श्री कुबेर जी आरती in Hindi/Sanskrit
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
हे समरथ परिपूरन ।
हे समरथ परिपूरन ।
हे अन्तर्यामी ॥
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
हे समरथ परिपूरन । -x2
हे अन्तर्यामी ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
विश्रवा के लाल इदविदा के प्यारे,
माँ इदविदा के प्यारे,
कावेरी के नाथ हो । -x2
शिवजी के दुलारे ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
मनिग्रवी मीनाक्षी देवी,
नलकुबेर के तात,
प्रभु नलकुबेर के तात
देवलोक में जागृत । -x2
आप ही हो साक्षात ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
रेवा नर्मदा तट
शोभा अतिभारी
प्रभु शोभा अतिभारी
करनाली में विराजत । -x2
भोले भंडारी ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
वंध्या पूत्र रतन और
निर्धन धन पाये
सब निर्धन धन पाये
मनवांछित फल देते । -x2
जो मन से ध्याये ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
सकल जगत में तुम ही
सब के सुखदाता
प्रभु सब के सुखदाता
दास जयंत कर वन्दे । -x2
जाये बलिहारी ।
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
हे समरथ परिपूरन ।
हे समरथ परिपूरन ।
हे अन्तर्यामी ॥
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
Shri Kuber Aarti in English
Jai Kuber Swami,
Prabhu Jai Kuber Swami,
He Samarth Paripuran.
He Samarth Paripuran.
He Antaryami.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Jai Kuber Swami,
Prabhu Jai Kuber Swami,
He Samarth Paripuran. -x2
He Antaryami.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Vishrava ke Lal, Idvida ke Pyare,
Maa Idvida ke Pyare,
Kaveri ke Nath ho. -x2
Shivji ke Dulare.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Manigreev Meenakshi Devi,
Nalakuber ke Taat,
Prabhu Nalakuber ke Taat
Devalok mein Jagrit. -x2
Aap hi ho Sakshat.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Rewa Narmada Tat
Shobha Atibhari
Prabhu Shobha Atibhari
Karnali mein Virajat. -x2
Bhole Bhandari.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Vandhya Putra Ratan aur
Nirdhan Dhan Paye
Sab Nirdhan Dhan Paye
Manvanchhit Phal Dete. -x2
Jo Man se Dhyaye.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Sakal Jagat mein Tum hi
Sab ke Sukhdata
Prabhu Sab ke Sukhdata
Das Jayant kar Vande. -x2
Jaye Balihari.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
Jai Kuber Swami,
Prabhu Jai Kuber Swami,
He Samarth Paripuran.
He Samarth Paripuran.
He Antaryami.
Om Jai Kuber Swami
Prabhu Jai Kuber Swami..
श्री कुबेर जी आरती PDF Download
श्री कुबेर जी आरती का हिंदी अर्थ और व्याख्या
जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
आरती की शुरुआत में “जय कुबेर स्वामी” का जयघोष किया गया है। इस पंक्ति में भगवान कुबेर के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया गया है। कुबेर को धन और समृद्धि का स्वामी माना जाता है, जो अपने भक्तों को संपन्नता प्रदान करते हैं।
हे समरथ परिपूरन, हे समरथ परिपूरन, हे अन्तर्यामी
इस पंक्ति में कुबेर स्वामी की सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञानी होने की महिमा का गुणगान किया गया है। “समरथ परिपूरन” का अर्थ है संपूर्ण रूप से समर्थ, जो कि हर प्रकार से समर्थ और पूर्ण हैं। “अन्तर्यामी” का अर्थ है वह जो सबके हृदय की बात को जानते हैं।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
यह पंक्ति पुनः कुबेर स्वामी की महिमा का गुणगान करती है और उनके प्रति भक्ति का प्रतीक है। ‘ॐ’ का प्रयोग उनके दिव्यता और पवित्रता को दर्शाता है।
विश्रवा के लाल इदविदा के प्यारे, माँ इदविदा के प्यारे
कुबेर को उनके माता-पिता के नाम से संबोधित किया गया है। ‘विश्रवा’ उनके पिता और ‘इदविदा’ उनकी माता हैं। “विश्रवा के लाल” का अर्थ है कि वे विश्रवा के पुत्र हैं और “इदविदा के प्यारे” का अर्थ है कि वे अपनी माँ के प्रिय पुत्र हैं।
कावेरी के नाथ हो, शिवजी के दुलारे
