- – गीत में लेखक अपने भाग्य में प्रेम पाने की प्रार्थना करता है और भगवान से आशीर्वाद मांगता है।
- – वह अपने जीवन में प्रेम के दीदार और साथ की कामना करता है, जिसे किस्मत में लिखा जाना चाहिए।
- – गीत में प्रेम को पतंग से तुलना करते हुए, उसे संभालने और न खोने की विनती की गई है।
- – लेखक अपने बच्चे के लिए भी प्रेम और आशीर्वाद की मांग करता है, ताकि उसका जीवन खुशहाल हो।
- – पूरे गीत में भगवान के प्रति श्रद्धा और विश्वास व्यक्त किया गया है कि उनकी कृपा से ही प्रेम और खुशियाँ मिलेंगी।

लिखने वाले तू लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार,
मुझको मिल जाए बाबा,
मुझको मिल जाए बाबा,
तेरा दीदार,
लिखने वाले तु लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार।।
तर्ज – किस्मत वालों को मिलता है।
जिसके सर पे हाथ तुम्हारा है,
रोशन उसका आज सितारा है,
किस्मत तेरे हाथ में मेरी है,
लिख डालो तक़दीर क्या देरी है,
तेरी किरपा का बाबा,
तेरी किरपा का बाबा मैं हूँ हक़दार,
लिखने वाले तू लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार।।
मुझको अपनी पतंग बना लो ना,
जैसे चाहे डोर हिला लो ना,
थामे रखना ये उड़ जाएगी,
छोड़ ना देना ये कट जाएगी,
मैंने सौंपी है तुमको,
मैंने सौंपी है तुमको डोरी सरकार,
लिखने वाले तु लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार।।
प्यार तेरा जो मुझको मिल जाए,
बाल कोई बांका ना कर पाए,
‘हर्ष’ कहे उपहार मुझे दे दो,
बेटे को अब प्यार जरा दे दो,
मुझको है खाटु वाले,
मुझको है खाटु वाले तेरी दरकार,
लिखने वाले तु लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार।।
लिखने वाले तू लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार,
मुझको मिल जाए बाबा,
मुझको मिल जाए बाबा,
तेरा दीदार,
लिखने वाले तु लिख दे,
किस्मत में तेरा प्यार।।
