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- – भजन में माता के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है, जैसे दुर्गा, लक्ष्मी, गौरा और सरस्वती।
- – माता को उनके वाहन (शेर, गरूड, बैल, मोर) के साथ सुंदर आसन पर विराजमान दिखाया गया है।
- – भजन में माता की महिमा और उनकी पूजा की भावना व्यक्त की गई है।
- – यह भजन नरेंद्र कौशिक द्वारा स्वरबद्ध है और प्रमोद ग्रोवर (हरियाणा) द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
- – भजन में माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना प्रमुख रूप से झलकती है।

सुन्दर भवन बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की शेर सवारी,
मेरी मईया की शेर सवारी,
दुर्गा रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की गरूड सवारी,
मेरी मईया की गरूड सवारी,
लक्ष्मी रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की बैल सवारी,
मेरी मईया की बैल सवारी,
गौरा रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की मोर सवारी,
मेरी मईया की मोर सवारी,
सरस्वती रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
सुन्दर भवन बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक।
– भजन प्रेषक –
प्रमोद ग्रोवर महम (रोहतक) हरियाणा
8930278900
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
