भजन

दर बालाजी के अर्जी लगाले: भजन (Dar Balaji Ke Arji Laga Le)

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दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

संकट तेरे साथ है जो,
मार बड़ी खाएगा,
बालाजी के सोटे वो,
बच नहीं पाएगा,
अपने सारे इन तू कष्टों को मिटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

प्रेतराज भैरव बाबा,
करते नहीं देर है,
पल में ही सुन लेते,
भक्तो की टेर है,
जादू होते यहाँ बड़े ही निराले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

आरती का छींटा ले ले,
बड़ा गुणवान है,
सारे ही रोगों का ये,
छींटा तो निदान है,
छींटा ले ले तू फंद कटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

बालाजी के चरणों से,
आशा तू भी जोड़ ले,
बालाजी की भक्ति का,
चोला तू भी ओढ़ ले,
‘पप्पू’ बालाजी को ह्रदय में बसा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥

दर बालाजी के अर्जी लगाले: गहन अर्थ और विश्लेषण

यह भजन भगवान बालाजी के प्रति एक भक्त का गहरा विश्वास और उनकी कृपा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है। इसमें भगवान की महिमा, उनकी शक्ति और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन है। यह केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक मार्गदर्शन है जो हमें अपने जीवन में ईश्वर की कृपा के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है।


दर बालाजी के अर्जी लगाले

इस पंक्ति में यह संदेश है कि जब जीवन में कोई कठिनाई हो, तो हमें भगवान बालाजी के दरबार में अपनी अर्जी लेकर जाना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि केवल अपने कष्टों में ही भगवान को याद करें, बल्कि यह कि हर परिस्थिति में, विशेष रूप से संकट में, उनकी शरण में जाएं।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

अर्जी लगाने का अर्थ है अपने मन की बात भगवान के समक्ष रखना। यह हमें आत्मसमर्पण के भाव को समझने की प्रेरणा देता है। जब हम भगवान के सामने अपने अहंकार और चिंताओं को त्यागते हैं, तो यह भगवान से गहरे संबंध बनाने का एक माध्यम बनता है।


आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले

यह पंक्ति भक्ति और श्रद्धा के महत्व को रेखांकित करती है। श्रद्धा केवल एक भावना नहीं है; यह एक शक्ति है जो भक्त को भगवान से जोड़ती है। बाबा को मनाने का अर्थ है उनके प्रति सच्चे हृदय से समर्पण करना और यह विश्वास करना कि वे हमारी हर कठिनाई को दूर करेंगे।

भक्त के लिए संदेश:

श्रद्धा एक साधन है जो भक्त के मन को शुद्ध करती है। जब हम भगवान को मनाने की बात करते हैं, तो इसका अर्थ है कि हम अपने मन और कर्म को उनकी ओर समर्पित करें।


की दुःख तेरा भाग जाएगा

यह वाक्य भक्त को यह विश्वास दिलाता है कि भगवान बालाजी की कृपा से सभी दुःख दूर हो जाएंगे। यहाँ दुःख का अर्थ केवल शारीरिक या भौतिक कष्ट नहीं है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक कष्ट भी है।

गहन दृष्टिकोण:

दुःख को भगाने का तात्पर्य है कि हम अपने भीतर के अज्ञान, क्रोध, और मोह जैसे नकारात्मक भावों को भगवान की कृपा से समाप्त कर सकते हैं। यह केवल बाहरी समस्याओं का समाधान नहीं है, बल्कि आंतरिक शांति और संतोष प्राप्त करने की प्रक्रिया है।


सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का

इस पंक्ति में भगवान बालाजी के दरबार की सच्चाई और उनकी न्यायप्रियता का वर्णन है। सच्चा दरबार वह है जहाँ भक्त को न केवल आश्रय मिलता है, बल्कि न्याय और प्रेम भी प्राप्त होता है।

आध्यात्मिक व्याख्या:

यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि ईश्वर का दरबार हर प्रकार के छल, कपट और स्वार्थ से मुक्त होता है। वहां केवल सत्य, प्रेम और करुणा का वास होता है। भक्त को यह समझना चाहिए कि भगवान केवल सच्चे हृदय से की गई प्रार्थना स्वीकार करते हैं।


