- – यह गीत श्री श्याम की भक्ति और उनके प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।
- – गीत में भक्त अपने दुख और पीड़ा के साथ सांवरिया (श्री श्याम) से सहायता और स्नेह की पुकार लगा रहा है।
- – जीवन की कठिनाइयों और परेशानियों के बावजूद भक्त श्री श्याम पर पूर्ण विश्वास और आश्रय रखता है।
- – भक्त अपनी गलतियों को स्वीकारते हुए प्रभु से क्षमा और मार्गदर्शन की प्रार्थना करता है।
- – गीत में श्री श्याम को जीवन का आधार और दुखों का सहारा बताया गया है।
- – यह भक्ति गीत श्रद्धालुओं को आत्मसमर्पण और विश्वास की भावना जगाने के लिए प्रेरित करता है।
सांवरिया सुनले पुकार,
द्वार पे दर्दी आयौ है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है,
जग बतावै है लखदातार-२,
तू काहे मुंह ने फिरावै है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
मना मना थानै आंख्या भटक गई,
श्याम तू क्या मैं अटक्यौ-२,
जीवन नईया डोल रही मेरी,
फिर भी तू ना भटक्यौ-२,
मेरे नयनों का थे ही सृंगार,
श्याम मेरे दिल में समायो है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
गिन गिन कांटू दिन मिलन को,
रांता नींद ना आवे -२,
रूस्स के मुझसे काठा बन गयौ,
काहे नखरौ दिखा्वै-२,
मेरे जीवन का तू ही आधार,
म्हानै थारो हुक्म बजानौ है.
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
बालक हूं नादान मैं तेरा,
रिश्ता आन निभालो-२,
गलती का पुतला हूं मैं बाबा,
आकर प्रभु सम्भालो-२,
मेरे सर के हो तुम सरताज,
दर्दी को तुमने निभाना है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
सांवरिया सुनले पुकार,
द्वार पे दर्दी आयौ है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है,
जग बतावै है लखदातार-२,
तू काहे मुंह ने फिरावै है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
प्रेषक –
विनोद कुमार।
श्री श्याम मीरा मंडल दिल्ली।
मोब. ९२१२०६७४२२
Video Not Available