कुबेर को ‘कावेरी के नाथ’ कहा गया है, जो उनकी शक्ति और साम्राज्य का प्रतीक है। वे भगवान शिव के भी प्रिय हैं, जिनके आशीर्वाद से वे धन के देवता बने हैं। यहाँ यह पंक्ति भगवान शिव के साथ कुबेर के संबंध को दर्शाती है।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
यहाँ फिर से कुबेर स्वामी की महिमा का गुणगान किया गया है और भक्तिभाव से उनका आह्वान किया गया है।
मनिग्रवी मीनाक्षी देवी, नलकुबेर के तात
“मनिग्रवी मीनाक्षी देवी” कुबेर की पटरानी का नाम है और “नलकुबेर के तात” का अर्थ है कि वे नलकुबेर के पिता हैं। यह पंक्ति कुबेर के पारिवारिक संबंधों को दर्शाती है और उनकी शक्ति को और विस्तार देती है।
देवलोक में जागृत, आप ही हो साक्षात
इस पंक्ति में कुबेर के देवता होने की पुष्टि की गई है। ‘देवलोक में जागृत’ का अर्थ है कि वे स्वर्गलोक में सजीव और सक्रिय रूप में उपस्थित हैं। कुबेर को ‘साक्षात’ अर्थात प्रत्यक्ष रूप से विद्यमान देवता के रूप में माना गया है।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
यहाँ भी ‘ॐ’ का प्रयोग उनकी दिव्यता का प्रतीक है और उनकी महिमा का गुणगान किया गया है।
रेवा नर्मदा तट शोभा अतिभारी
इस पंक्ति में कुबेर की अद्भुत छवि का वर्णन किया गया है। “रेवा” और “नर्मदा” तट पर उनकी उपस्थिति को दर्शाता है, जहाँ वे अपनी शोभा से सभी को मोहित करते हैं।
करनाली में विराजत, भोले भंडारी
“करनाली में विराजत” का अर्थ है कि वे करनाली नदी के किनारे विराजमान हैं। “भोले भंडारी” भगवान शिव के एक स्वरूप का उल्लेख है, जो यह दर्शाता है कि कुबेर भगवान शिव के भक्त भी हैं।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
यह पंक्ति फिर से कुबेर स्वामी की महिमा का बखान करती है और उनके प्रति भक्ति व्यक्त करती है।
वंध्या पूत्र रतन और निर्धन धन पाये
यहाँ कुबेर स्वामी की कृपा से होने वाले आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। “वंध्या पूत्र रतन” का अर्थ है कि जिनके संतान नहीं होती, उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। “निर्धन धन पाये” का अर्थ है कि निर्धन लोग उनकी कृपा से धन-सम्पत्ति की प्राप्ति करते हैं।
मनवांछित फल देते, जो मन से ध्याये
यह पंक्ति बताती है कि कुबेर स्वामी उन लोगों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं, जो उन्हें सच्चे मन से याद करते हैं।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
इस पंक्ति में फिर से कुबेर स्वामी की महिमा का गुणगान किया गया है और उनके प्रति भक्तिभाव का प्रदर्शन किया गया है। यह कुबेर स्वामी के प्रति भक्तों के आस्था का प्रतीक है।
सकल जगत में तुम ही सब के सुखदाता
इस पंक्ति में कुबेर स्वामी को संपूर्ण जगत के सुखदाता के रूप में संबोधित किया गया है। इसका अर्थ यह है कि वे संपूर्ण संसार में सभी प्राणियों के लिए समृद्धि और खुशियाँ प्रदान करने वाले हैं।
प्रभु सब के सुखदाता, दास जयंत कर वन्दे
यहाँ “दास जयंत” अर्थात एक भक्त द्वारा कुबेर स्वामी की वंदना का वर्णन किया गया है। भक्त कुबेर स्वामी को “सुखदाता” के रूप में मानते हुए उन्हें प्रणाम करते हैं।
जाये बलिहारी
इस पंक्ति में भक्त अपनी निःस्वार्थ भक्ति का प्रदर्शन करते हुए, कुबेर स्वामी के प्रति अपने संपूर्ण समर्पण को दर्शाते हैं। “जाये बलिहारी” का अर्थ है कि भक्त उनकी कृपा के प्रति अपना सब कुछ अर्पण करने को तत्पर हैं।
ॐ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी
यहाँ पर अंतिम बार “ॐ जय कुबेर स्वामी” के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान किया गया है। ‘ॐ’ का उच्चारण यहाँ पर भगवान कुबेर की दिव्यता और पवित्रता का प्रतीक है।
आरती का संक्षेप विवरण
पूरी आरती में कुबेर स्वामी की महिमा और कृपा का बखान किया गया है। उनके प्रति भक्तों की आस्था, उनकी सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञानी होने की विशेषता, और उनके पारिवारिक संबंधों का उल्लेख किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि कुबेर स्वामी उन लोगों के लिए समृद्धि और खुशियों के प्रदाता हैं, जो उन्हें सच्चे मन से पूजते हैं। इस आरती के माध्यम से भक्तों की भगवान कुबेर के प्रति श्रद्धा और समर्पण का सुंदर चित्रण किया गया है।