बारस कब है इस महीने में [द्वादशी] – Baras Kab Hai 2025
परिचय
हिंदू पंचांग में द्वादशी तिथि का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इसे बारस के नाम से भी जाना जाता है। हर महीने में दो बार द्वादशी तिथि आती है – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। साल भर में कुल चौबीस बार द्वादशी पड़ती है। इस लेख में, हम आपको द्वादशी तिथि की विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें हर महीने की बारस तिथियां और उनके महत्व को समझाया जाएगा।
द्वादशी तिथि का महत्व
द्वादशी तिथि को धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना गया है। इसे व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना के लिए उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। इसे व्रतधारी लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने और आत्मिक शुद्धि के लिए मानते हैं।
2025 में द्वादशी तिथियों की सूची
नीचे वर्ष 2025 में आने वाली द्वादशी तिथियों का विवरण प्रस्तुत है, जिसमें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की तिथियों के साथ संबंधित दिन का भी उल्लेख है:
तारीख | पक्ष | वार |
---|---|---|
12 जनवरी 2025 | शुक्ल पक्ष | रविवार |
27 जनवरी 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |
11 फरवरी 2025 | शुक्ल पक्ष | मंगलवार |
25 फरवरी 2025 | कृष्ण पक्ष | मंगलवार |
13 मार्च 2025 | शुक्ल पक्ष | गुरुवार |
27 मार्च 2025 | कृष्ण पक्ष | गुरुवार |
12 अप्रैल 2025 | शुक्ल पक्ष | शनिवार |
26 अप्रैल 2025 | कृष्ण पक्ष | शनिवार |
12 मई 2025 | शुक्ल पक्ष | सोमवार |
26 मई 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |
10 जून 2025 | शुक्ल पक्ष | मंगलवार |
25 जून 2025 | कृष्ण पक्ष | बुधवार |
10 जुलाई 2025 | शुक्ल पक्ष | गुरुवार |
24 जुलाई 2025 | कृष्ण पक्ष | गुरुवार |
9 अगस्त 2025 | शुक्ल पक्ष | शनिवार |
23 अगस्त 2025 | कृष्ण पक्ष | शनिवार |
8 सितंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | सोमवार |
22 सितंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |
7 अक्टूबर 2025 | शुक्ल पक्ष | मंगलवार |
21 अक्टूबर 2025 | कृष्ण पक्ष | मंगलवार |
6 नवंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | गुरुवार |
20 नवंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | गुरुवार |
5 दिसंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | शुक्रवार |
20 दिसंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | शनिवार |
यह तालिका आपको वर्ष 2025 में आने वाली सभी द्वादशी तिथियों की जानकारी प्रदान करती है, जिससे आप अपने धार्मिक अनुष्ठानों की योजना बना सकते हैं।
निष्कर्ष
द्वादशी तिथि हर महीने में दो बार आती है और इसे धार्मिक दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की इन तिथियों पर व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। यदि आप अपने धार्मिक कार्यों के लिए सही दिन चुनना चाहते हैं, तो ऊपर दी गई तालिका और जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
आशा है कि इस लेख से आपको द्वादशी तिथि से संबंधित सभी सवालों के उत्तर मिल गए होंगे।