भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
हरी हो गयी बंजर धरती,
नाचे झरनो में बिजली ।
सोना-चांदी उगल रही है,
तेरी नदियों का पानी ।
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
मस्त हवा जब लहराती है,
दूर-दूर तक पहुंचाती है ।
तेरे ऊँचे-ऊँचे पर्वत,
निडर बहादुर सेनानी ।
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
भारत माता तेरा आँचल – RSS गीत का अर्थ
यह गीत मातृभूमि भारत के प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्धि और वीरता का अद्वितीय वर्णन प्रस्तुत करता है। इस गीत के माध्यम से भारत माता की महानता का गौरवगान किया गया है। इसमें भारत की हरी-भरी धरती, नदियों का स्वच्छ जल, पर्वतों की ऊंचाई और स्वतंत्रता के रक्षक वीर सैनिकों का स्मरण किया गया है।
भारत माता तेरा आँचल
भारत माता तेरा आँचल, हरा-भरा धानी-धानी
- यहाँ ‘आँचल’ शब्द का अर्थ है माँ का आँचल, जो अपने बच्चों को शांति और सुख का अनुभव कराता है। इस पंक्ति में भारत माता के आँचल को हरा-भरा और धानी (हरा) रंग में प्रस्तुत किया गया है, जो भारतीय भूमि की हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है।
मीठा-मीठा चम-चम करता, तेरी नदियों का पानी
- ‘मीठा-मीठा’ शब्द से नदियों के जल की मिठास और ताजगी का उल्लेख है। ‘चम-चम करता’ से जल के स्वच्छता और चमक की ओर संकेत है। यह पानी देश की उन्नति और संपन्नता का स्रोत है, जो सिंचाई, पीने और जीवनयापन के लिए आवश्यक है।
भारत भूमि की समृद्धि का चित्रण
हरी हो गयी बंजर धरती, नाचे झरनों में बिजली
- यहाँ भारत की बंजर धरती के हरा-भरा होने का वर्णन है। यह पंक्ति किसानों की मेहनत और जल संसाधनों के विकास की ओर इशारा करती है। ‘नाचे झरनों में बिजली’ से तात्पर्य है कि जलधाराओं में जल का आवेग, जो ऊर्जा और प्रकृति की गतिशीलता को दर्शाता है।
सोना-चांदी उगल रही है, तेरी नदियों का पानी
- इस पंक्ति में नदियों को देश की संपत्ति का कारण माना गया है। यह भारत की धरती की उर्वरता और संसाधनों की प्रचुरता को इंगित करती है, जो सोने-चांदी की तरह अमूल्य हैं। जल स्रोतों की उपस्थिति से कृषि और अन्य संसाधनों की वृद्धि होती है।
भारत के पर्वतों की महिमा
मस्त हवा जब लहराती है, दूर-दूर तक पहुंचाती है
- यह पंक्ति उस सुगंध और हवा की लहरों का वर्णन करती है, जो पूरे देश में ऊर्जा और ताजगी का संचार करती हैं। भारत के वातावरण की ताजगी और हरियाली का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।
तेरे ऊँचे-ऊँचे पर्वत, निडर बहादुर सेनानी
- इस पंक्ति में भारत के विशाल पर्वतों का जिक्र है, जो देश की रक्षा और स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। पर्वतों को बहादुर सेनानी कहा गया है, जो देश की सीमा पर खड़े होकर दुश्मनों का सामना करते हैं।
निष्कर्ष
यह गीत भारत की महानता, उसकी प्रकृति की समृद्धि, पर्वतों की रक्षा और वीर सैनिकों की बहादुरी का संदेश देता है।