मुख्य बिंदु
- – अवधपति हनुमान से मानव जाति के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य करने का आग्रह कर रहे हैं।
- – मानव जीवन में संकट और हाहाकार के बीच हनुमान को सभी का भार अपने कंधों पर लेने और उनकी भलाई करने का संदेश दिया गया है।
- – राम नाम के जप और स्मरण से संसार सुखी होता है और भक्तों की हार नहीं होती।
- – हनुमान को संकटमोचन और संकट काटू के रूप में पूजा जाता है जो सभी संकटों को दूर करते हैं।
- – जय बजरंगबली का जयकारा लगाकर जन-जन के कल्याण और भलाई की कामना की गई है।

भजन के बोल
अवधपति बोले यूँ मुख से,
सुनो वीर हनुमान,
वर्षो बाद पड़ा है तुमसे,
एक जरुरी काम,
धरती पर मानव जाति यूँ,
कर रही हाहाकार,
तुम्हरे काँधे पर धरता,
उनके जीवन का भार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥
राम रसिक तुम राम नाम,
जपने वालों के सहारे,
राम नाम जो बोले मुख से,
लगते तुमको प्यारे,
राम नाम के सुमिरन से ही,
सुखी हो ये संसार,
तेरे होते हो नहीं सकती,
मेरे भक्तो की हार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥
आपकी आज्ञा सिरोधार्य है,
संकट काटू सारे,
संकटमोचन नाम दिया प्रभु,
आपने जग ये उचारे,
राम नाम जिनके मुख हो,
उनका बेड़ा हो पार,
कहते यूँ हनुमान करेंगे,
जन जन का कल्याण,
जय बजरंगबली,
करेंगे सबकी भली,
जय बजरंगबली,
करेंगे सबकी भली ॥
अवधपति बोले यूँ मुख से,
सुनो वीर हनुमान,
वर्षो बाद पड़ा है तुमसे,
एक जरुरी काम,
धरती पर मानव जाति यूँ,
कर रही हाहाकार,
तुम्हरे काँधे पर धरता,
उनके जीवन का भार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥
