सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो,
ओ म्हारो सेठ बडो अलबेलो
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
म्हारे सेठ जी की,
म्हारे ऊपर किरपा घणी,
म्हारो मालिक है बस,
म्हारो श्याम धणी,
कोई चिंता ना कोई झमेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो,
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
आकी चरणा की रोज,
म्हाने सेवा मिले,
भारी तनखा मिले,
खावन मेवा मिले,
सागे सागे यो दिखावे है गेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो,
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
धन धन म्हारा भाग,
इसो सेठ मिल्यो,
म्हाने जो भी मिल्यो,
भर पेट मिल्यो,
म्हारे लागे कोणी एक भी ढेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो,
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
‘केशव’ महिमा थारी,
यूं ही गातो रवे,
थाने मीठा मीठा भजन,
सुनातो रवे,
थारी चौखट पे लाग्यो रवे मेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो,
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो,
ओ म्हारो सेठ बडो अलबेलो
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो – अर्थ एवं भावार्थ
भजन “म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो” केवल शब्दों का समूह नहीं है, बल्कि यह भक्त और भगवान के बीच के गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध का चित्रण है। इसमें हर पंक्ति में श्रीकृष्ण की महिमा, उनकी कृपा, और भक्त के समर्पण की गहनता को उजागर किया गया है। यह भजन भक्त के व्यक्तिगत अनुभव, आनंद, और आध्यात्मिक यात्रा को दिखाता है।
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो
पंक्तियाँ:
सारी दुनिया में मच रहयो हेलो,
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो,
ओ म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
गहरा अर्थ:
भक्त कहता है कि संसार में हलचल और उथल-पुथल मची हुई है, लेकिन मेरा “सेठ” (भगवान श्रीकृष्ण) अलबेला है—अद्वितीय और मस्तमौला। “अलबेला” शब्द का अर्थ है, जो अपनी विशिष्टता और अद्वितीयता के कारण सब से अलग हो।
यहाँ “हेलो” शब्द इस संसार के भ्रम, मोह-माया और समस्याओं को दर्शाता है। जबकि संसार इन समस्याओं में उलझा है, भक्त भगवान की शरण में आकर इन सबसे ऊपर उठ चुका है और उनके चेलों में शामिल हो चुका है। यह गहरी आध्यात्मिक जागरूकता को दर्शाता है कि भगवान के साथ जुड़ने पर व्यक्ति इस संसार के दुःखों से ऊपर उठ सकता है।
म्हारे सेठ जी की, म्हारे ऊपर किरपा घणी
पंक्तियाँ:
म्हारे सेठ जी की,
म्हारे ऊपर किरपा घणी,
म्हारो मालिक है बस,
म्हारो श्याम धणी,
कोई चिंता ना कोई झमेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
गहरा अर्थ:
यह पंक्तियाँ भगवान की अनंत करुणा और दया को व्यक्त करती हैं। “किरपा घणी” का अर्थ है, अपार कृपा। भक्त इस बात को महसूस करता है कि भगवान श्रीकृष्ण न केवल उसके रक्षक और मार्गदर्शक हैं, बल्कि उसके जीवन के हर छोटे-बड़े झंझट का हल भी हैं।
“कोई चिंता ना, कोई झमेलो” का अर्थ है कि जब भगवान का साथ हो, तब कोई भी बाधा असंभव नहीं रहती। यह पंक्तियाँ स्पष्ट करती हैं कि भक्ति के मार्ग पर चलने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता है।
