नर्मदा अष्टकम (Narmada Ashtakam)
सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितमद्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतमकृतान्त दूत काल भुत…
Read Moreसबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितमद्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतमकृतान्त दूत काल भुत…
Read Moreघोर-रूपे महा-रावेसर्व शत्रु भयङ्करि ।भक्तेभ्यो वरदे देवित्राहि मां शरणागतम् ॥१॥ ॐ सुर-सुरार्चिते देविसिद्ध-गन्धर्व-सेविते ।जाड्य-पाप-हरे देवित्राहि…
Read Moreॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ।सर्वे सन्तु निरामयाः ।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु ।मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥ॐ…
Read Moreॐ अच्युताय नमः ॥ॐ गोविन्दाय नमः ॥ॐ अनंताय नमः ॥ ॐ अच्युताय नमः अर्थ और…
Read Moreॐ नारसिंहाय नमः।ॐ महासिंहाय नमः।ॐ दिव्यसिंहाय नमः।ॐ महाबलाय नमः।ॐ उग्रसिंहाय नमः।ॐ महादेवाय नमः।ॐ स्तम्भजाय नमः।ॐ…
Read Moreआदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोSस्तु ते ॥1॥ सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।श्वेतपद्मधरं…
Read Moreसीता कल्याण वैभोगमेराम कल्याण वैभोगमे पवनज स्तुति पात्र पावन चरित्ररवि सोम वर नेत्र रमणीय गात्र…
Read Moreॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ।ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य…
Read Moreजानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥१॥ दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥२॥ भूमेर्दुहितरं विद्यां…
Read Moreभजे व्रजैक मण्डनम्, समस्त पाप खण्डनम्,स्वभक्त चित्त रञ्जनम्, सदैव नन्द नन्दनम्,सुपिन्छ गुच्छ मस्तकम् , सुनाद…
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