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श्री राम नाम तारक In Hindi

राम राम राम राम नाम तारकम्
राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम्राम

राम राम राम नाम तारकम्
राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम्

जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम्
जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम्
जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम्

शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम्
शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम्

राम राम राम राम नाम तारकम्
राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम्

वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम्
वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम्

आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम्
आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम्

राम राम राम राम नाम तारकम्
राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम्

Shri Rama Nama Tarakam in English

Ram Ram Ram Ram Naam Taarakam
Ram Krishna Vasudev Bhakti Mukti Daayakam Ram

Ram Ram Ram Naam Taarakam
Ram Krishna Vasudev Bhakti Mukti Daayakam

Janaki Manoharam Sarvalok Naayakam
Janaki Manoharam Sarvalok Naayakam
Janaki Manoharam Sarvalok Naayakam

Shankaradi Sevyamaan Punya Naam Keertanam
Shankaradi Sevyamaan Punya Naam Keertanam

Ram Ram Ram Ram Naam Taarakam
Ram Krishna Vasudev Bhakti Mukti Daayakam

Veer Shur Vanditam Ravanadi Naashakam
Veer Shur Vanditam Ravanadi Naashakam

Aanjaneya Jeevanaam Rajamantra Roopakam
Aanjaneya Jeevanaam Rajamantra Roopakam

Ram Ram Ram Ram Naam Taarakam
Ram Krishna Vasudev Bhakti Mukti Daayakam

श्री राम नाम तारक PDF Download

राम राम राम राम नाम तारकम् का अर्थ

राम नाम का तारक मंत्र

राम नाम को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और तारक माना गया है। ‘तारक’ का अर्थ है, वह जो व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त कर दे। यह मंत्र श्रीराम के नाम का उच्चारण करते हुए उनके गुणों का स्मरण कराता है और जीवन में शांति और सद्गुणों को जाग्रत करता है।

राम, कृष्ण और वासुदेव की भक्ति

भक्ति और मुक्ति के दायक

राम, कृष्ण, वासुदेव सभी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इनके नाम का जप करने से भक्ति की शक्ति का अनुभव होता है और यह जीवन के दुखों से मुक्ति दिलाने वाला है। यह मंत्र केवल ईश्वर की उपासना ही नहीं, बल्कि भक्ति और मुक्ति दोनों का प्रतीक है।

जानकी मनोहरम: सीता के पति श्रीराम

सर्वलोक नायक श्रीराम

श्रीराम, जिन्हें जानकी मनोहरम के नाम से भी संबोधित किया गया है, सर्वलोक के नायक हैं। वे सबके प्रिय और पूजनीय हैं, जिनका चरित्र सदाचार और धर्म का प्रतीक है। यह पंक्ति राम के अद्वितीय गुणों और उनकी सबके प्रति करुणा को दर्शाती है।

शंकरादि सेव्यमान पुण्यनाम

पुण्य और पवित्रता का प्रतीक

शंकरादि सेव्यमान का अर्थ है, जिसे भगवान शंकर सहित सभी देवता सेवा करते हैं और जिसकी कीर्तन से पवित्रता प्राप्त होती है। राम नाम का यह पुण्य कीर्तन सभी पापों को नष्ट करता है और जीवन में पवित्रता लाता है।

वीरशूर वन्दितं: रावण का नाशक

रावणादि नाशक श्रीराम

श्रीराम का गुणगान करते हुए उन्हें वीरशूर वन्दितं कहा गया है, जिसका अर्थ है कि वे वीरों और योद्धाओं द्वारा वंदित हैं और जिन्होंने रावण जैसे अधर्मी का नाश किया। यह श्रीराम के न्यायप्रिय और पराक्रमी स्वभाव को दर्शाता है।

आञ्जनेय जीवनाम: हनुमान का मंत्र

श्रीराम का आशीर्वाद

आञ्जनेय जीवनाम का अर्थ है कि श्रीराम का यह नाम हनुमानजी के लिए जीवनदायिनी मंत्र के समान है। हनुमानजी, जो रामभक्त हैं, उनके लिए श्रीराम का नाम ही सब कुछ है। यह पंक्ति हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को प्रकट करती है।

राम नाम की महिमा

राम नाम का आध्यात्मिक महत्व

राम नाम को हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व दिया गया है। इसे तारक मंत्र कहा गया है, जो व्यक्ति को संसार सागर से पार लगाने वाला माना जाता है। श्रीराम के नाम में इतनी शक्ति है कि इसका स्मरण मात्र से व्यक्ति के जीवन में शांति, संतोष और सुख की अनुभूति होती है। संत तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है:

“राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार। तुलसी भीतर बाहेरहुँ जो चाहसि उजिआर।।”

इसका अर्थ है कि राम नाम का दीपक अपनी जीभ रूपी देहरी पर जलाओ, जो अंदर और बाहर दोनों ओर प्रकाश फैला सके।

भक्ति और विश्वास का प्रतीक

राम नाम केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि भक्ति और विश्वास का प्रतीक है। यह व्यक्ति के भीतर ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण की भावना को जाग्रत करता है। राम नाम का जप करने से मन की चंचलता शांत होती है और मनुष्य के भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।