संकट तेरे साथ है जो, मार बड़ी खाएगा

यह पंक्ति इस बात पर जोर देती है कि भक्त के जीवन में जो भी संकट हैं, वे भगवान बालाजी के आशीर्वाद से समाप्त हो जाएंगे। यहाँ ‘संकट’ का अर्थ बाहरी और आंतरिक दोनों प्रकार की बाधाओं से है।

गहराई से विश्लेषण:

भगवान बालाजी को संकटमोचक के रूप में पूजा जाता है। यह पंक्ति भक्त को यह विश्वास दिलाती है कि कोई भी नकारात्मक शक्ति उनके जीवन में तब तक प्रभावी नहीं हो सकती जब तक बालाजी का संरक्षण उनके साथ है। यह हमें भगवान के प्रति निडर विश्वास रखने की प्रेरणा देता है।


बालाजी के सोटे वो, बच नहीं पाएगा

भगवान बालाजी को संकटों और बुरी शक्तियों का नाश करने वाला माना जाता है। यह पंक्ति उनकी शक्ति और उनके भक्तों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

भक्त और भगवान का संबंध:

यहाँ भगवान की छवि एक रक्षक के रूप में प्रस्तुत की गई है। भक्त को यह विश्वास दिलाया गया है कि जो भी शक्ति उसे परेशान करेगी, भगवान बालाजी अपने प्रबल प्रभाव से उसे नष्ट कर देंगे। यह भक्त के मन में निडरता और आत्मविश्वास पैदा करता है।


प्रेतराज भैरव बाबा, करते नहीं देर है

भैरव बाबा, जो भगवान बालाजी के साथ माने जाते हैं, को तुरंत संकट हरने वाला कहा गया है। यह पंक्ति उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और भक्तों के प्रति उनकी करुणा को दर्शाती है।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

यह भगवान के सहायक शक्तियों के महत्व को रेखांकित करता है। भैरव बाबा को संकटों को दूर करने और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने में पारंगत माना गया है।


पल में ही सुन लेते, भक्तो की टेर है

यहाँ भगवान की दयालुता और उनके भक्तों के प्रति उनकी तत्परता का उल्लेख है। भगवान बालाजी और भैरव बाबा को वह शक्ति दी गई है कि वे भक्तों की पुकार का तुरंत उत्तर देते हैं।

संदेश:

भक्त को यह विश्वास दिलाया गया है कि भगवान उनके दुख-दर्द को जानने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं रखते। उनकी कृपा इतनी तेज है कि वे सीधे भक्त के हृदय की बात को सुन लेते हैं।


जादू होते यहाँ बड़े ही निराले

यह पंक्ति भगवान बालाजी के दरबार में होने वाले चमत्कारों और उनकी महिमा का वर्णन करती है। भक्तों को इस बात पर जोर देने के लिए कहा गया है कि बालाजी के मंदिर में जो अनुभव होता है, वह साधारण नहीं है।

गहराई से विश्लेषण:

यहाँ “जादू” शब्द का अर्थ भौतिक चमत्कारों से नहीं, बल्कि भक्तों के जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलाव से है। जब व्यक्ति भगवान की शरण में जाता है और उनकी भक्ति करता है, तो उसे मानसिक शांति, समस्याओं का समाधान, और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। यही वास्तविक चमत्कार है।


आरती का छींटा ले ले, बड़ा गुणवान है

भगवान बालाजी की आरती का छींटा लेने को बहुत शुभ बताया गया है। यह पंक्ति प्रतीकात्मक रूप से भक्त को भगवान के आशीर्वाद को स्वीकार करने और उनके दिव्य स्पर्श का अनुभव करने की प्रेरणा देती है।

आध्यात्मिक संदेश:

आरती का छींटा भक्त के लिए शुद्धिकरण और रक्षा का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि भगवान के चरणों की पूजा से न केवल हमारे कष्ट दूर होते हैं, बल्कि हमारी आत्मा भी शुद्ध होती है।


