भजन

नगरी नगरी द्वारे द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया भजन लिरिक्स – Nagri Nagri Dware Dware Dhoondhoon Re Sanwariya Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह गीत प्रेम और विरह की पीड़ा को दर्शाता है, जिसमें प्रेमी अपने प्रिय सांवरिया (कृष्ण) को नगर-नगर, द्वार-द्वार ढूँढ रहा है।
  • – गीत में कृष्ण के प्रति गहरे प्रेम और उनके बिछड़ने से उत्पन्न दुख और तड़प को व्यक्त किया गया है।
  • – प्रेमी की आँखों में सपनों और आशाओं का टूटना, और जीवन की कठिनाइयों में अकेलेपन का भाव प्रकट होता है।
  • – विरह के कारण रातों को नींद न आना और निरंतर कृष्ण की याद में रोना गीत का मुख्य भाव है।
  • – यह गीत कृष्ण भक्ति और प्रेम की भावना को बयां करता है, जिसमें कृष्ण की खोज और उनके बिना जीवन की व्यथा प्रमुख है।

नगरी नगरी द्वारे द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया,
कृष्णा कृष्णा रट के मैं तो,
हो गई रे बावरिया,
नगरी नगरी द्वारें द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया।।

तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।



बेदर्दी मोहन ने हमको,

सौंपा ग़म की आग में,
बिरहा की चिंगारी भर दी,
दुखिया के संसार में,
पल-पल मनवा रोए छलके,
नैनों की गगरिया,
नगरी नगरी द्वारें द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया।।



आया थी अँखियों में लेकर,

सपने क्या-क्या प्यार के,
जाता हूँ दो आँसू लेकर,
आशाएं सब हार के,
दुनिया के मेले में लुट गई,
जीवन की गठरिया,
नगरी नगरी द्वारें द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया।।



दर्शन के दो भूखे नैना,

जीवन भर न सोएंगे,
बिछड़े मोहन तेरे कारण,
रातों को हम रोएंगे,
अब न जाने कृष्णा कैसे,
बीतेगी उमरिया,
नगरी नगरी द्वारें द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया।।



नगरी नगरी द्वारे द्वारे,

ढूँढूँ रे सांवरिया,
कृष्णा कृष्णा रट के मैं तो,
हो गई रे बावरिया,
नगरी नगरी द्वारें द्वारे,
ढूँढूँ रे सांवरिया।।

प्रेषक – Gaurav Sharma
7792815748


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