- – यह गीत भगवान गणेश की स्तुति और उनकी आराधना का वर्णन करता है।
- – गणेश को “तेरा लाड़ला” कहकर स्नेहपूर्वक पुकारा गया है।
- – गीत में बताया गया है कि गणेश के स्मरण से सभी कष्ट और कलेश दूर हो जाते हैं।
- – माता गौरा (पार्वती) और महेश (शिव) ने गणेश को जन्म और उपदेश दिया।
- – चन्दन चौकी पर गणेश की पूजा करने का उल्लेख है, जिससे शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
- – गणपति की आराधना से नवनिधि (नई संपत्ति) और समृद्धि मिलती है।

मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
मैं मनावा, मैं मनावा,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
किस लाड़ली ने तोहे,
जनम है दीन्हा,
किसने दियो उपदेश,
ओ लाला,
किसने दियो उपदेश,
मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
मात गौरा ने लाला,
जनम है दीन्हा,
दियो उपदेश महेश,
मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
चन्दन चौकी पे,
आन विराजो,
काटो सभी कलेश,
मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
गणपति सिमरा,
नवनिधि पावे,
कट जाए सभी कलेश,
ओ लाला,
कट जाए सभी कलेश,
मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
मैं मनावा, मैं मनावा,
मै मनावा तेरा लाड़ला गणेश,
जिसके सुमिरण से जग वालों,
कट जाए सभी कलेश,
मैं मनावा तेरा लाड़ला गणेश।।
