- – गीत में सांवरिया के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति भाव को व्यक्त किया गया है।
- – सांवरिया को परिवार, सहारा और आधार बताया गया है, जो जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- – गीत में सांवरिया के नाम से जीवन में शांति, आराम और चिंता मुक्त होने की बात कही गई है।
- – गायक ने सांवरिया की सेवा और भक्ति को अपने भाग्य की बड़ी बात माना है।
- – गीत में सांवरिया के साथ मिलन की इच्छा और उनके प्रति समर्पण की भावना स्पष्ट है।
- – मनीष जी भट्ट द्वारा गाया गया यह गीत भावनात्मक और श्रद्धापूर्ण है।

जईया थाने भावे,
वईया राखो जी सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
तर्ज – कौन दिशा में लेके।
था बिन म्हारो कोई ना बाबा,
थे ही तो परिवार हो,
भाई बंधू माता पिता थे,
थे ही रिश्तेदार हो,
एक सहारो म्हाने थारो,
थे ही बस आधार हो,
मन का सारा चाया,
थे तो करो हो सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
थासु नेह लगायो है जदसू,
जीवन में आराम जी,
चिंता फिकर सब छोड़ी है थापे,
होंठा पे थारो नाम जी,
थे ही प्यारा थे ही दुलारा,
थे ही पालनहार हो,
थारे सिवा कोई,
भी ना म्हारो रे सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
थाकी रजा में राजी है ‘मोहित’,
थाको घणो उपकार जी,
सेवा दे दी भक्ति भी दे दी,
खूब बड़ो मेरो भाग जी,
म्हारा ये आंसू कहवे है थासु,
होवे मिलन एक बार हो,
थारे आगे बैठ करके,
गाऊं रे सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
जईया थाने भावे,
वईया राखो जी सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
गायक – मनीष जी भट्ट।