सारे ही रोगों का ये, छींटा तो निदान है

इस पंक्ति में आरती के छींटे को सभी रोगों का निदान बताया गया है। यहाँ “रोग” शब्द केवल शारीरिक बीमारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं को भी इंगित करता है।

गहन अर्थ:

यह बताता है कि जब हम भगवान की आरती में शामिल होते हैं और उनके चरणों से जुड़ते हैं, तो यह हमें आत्मिक बल प्रदान करता है। यह हमारे भीतर के नकारात्मक भावों, जैसे ईर्ष्या, क्रोध, और भय को समाप्त कर देता है।


बालाजी के चरणों से, आशा तू भी जोड़ ले

यह पंक्ति भक्त को भगवान बालाजी के चरणों में अपने जीवन की आशा और विश्वास रखने के लिए प्रेरित करती है। यह बताती है कि जब हम अपने जीवन के हर पहलू को भगवान को समर्पित करते हैं, तो हमारा जीवन स्वतः ही सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ता है।

गहराई से विश्लेषण:

चरणों से जुड़ने का अर्थ है अपने अहंकार का त्याग करना। यह भक्त को यह सिखाता है कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण ही सभी कष्टों और समस्याओं का समाधान है।


बालाजी की भक्ति का, चोला तू भी ओढ़ ले

यह पंक्ति भक्त को बालाजी की भक्ति का “चोला” पहनने की प्रेरणा देती है। यहाँ “चोला” का अर्थ भक्ति और श्रद्धा को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना है।

भक्ति का महत्व:

भक्ति केवल एक साधना नहीं है, यह हमारे जीवन को पवित्र और उद्देश्यपूर्ण बनाती है। जब हम भगवान की भक्ति का चोला पहनते हैं, तो हमारा दृष्टिकोण बदलता है और हम हर परिस्थिति को स्वीकार करने और उसका सामना करने की शक्ति प्राप्त करते हैं।


‘पप्पू’ बालाजी को ह्रदय में बसा ले

यह पंक्ति भजन के रचयिता (जिसे ‘पप्पू’ संबोधित किया गया है) को सीधे संबोधित करती है। यह उनके लिए एक व्यक्तिगत संदेश है, लेकिन साथ ही यह हर भक्त के लिए भी है। भगवान को ह्रदय में स्थान देने का अर्थ है उन्हें अपने जीवन का केंद्र बनाना।

गहन दृष्टिकोण:

भगवान को ह्रदय में बसाने का मतलब है कि हम उनके प्रति अपनी आंतरिक भक्ति को जीवित रखें। जब हमारा मन और आत्मा भगवान में स्थित हो जाते हैं, तो हम बाहरी परेशानियों से प्रभावित नहीं होते।


समग्र संदेश: भजन की अंतर्दृष्टि

यह भजन भगवान बालाजी की शक्ति, करुणा और उनकी भक्ति के महत्व को गहराई से समझाता है। भक्त को सिखाया गया है कि जीवन के हर संकट और कष्ट का समाधान भगवान की शरण में है।

  1. श्रद्धा और विश्वास: भजन इस बात पर जोर देता है कि ईश्वर के प्रति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा से हम अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
  2. समर्पण का महत्व: भगवान के प्रति आत्मसमर्पण हमें मानसिक और आध्यात्मिक शांति देता है।
  3. भक्ति का मार्ग: भक्ति को जीवन का आधार बनाकर हम अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं और भगवान के साथ गहरे संबंध बना सकते हैं।
  4. संकटमोचन बालाजी: भगवान बालाजी को संकटों और बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है। भजन हमें इस बात का भरोसा दिलाता है कि उनकी कृपा से हर समस्या समाप्त हो सकती है।

निष्कर्ष

यह भजन न केवल भगवान बालाजी की महिमा का गुणगान करता है, बल्कि भक्त को यह सिखाता है कि जीवन में सच्ची भक्ति, श्रद्धा और समर्पण के माध्यम से हर मुश्किल का हल संभव है। यह एक आह्वान है कि हम अपनी समस्याओं को भगवान के चरणों में रखें और उनकी कृपा से अपने जीवन को सफल बनाएं।


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