- – गीत में “कन्हैया” को जीवन का आधार और सहारा बताया गया है, जिसके बिना जीवन कठिन और अधूरा होता।
- – मुसीबतों में “कन्हैया” की मौजूदगी को नैया चलाने वाला माझी बताया गया है, जो बिना पानी के भी नाव को पार लगाता है।
- – आंसू और दर्द के बीच भी “कन्हैया” की मेहरबानी और एहसान का जिक्र है, जो जीवन में आशा और सहारा प्रदान करता है।
- – गीत में भावनात्मक रूप से यह व्यक्त किया गया है कि “कन्हैया” के बिना जीवन में चैन, सुख और जीने की चाहत नहीं होती।
- – यह गीत प्रेम, श्रद्धा और कृतज्ञता की भावना से भरा हुआ है, जो “कन्हैया” के महत्व को दर्शाता है।
कन्हैया हमारा गुजारा ना होता,
अगर तुम ना होते,
अगर तुम ना होते।।
तर्ज – हमें और जीने की चाहत ना।
मुसीबत में आया बनकर ये माझी,
बिन पानी के नैया चला दी,
मुसीबत में आया बनकर ये माझी,
बिन पानी के नैया चला दी,
वर्ना मैं कैसे, चैन से सोता,
अगर तुम ना होते,
अगर तुम ना होते।।
माना ये आँसू अब भी निकलते,
कह रहें हों जैसे ये बहते बहते,
माना ये आँसू अब भी निकलते,
कह रहें हों जैसे ये बहते बहते,
बताओ मैं किसके, चरणों में रोता,
अगर तुम ना होते,
अगर तुम ना होते।।
मेहरबानी के सिलसिले हैं जारी,
एहसान तेरा किरपा तुम्हारी,
मेहरबानी के सिलसिले हैं जारी,
एहसान तेरा किरपा तुम्हारी,
कहता ‘पवन’ के, हमारा क्या होता,
अगर तुम ना होते,
अगर तुम ना होते।।
कन्हैया हमारा गुजारा ना होता,
अगर तुम ना होते,
अगर तुम ना होते।।
https://youtu.be/mcf9R9YLjDg
