- – यह गीत हनुमान जी की भक्ति और आशीर्वाद की प्रार्थना है, जिसमें भक्त अपने जीवन के लिए विभिन्न वरदान मांगता है।
- – गीत में साधारण जीवन की आवश्यकताओं जैसे बाजरे की रोटी, घी, गुदड़, और ठंडी से बचाव के लिए ओढ़ने की चीजें मांगी गई हैं।
- – भक्त अपने परिवार और समाज के लिए सुख-समृद्धि, जैसे खेत, पत्नी, पुत्र, और भैस की कामना करता है।
- – सेवा, भक्ति, और हनुमान जी के प्रति प्रेम की भावना को गीत में प्रमुखता दी गई है।
- – राजस्थान की संस्कृति और लोकभक्ति की झलक गीत के माध्यम से व्यक्त की गई है।
- – गीत का स्वर लखबीर सिंह लख्खा ने दिया है, जो इसे भावपूर्ण और प्रभावशाली बनाता है।

म्हारा बाबा हनुमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
बाजरे की रोटी दीजो,
ऊपर लुन्यो घी,
ओढवाने गुदड़ दीजो,
घणो पड़ेलो शीत,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
रहवाने तो हेली दीजो,
रखवाली ने ठाकर,
मांगतोड़ा ने मौत दीजो,
सेवा करने चाकर,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
आठुनौ तो खेत दीजो,
माहि दीजो नारी,
घरवाली ने तो छोरो दीजो,
भैस लावे पाड़ी,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
पूत तो सपूत दीजो,
खनखन करता आवे,
गादी ऊपर बेठियो रहू,
हुको भरभर पियावे,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
भाव दीजो भक्ति दीजो,
और थारी चरनारी प्रीत,
राजस्थान रा टाबर,
गावे थारा गीत,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
म्हारा बाबा हनुमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
स्वर – लखबीर सिंह लख्खा।
