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मंदिर में एक मूरत देखी ऐसी बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी – Mandir Mein Ek Moorat Dekhi Aisi Bilkul Lagti Maiya Tere Jaisi – Hinduism FAQ

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  • – कविता में मंदिर की मूरत को माँ के समान प्रेम और स्नेह से देखा गया है।
  • – मूरत की ममता और स्नेह को माँ के हलवे खिलाने और गोदी में बिठाने से तुलना की गई है।
  • – मूरत की भोली सूरत और माँ की चिंता मुक्त भावना का उल्लेख है।
  • – माँ और मूरत दोनों को जगत की शक्ति और शांति का प्रतीक बताया गया है।
  • – गीत में माँ और मूरत के बीच गहरा भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध दर्शाया गया है।

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मंदिर में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।।



अपने पास बुलाकर मुझको,

गोदी में बिठाया,
हाथ फिराया सर पे मेरे,
बड़े प्रेम से खिलाया,
जैसे खिलाती हो तुम हलवा देसी,
बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।।



मेरे मन को भा गई है,

तेरी सूरत भोली,
हर पल तेरे संग रहूंगी,
मईया मुझ से बोली,
मेरे रहते तुमको चिंता कैसी,
बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।bd।



जहाँ भी जाता मंदिर में माँ,

वही मुझे मिल जाती,
कभी इशारा करके बुलाती,
और कभी मुस्काती,
मुझको बिल्कुल न लगती परदेसी,
बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।।



जैसे मैं तेरी माँ
वैसे,
वो सारे जग की माँ है,

‘श्याम’ कहे उसके वश में,
ये धरती आसमा है,
शक्ति नहीं कोई वो ऐसी वैसी,
बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।bd।



मंदिर में एक मूरत देखी ऐसी,

बिल्कुल लगती मईया तेरे जैसी।।

Singer – Shyam Agarwal Ji
Upload By – Bhawesh Agarwal
9123741281


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