक्ति में सरलता और निष्कपटता का होना आवश्यक है।
सबसे बड़ा दिलदार
यह भगवान की उदारता और दयालुता को रेखांकित करता है।
- गहराई: “दिलदार” का अर्थ है उदार और खुले दिल वाला। भगवान श्याम अपनी कृपा और प्रेम से भक्तों को संतुष्ट करते हैं। वे सबके दुःख हरने वाले और सबकी इच्छाओं को पूरा करने वाले हैं।
- संदेश: भगवान की यह विशेषता भक्तों को निस्वार्थ और परोपकारी बनने के लिए प्रेरित करती है।
धन्ना भगत का यार बना तू, खेत में उसके काम किया
धन्ना भगत का यार बना तू
यहां भगवान श्याम के धन्ना भगत के प्रति प्रेम और उनकी सहायता का उल्लेख है।
- गहराई: धन्ना भगत राजस्थान के एक सच्चे भक्त थे, जिन्होंने अपने खेत में केवल भक्ति के बल पर भगवान श्याम को बुलाया। भगवान ने उनकी मित्रता स्वीकार कर उनके खेत में कार्य किया।
- संदेश: भक्ति में सच्चाई और समर्पण हो तो भगवान भी भक्त के कार्यों में सहायक बन जाते हैं।
खेत में उसके काम किया
यह पंक्ति भगवान की सादगी और उनकी भक्तों के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
- गहराई: भगवान श्याम ने धन्ना भगत के खेत में स्वयं काम करके यह साबित किया कि वे अपने भक्तों की सेवा के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
- संदेश: भगवान के लिए भक्ति का स्तर ही मायने रखता है, सामाजिक प्रतिष्ठा नहीं।
नरसी भगत की हुंडी तारी, सेठ सांवलिया नाम लिया
नरसी भगत की हुंडी तारी
यहां नरसी भगत और भगवान के बीच की कथा का उल्लेख है।
- गहराई: नरसी भगत के पास धन नहीं था, लेकिन उन्होंने भक्ति और विश्वास के बल पर भगवान को हुंडी (वित्तीय गारंटी) का गवाह बनाया। भगवान ने उनकी हुंडी को मान्यता दी और उनकी आर्थिक समस्या हल की।
- संदेश: भगवान श्याम अपने भक्तों की हर जरूरत को पूरा करते हैं, यदि भक्त का विश्वास दृढ़ हो।
सेठ सांवलिया नाम लिया
यहां भगवान को “सेठ सांवलिया” के रूप में वर्णित किया गया है।
- गहराई: “सेठ” का अर्थ है धनी और “सांवलिया” भगवान श्याम का प्रिय नाम है। भगवान अपने भक्तों को हर प्रकार की संपत्ति (आध्यात्मिक और भौतिक) प्रदान करने वाले हैं।
- संदेश: भगवान न केवल सांसारिक समस्याओं को हल करते हैं, बल्कि आत्मिक समृद्धि का भी स्रोत हैं।
ओ भगतों के प्यारे तुझको, ‘भोला’ रहा पुकार
ओ भगतों के प्यारे
यह भगवान के भक्तों के प्रति असीम प्रेम का वर्णन है।
- गहराई: भगवान श्याम अपने भक्तों के लिए हमेशा प्रिय और सुलभ हैं। उनका प्रेम बिना किसी भेदभाव के सभी भक्तों के लिए समान है।
- संदेश: भगवान का प्रेम हमें यह सिखाता है कि हमें भी सभी के प्रति समान रूप से दयालु और प्रेमपूर्ण होना चाहिए।
तुझको ‘भोला’ रहा पुकार
यह भगवान की सादगी और उनकी सरलता का वर्णन करता है।
- गहराई: भक्त उन्हें “भोला” कहकर पुकारते हैं, क्योंकि वे अपने भक्तों की बातों को बिना किसी शर्त के स्वीकार कर लेते हैं।
- संदेश: ईश्वर की सरलता और सहजता हमें सिखाती है कि हमें भी विनम्र और सरल स्वभाव अपनाना चाहिए।
खाटू वाले श्याम प्यारे: भजन का आध्यात्मिक संदेश
यह भजन हमें सिखाता है कि:
- भक्ति में सच्चाई: यदि हमारा प्रेम और विश्वास सच्चा है, तो भगवान हर परिस्थिति में हमारी मदद करते हैं।
- भगवान की सादगी: श्यामजी का सरल और प्रेममय स्वभाव हमें सिखाता है कि भक्ति को जटिलताओं से दूर रखा जाए।
- करुणा और दया: भगवान न केवल हर भक्त की सहायता करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं।
- मित्रवत संबंध: भगवान को मित्र और साथी मानना, भक्ति का सर्वोच्च स्तर है।
इस भजन के शब्द भक्त और भगवान के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं, जिससे आत्मा ईश्वर से जुड़ती है और जीवन को आनंदमय बनाती है।