मुख्य बिंदु
- – यह गीत भक्ति और भगवान राम के नाम जप की महत्ता को दर्शाता है, जो जीवन को सफल और सार्थक बनाता है।
- – माया और सांसारिक मोह-माया से दूर रहकर भक्ति को चुनने का संदेश दिया गया है।
- – चंचल मन को स्थिर कर प्रभु के चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा मिलती है।
- – आलस और व्यर्थ के भोगों को त्यागकर भजन और भक्ति में लीन रहने का आग्रह है।
- – जीवन को एक पिंजरे में बंद तोते की तरह बताया गया है, जिसे एक दिन छोड़कर आत्मा को प्रभु के धाम की ओर उड़ना है।
- – भक्ति के रस से जीवन को अमृतमय बनाकर ईश्वर की शरण में जाने की प्रेरणा मिलती है।

भजन के बोल
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
प्रभु की भक्ति सुबह के जैसी,
माया है एक ढलती शाम,
दुविधा में ना दोऊ जाए,
माया मिले ना तुझको राम,
तू चुन ले भक्ति अभिराम,
तू चुन ले भक्ति अभिराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पींजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
चंचल मन को केंद्रित कर दे,
श्री हरी जी के चरणों में,
भोग विलास में समय गँवा मत,
कुछ भी नहीं है सपनो में,
छोड़ आलस सकल विश्राम,
छोड़ आलस सकल विश्राम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पींजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
भजन के रस का अमृत पीकर,
भक्ति की शक्ति तू ले ले,
अपने मानुष तन जीवन को,
प्राणी यहाँ सफल कर ले,
करले आवागम को प्रणाम,
करले आवागम को प्रणाम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पींजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
इस दुनिया ने बन्दे तेरा,
कहीं नहीं ठिकाना है,
एक दिन पिंजरा छोड़ के पंछी,
दूर बहुत उड़ जाना है,
उड़के के जाना है प्रभु के धाम,
उड़के के जाना है प्रभु के धाम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पींजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे ॥
