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- – यह गीत भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है, जिसमें उन्हें “गौरी के लाल” कहा गया है।
- – गीत में भगवान शिव को संग्राम विजेता, संकट हरने वाले और रिद्धि-सिद्धि के स्वामी के रूप में पूजा जाता है।
- – भक्त भगवान शिव से अपने दुखों को दूर करने और जीवन में मंगलकामनाएँ करने की प्रार्थना करता है।
- – गीत में शिव की महिमा का वर्णन करते हुए उनके कैलाश पर्वत पर निवास और अविनाशी स्वरूप का उल्लेख है।
- – यह भक्ति गीत नरेंद्र चंचल जी द्वारा गाया गया है, जो शिव भक्तों के बीच लोकप्रिय है।

पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये।।
प्रथमे तुम्हे मनाए,
हे संग्राम विजेता,
पूजा करें तुम्हारी,
है देवन के देवा,
शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,
मैं तिलक लगाऊ भाल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये।।
शंकर पिता तुम्हारे,
शिव शंकर कैलाशी,
रिद्धि सिद्धि के स्वामी,
लंबोदर अविनाशी,
मंगल करदो कंठ में भरदो,
मेरे सुंदर सुर और ताल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये।।
संकट हर लो मेरे,
ए दुख हरने वाले,
झोली भर दो सबकी,
झोली भरने वाले,
जोश तुम्हारे आया द्वारे,
ले कर फूलो के हार,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये।।
पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये।।
Singer – Narendra Chanchal Ji
Upload By – Amit Sagar
8360252008
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