जाणे कितने दिन पाछे,
आज बाबो मिलसी,
म्हाने बाबो मिलसी,
देखता ही बाबो म्हाने,
बाथि भरसी ॥प्रेमियाँ सु प्रेम करनो,
बाबा को स्वभाव है,
टाबरिया ने देख आवतो,
बाबो भी हरसाव है,
बिन टाबरां के साँवरे के,
कईयां सरसी,
देखता ही बाबो म्हाणे,
बाथि भरसी ॥
साँवरियो भी तो तरसे है,
टाबरिया के प्यार ने,
रोक ना पावे लेवण आवे,
यो मंदिर के बारने,
होसी धुँधलो नज़ारों,
म्हारी आँख्या झरसी,
देखता ही बाबो म्हाणे,
बाथि भरसी ॥
माँगे है विदाई जद,
काळजै को टुकड़ो,
उतर सो जावे ‘माधव’,
बाप जी को मुखड़ों,
म्हाने पाछा जाता देख,
अणकी आँख्या भरसी,
थाम लेसी हाथ,
ओजु बांथी भरसी ॥
जाणे कितने दिन पाछे,
आज बाबो मिलसी,
म्हाने बाबो मिलसी,
देखता ही बाबो म्हाने,
बाथि भरसी ॥
देखता ही बाबो म्हाने, बाथि भरसी: भजन का गहराई से विश्लेषण
इस भजन में भावनाओं, प्रतीक्षा, भगवान के प्रति भक्त की निष्ठा, और दोनों के बीच की आत्मीयता का गहन चित्रण किया गया है। यहाँ हर पंक्ति का व्यापक व्याख्या के साथ गहराई में अर्थ दिया गया है।
जाणे कितने दिन पाछे, आज बाबो मिलसी, म्हाने बाबो मिलसी
गहराई से अर्थ:
यह पंक्तियां भगवान और भक्त के मिलन के उस खास पल का वर्णन करती हैं, जो बहुत लंबे इंतजार और तपस्या के बाद आता है।
- “जाणे कितने दिन पाछे” भक्त के मन की बेचैनी और समय का लंबा अंतराल व्यक्त करता है। यह बताता है कि इस मिलन के लिए भक्त ने कितने दिन और रातें भगवान की प्रतीक्षा में बिताई होंगी।
- “आज बाबो मिलसी” में मिलने की खुशी और वह क्षणिक आनंद है, जब वर्षों का इंतजार खत्म होता है। यह मिलन सांसारिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संतोष है।
- “म्हाने बाबो मिलसी” में भक्त की भावनाएं व्यक्त होती हैं कि यह मिलन केवल बाहरी नहीं, बल्कि भीतरी आत्मा तक गहराई से पहुंचा है।
यह भाव यह भी बताता है कि भगवान भक्त के प्रेम के आगे झुककर दर्शन देते हैं। यह संवाद भगवान की करुणा का प्रतीक है।
देखता ही बाबो म्हाने, बाथि भरसी
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति भजन का सार है।
- “देखता ही बाबो म्हाने” का अर्थ केवल भगवान को देखना नहीं है। यह भगवान की उपस्थिति से भक्त के जीवन में बदलाव का प्रतीक है।
- यह दर्शन एक साधारण घटना नहीं, बल्कि ऐसा अनुभव है जो आत्मा को नया जीवन देता है। यह संकेत करता है कि भगवान के प्रति सच्ची भक्ति का परिणाम उनके प्रेम और आशीर्वाद के रूप में मिलता है।
- “बाथि भरसी” का अर्थ है कि भक्त का हृदय, जो अब तक सूना था, भगवान के प्रेम और कृपा से भर जाता है।
यह वाक्य हमें यह सिखाता है कि भगवान की कृपा से ही जीवन की रिक्तता समाप्त होती है।
प्रेमियाँ सु प्रेम करनो, बाबा को स्वभाव है
गहराई से अर्थ:
- भगवान का मूल स्वभाव प्रेम और करुणा है। वह अपने भक्तों से बिना किसी शर्त के प्रेम करते हैं।
- “प्रेमियाँ सु प्रेम करनो” का गहरा अर्थ है कि भगवान अपने भक्तों की सच्ची भक्ति और प्रेम को पहचानते हैं।
- यहाँ “प्रेम” केवल सांसारिक प्रेम नहीं है, बल्कि वह पवित्र प्रेम है जो अहंकार, अपेक्षाओं और स्वार्थ से मुक्त है।
यह पंक्ति यह भी इंगित करती है कि जो लोग सच्चे प्रेम के मार्ग पर चलते हैं, वे ही भगवान की कृपा के पात्र बनते हैं।
टाबरिया ने देख आवतो, बाबो भी हरसाव है
गहराई से अर्थ:
