मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान शिव (भोले नाथ) की भक्ति और पूजा के लिए उत्साहपूर्वक आमंत्रण देता है।
- – चन्दन, फूल, फल और पवित्र गंगा जल से शिव की पूजा करने का वर्णन है।
- – भस्मी से शिव का श्रृंगार करने और उनकी शरण में जाकर सुख प्राप्त करने की बात कही गई है।
- – शिव को सभी देवताओं से अलग और विशिष्ट बताया गया है, जो अपनी जटाओं में गंगा को धारण करते हैं।
- – चिंता छोड़कर खुशियों के साथ भोले नाथ के द्वार जाने और भक्ति में लीन होने का संदेश है।
- – यह गीत भक्तों को शिव की भक्ति में मन लगाने और दुखों से मुक्ति पाने के लिए प्रेरित करता है।

भजन के बोल
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे,
मनाएंगे,
चन्दन फूल और फल से,
पावन गंगा जल से,
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे ॥
भस्मी से शिव का शृंगार हम करेंगे,
सजा के फूलो से,
दीदार हम करेंगे,
शिव की शरण में जायेंगे,
सुख का दान पायेंगे,
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे ॥
सब देवों से अलग महादेव हैं हमारे,
अपनी जटाओ में गंगा जी को धारे,
जल से जब नहलाएंगे,
दुःख सब मिट जायेंगे,
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे ॥
द्वार बेधड़क चल खुशियों से संवर ले,
छोड़ के सब चिंता लक्खा ध्यान कर ले,
बन के सवाली जायेगे,
खाली नहीं आएंगे,
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे ॥
BhaktiBharat Lyrics
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे,
मनाएंगे,
चन्दन फूल और फल से,
पावन गंगा जल से,
चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल के मनाएंगे ॥