आकी चरणा की रोज, म्हाने सेवा मिले
पंक्तियाँ:
आकी चरणा की रोज,
म्हाने सेवा मिले,
भारी तनखा मिले,
खावन मेवा मिले,
सागे सागे यो दिखावे है गेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
गहरा अर्थ:
यहाँ “आकी चरणा की रोज सेवा” का अर्थ है भगवान के चरणों में समर्पण और उनकी भक्ति में निरंतरता। भक्त भगवान से यही वर मांगता है कि उसे रोज उनकी सेवा का सौभाग्य प्राप्त हो।
“भारी तनखा मिले, खावन मेवा मिले” प्रतीकात्मक रूप से दर्शाते हैं कि भक्ति के फल भौतिक सुखों से बढ़कर हैं। यह “तनखा” केवल धन नहीं है, बल्कि आत्मिक सुख और परमानंद है। “मेवा” का अर्थ है, भक्ति और सत्संग से प्राप्त होने वाला आत्मिक पोषण।
“सागे सागे यो दिखावे है गेलो” का मतलब है कि भगवान अपने भक्तों को हर समय मार्ग दिखाते हैं। यह उनकी कृपा का प्रमाण है कि भटकने की बजाय भक्त सही मार्ग पर चल सकता है।
धन धन म्हारा भाग, इसो सेठ मिल्यो
पंक्तियाँ:
धन धन म्हारा भाग,
इसो सेठ मिल्यो,
म्हाने जो भी मिल्यो,
भर पेट मिल्यो,
म्हारे लागे कोणी एक भी ढेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
गहरा अर्थ:
भक्त यहां अपने भाग्य को धन्य मानता है कि उसे ऐसा भगवान मिला है, जो हर प्रकार से पूर्ण और संपूर्ण हैं।
“भर पेट मिल्यो” का अर्थ है कि भगवान ने भक्त को वह सब कुछ दिया जिसकी उसे जरूरत थी—चाहे वह भौतिक सुख हो या आध्यात्मिक शांति।
“म्हारे लागे कोणी एक भी ढेलो” का तात्पर्य है कि भगवान की कृपा से भक्त को किसी भी प्रकार की कमी या दुख का अनुभव नहीं होता। इस प्रकार, भगवान की महिमा और उनकी कृपा को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
‘केशव’ महिमा थारी, यूं ही गातो रवे
पंक्तियाँ:
‘केशव’ महिमा थारी,
यूं ही गातो रवे,
थाने मीठा मीठा भजन,
सुनातो रवे,
थारी चौखट पे लाग्यो रवे मेलो,
म्हारो सेठ बडो अलबेलो ॥
गहरा अर्थ:
भक्त “केशव” (भगवान श्रीकृष्ण) की महिमा गाने को अपना धर्म और कर्तव्य मानता है। “यूं ही गातो रवे” का मतलब है, हर पल, हर समय भगवान की स्तुति करना।
“मीठा मीठा भजन” भक्ति के आनंद का प्रतीक है। भजन गाने से भक्त भगवान के और निकट महसूस करता है।
“थारी चौखट पे लाग्यो रवे मेलो” का अर्थ है कि भगवान की शरण में सदा भक्तों का मेला लगा रहता है। यह उनकी सर्वलोकप्रियता और भक्तों के प्रति उनका आकर्षण दर्शाता है।
भजन का आध्यात्मिक संदेश
भजन “म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो” हमें यह सिखाता है कि भगवान की भक्ति में ही सच्ची शांति, संतोष और जीवन का अर्थ छिपा है।
- भगवान का स्वभाव: “अलबेला” शब्द उनकी दिव्यता और अनोखेपन को दिखाता है।
- भक्ति का फल: यह भजन दर्शाता है कि सच्ची भक्ति से सांसारिक मोह और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- भक्ति का रूप: सेवा, भजन, और समर्पण भगवान से जुड़ने के मुख्य साधन हैं।
- श्रीकृष्ण का गुणगान: वह केवल प्रेमी ही नहीं, बल्कि हर समस्या का समाधान भी हैं।
भजन हर भक्त को यह अहसास दिलाता है कि भगवान के प्रति समर्पण से जीवन न केवल सरल होता है, बल्कि उसमें पूर्णता और आनंद की अनुभूति होती है।