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म्हारा द्वारिका रा नाथ सुणलो भक्ता री पुकार भजन लिरिक्स – Mhara Dwarika Ra Nath Sunlo Bhakta Ri Pukar Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह गीत भगवान श्री कृष्ण (श्याम) की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें भक्त उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
  • – भक्त अपनी लाज-शरम छोड़कर भगवान के पीछे जोगनिया (साधु) बनने का संकल्प लेते हैं।
  • – गीत में मेवाड़ और राजस्थान के भक्तों की पुकार और बुलावा का उल्लेख है।
  • – भक्त भगवान से एक झलक पाने और सभा में आने की विनती कर रहे हैं।
  • – गीत में द्वारिका के नाथ (भगवान कृष्ण) से भक्ति और प्रेम की भावनाएँ प्रकट की गई हैं।

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म्हारा द्वारिका रा नाथ,
सुणलो भक्ता री पुकार,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे,
श्याम रे Šss, श्याम रे Šss ll
तर्ज – ओ बीरा रे



लाज शरम सब छोड़ी रे साँवरिया,

तेरे पीछे आज मैं तो बनी रे जोगनिया,
लाज शरम सब छोड़ी रे साँवरिया,
तेरे पीछे आज मैं तो बनी रे जोगनिया,
अब तो चिर पे चिर बढ़ा जा,
अब तो चिर पे चिर बढ़ा जा,
अब तो भरी सभा में आजा,
मोरे श्याम रे, मोरे श्याम रे,
ओ बीरा रे Šss, बीरा रेŠss ll



गईया बुलावे थारे भगता बुलावे रे,

मेवाड़ बुलावे राजस्थान यो बुलावे रे,
गईया बुलावे थारे भगता बुलावे रे,
मेवाड़ बुलावे राजस्थान यो बुलावे रे,
अब तो दौड़ा दौड़ा आजा,
अब तो दौड़ा दौड़ा आजा,
थोड़ी सी झलक दिखा जा,
मोरे श्याम रे, मोरे श्याम रे,
ओ बीरा रे Šss, बीरा रेŠss ll



म्हारा द्वारिका रा नाथ,

सुणलो भक्ता री पुकार,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे,
श्याम रे Šss, श्याम रे Šss ll


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