- – यह गीत बाबा श्याम से उनके दर्शन की विनती करता है, जिसमें भक्त अपने दुख और पीड़ा के बीच उनकी उपस्थिति की आशा करता है।
- – गीत में भक्त की आंखों के आंसू सूख जाने और मन की प्यास बुझाने की प्रार्थना व्यक्त की गई है।
- – जीवन की कठिनाइयों और ग़म की बदरिया के बीच, भक्त बाबा श्याम से सहारा और मार्गदर्शन की मांग करता है।
- – गीत में बाबा श्याम को “तेरे लाल” कहकर प्रेम और स्नेह से पुकारा गया है, जो उनकी दिव्यता और भक्त के प्रति उनके स्नेह को दर्शाता है।
- – यह गीत भक्ति और श्रद्धा की भावना से ओतप्रोत है, जिसमें भक्त अपने संकटों में बाबा श्याम की कृपा और दर्शन की अपेक्षा करता है।
आ दर्श दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे।
आँखों के आंसू सुख चुके है,
अब तो तू दर्श दिखा दे,
कबसे खड़े है दर पे तुम्हारे,
मन की तू प्यास बुझा दे,
तेरी लीला निराली मेरे श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
बिच भंवर में नैया पड़ी है,
आकर तू पार लगा दे,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
आकर तू गले से लगा ले,
क्यों देर लगाते घनश्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
डूब रहा है सुख का सूरज,
गम की बदरिया है छाई,
उजड़ गई है बगिया जीवन की,
मन की कलि मुरझाई,
करे विनती ये बालक श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आ दर्श दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
Singer : Sanjay Mittal