तुम से लागी लगन,ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,मेटो मेटो जी संकट हमारा । निशदिन तुमको जपूँ,पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,तेरे चरणों में बीत हमारा ॥टेक॥ अश्वसेन के राजदुलारे,वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।सबसे नेह तोड़ा,जग से मुँह को मोड़ा,संयम धारा ॥मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥ इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,देवी पद्मावती मंगल …