राम, कृष्ण और वासुदेव: विष्णु के तीन अवतार

राम का आदर्श व्यक्तित्व

भगवान राम का चरित्र ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के रूप में जाना जाता है। वे एक आदर्श पुत्र, भाई, पति और राजा के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनका जीवन हमें सत्य, धर्म, और कर्तव्य का पालन सिखाता है। राम नाम का जप करते समय हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

कृष्ण का प्रेम और ज्ञान

भगवान कृष्ण प्रेम, ज्ञान और योग के प्रतीक माने जाते हैं। उनका जीवन हमें कर्मयोग और प्रेमभाव सिखाता है। गीता में दिए गए उनके उपदेश आज भी मानव जीवन को सही दिशा दिखाते हैं। कृष्ण नाम का जप करते समय हमें उनके प्रेममयी स्वरूप और ज्ञान की गहराई को समझने का प्रयास करना चाहिए।

वासुदेव का व्यापक स्वरूप

वासुदेव का अर्थ है, जो सभी में निवास करते हैं। भगवान वासुदेव का नाम जपते समय हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि ईश्वर सर्वत्र हैं और वे हर जीव में विद्यमान हैं। यह नाम हमें आत्मा के व्यापक स्वरूप की याद दिलाता है और यह सिखाता है कि सभी प्राणियों में ईश्वर का वास है।

जानकी मनोहरम: सीता के पति श्रीराम

जानकी और राम का दिव्य प्रेम

राम और सीता का प्रेम और समर्पण संसार में प्रेम और त्याग का सबसे बड़ा उदाहरण है। जानकी मनोहरम का अर्थ है, जो जानकी (सीता) के मनोहर पति हैं। सीता और राम का प्रेम केवल एक दाम्पत्य संबंध नहीं था, बल्कि यह एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है। जानकी मनोहरम के रूप में राम का स्मरण हमें सच्चे प्रेम और त्याग का महत्व सिखाता है।

सर्वलोक नायक श्रीराम

श्रीराम केवल अयोध्या के राजा ही नहीं, बल्कि पूरे संसार के नायक हैं। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व हर युग में लोगों के लिए आदर्श रहा है। उनके चरित्र की महानता के कारण उन्हें ‘सर्वलोक नायक’ कहा गया है। राम नाम का जप करते समय हमें उनकी महानता और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।

शंकरादि सेव्यमान पुण्यनाम

सभी देवताओं द्वारा वंदित राम नाम

राम नाम की महिमा इतनी महान है कि भगवान शंकर सहित सभी देवता इसका कीर्तन करते हैं। यह पंक्ति राम नाम की पवित्रता और पुण्य का प्रतीक है। इसका जप करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

पुण्यनाम कीर्तन का लाभ

राम नाम का कीर्तन करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह मानसिक शांति, आत्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। राम नाम का कीर्तन करते समय हमें समर्पण भाव से इसका उच्चारण करना चाहिए और मन को एकाग्र करके राम के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए।

वीरशूर वन्दितं: रावण का नाशक

अधर्म के विनाशक श्रीराम

श्रीराम को ‘वीरशूर वन्दितं’ कहा गया है क्योंकि उन्होंने रावण जैसे महान योद्धा को परास्त कर धर्म की स्थापना की। यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि जब भी अधर्म का बोलबाला हो, तब धर्म की स्थापना के लिए संघर्ष करना आवश्यक है। राम नाम का जप करते समय हमें उनके साहस और न्यायप्रियता का स्मरण करना चाहिए।

शूरवीरों के लिए आदर्श

श्रीराम का जीवन केवल एक राजकुमार या राजा का नहीं, बल्कि एक शूरवीर का भी है। उन्होंने अपने साहस और पराक्रम से अधर्म का नाश किया और संसार को धर्म और न्याय का मार्ग दिखाया। राम नाम का जप हमें उनके शौर्य और वीरता को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा देता है।

आञ्जनेय जीवनाम: हनुमान का राम नाम प्रेम

हनुमान के जीवन का आधार: राम नाम

हनुमानजी के जीवन का मुख्य आधार श्रीराम का नाम है। उनके लिए राम नाम ही सब कुछ है। आञ्जनेय जीवनाम का अर्थ है, जो हनुमान के लिए जीवनदायिनी है। हनुमानजी के समर्पण और भक्ति से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा और प्रेम ही सच्चा धर्म है।

राम नाम: हनुमान की शक्ति का स्रोत

हनुमानजी की सारी शक्तियाँ और चमत्कार राम नाम के कारण ही संभव हुए हैं। उनके लिए राम नाम ही सबसे बड़ा मंत्र है। हनुमानजी का जीवन हमें यह सिखाता है कि यदि हम राम नाम का सही तरीके से जप करें, तो हमें भी असीम शक्तियाँ और आत्मिक शांति प्राप्त हो सकती है।

निष्कर्ष

राम, कृष्ण और वासुदेव के नामों का जप हमें जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष का मार्ग दिखाता है। राम नाम की महिमा अपरम्पार है और इसका निरंतर जप व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार की बाधाओं को दूर करके उसे सुख, शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। श्रीराम, श्रीकृष्ण और वासुदेव के नामों का स्मरण और जप करने से हम सभी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।

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