- – यह गीत भगवान श्याम (कृष्ण) की महिमा और उनकी दया का वर्णन करता है, जो सभी भक्तों के पालनहार और दातार हैं।
- – भगवान श्याम की कृपा से भक्तों को जीवन में सुख, शांति और सुरक्षा मिलती है, जो कठिनाइयों में भी उनका सहारा बनते हैं।
- – भक्तों का जीवन भगवान की ज्योति से प्रकाशित होता है और वे उनके प्रेम में दीवाने बन जाते हैं।
- – गीत में भगवान के प्रति गहरा भक्ति भाव और आभार व्यक्त किया गया है, जो हर संकट में शरण देने वाले हैं।
- – “चोखानी” और “गौतम” जैसे भक्तों के माध्यम से भगवान की महिमा का गुणगान किया गया है।
- – गीत का स्वर गौतम जी राठौर ने दिया है, जो भक्ति भाव को और प्रभावशाली बनाता है।

हम तुमको क्या दे सकते है,
तू सबका दातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
तर्ज – चांदी जैसा रंग है तेरा।
तेरा दिया ही खाते है हम,
तेरा दिया ही पीते,
तेरे भरोसे ही दुनिया में,
ख़ुशी ख़ुशी हम जीते,
तेरी कृपा के धागों से हम,
जख्मों को है सीते,
मुश्किल में है दौड़ के आता,
मुश्किल में है दौड़ के आता,
तू लीले असवार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
जिसकी नैया तेरे भरोसे,
खाती ना हिचकोले,
तेरा प्रेमी बनकर जग में,
दीवाना बन डोले,
मिलने वालों से दीवाना,
जय श्री श्याम ही बोले,
तेरी ज्योत से रोशन होता,
तेरी ज्योत से रोशन होता,
भक्तो का घरबार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
हमको जबसे मिला सहारा,
मस्ती ही मस्ती है,
तुझसे है पहचान हमारी,
तुझसे ही हस्ती है,
‘चोखानी’ के दिल में तेरी,
सूरत ही बसती है,
‘गौतम’ को मुंह माँगा दिया है,
‘गौतम’ को मुंह माँगा दिया है,
तुमने लखदातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
हम तुमको क्या दे सकते है,
तू सबका दातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
स्वर – गौतम जी राठौर।