- “टाबरिया” का अर्थ छोटे बच्चों से है, और यह पंक्ति भगवान के लिए उनके बच्चों जैसे भक्तों के प्रति विशेष प्रेम को दर्शाती है।
- जब भगवान अपने बच्चों जैसे मासूम भक्तों को देखते हैं, तो वह भी आनंदित हो उठते हैं।
- “बाबो भी हरसाव है” यह बताता है कि भगवान अपने भक्तों की खुशी में ही अपनी खुशी ढूंढते हैं।
यह पंक्ति यह सिखाती है कि भगवान का स्नेह निस्वार्थ और उनके भक्तों की मासूमियत और सच्चाई से जुड़ा हुआ है।
बिन टाबरां के साँवरे के, कईयां सरसी
गहराई से अर्थ:
- यह पंक्ति भगवान और भक्त के आपसी संबंध की गहराई को दर्शाती है।
- “बिन टाबरां के” का अर्थ है कि भगवान अपने भक्तों के बिना अधूरे हैं।
- “साँवरे के कईयां सरसी” का गहरा अर्थ है कि भगवान अपने भक्तों की खुशी में ही खुश रहते हैं।
यह भाव सिखाता है कि भक्त और भगवान का संबंध दो-तरफा है। भक्त भगवान के बिना अधूरा है, और भगवान भी अपने भक्त के बिना।
साँवरियो भी तो तरसे है, टाबरिया के प्यार ने
गहराई से अर्थ:
- यह पंक्ति भगवान के अपने भक्तों के प्रति प्रेम और उनके साथ मिलने की लालसा को प्रकट करती है।
- भगवान को भी अपने भक्तों के स्नेह और भक्ति की उतनी ही आवश्यकता होती है, जितनी भक्त को भगवान की।
- “तरसे है” का अर्थ यह है कि भगवान भी भक्त के प्रेम के लिए व्याकुल हो सकते हैं।
यह विचार यह सिखाता है कि भगवान और भक्त का संबंध परस्पर है, और इस संबंध में दोनों एक-दूसरे के प्रेम से जुड़े हैं।
रोक ना पावे लेवण आवे, यो मंदिर के बारने
गहराई से अर्थ:
- भगवान का प्रेम उनके भक्तों के प्रति इतना गहरा है कि वह किसी भी सीमा को पार करके उनके पास आ सकते हैं।
- “यो मंदिर के बारने” का अर्थ यह है कि भगवान केवल मंदिर तक सीमित नहीं हैं। उनका प्रेम और उनकी कृपा उनके भक्तों के साथ हर जगह होती है।
यह पंक्ति यह सिखाती है कि भगवान का प्रेम किसी भी स्थान, स्थिति, या सीमा से बंधा नहीं है।
होसी धुँधलो नज़ारों, म्हारी आँख्या झरसी
गहराई से अर्थ:
- भगवान के दर्शन की खुशी में भक्त की आँखों से आँसू बहने लगते हैं। यह आँसू प्रेम, भक्ति, और भगवान के प्रति कृतज्ञता के होते हैं।
- “धुँधलो नज़ारों” भक्त की मानसिक स्थिति को दर्शाता है, जहाँ वह भगवान के दर्शन में इतना लीन हो जाता है कि उसके आसपास की दुनिया धुंधली हो जाती है।
यह अनुभव भगवान की उपस्थिति से प्राप्त आत्मिक शांति और आनंद का प्रतीक है।
माँगे है विदाई जद, काळजै को टुकड़ो
गहराई से अर्थ:
- भगवान और भक्त के बीच विदाई का क्षण अत्यंत भावुक होता है।
- “काळजै को टुकड़ो” यह बताता है कि भगवान से दूर होने का विचार ही भक्त के लिए असहनीय है।
यह पंक्ति भगवान और भक्त के बीच के गहरे प्रेम को दर्शाती है, जो किसी भी सांसारिक संबंध से बढ़कर है।
उतर सो जावे ‘माधव’, बाप जी को मुखड़ों
गहराई से अर्थ:
- इस पंक्ति में “माधव” शब्द भगवान के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
- भगवान का मुखमंडल भक्त के मन को शांत करता है, जैसे एक पिता का चेहरा अपने बच्चे को सुरक्षा और सांत्वना देता है।
म्हाने पाछा जाता देख, अणकी आँख्या भरसी
गहराई से अर्थ:
- जब भक्त भगवान से दूर जाने लगता है, तो भगवान की आँखें भी नम हो जाती हैं।
- यह पंक्ति भगवान के अपने भक्तों के प्रति स्नेह और करुणा का गहरा चित्रण है।
यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान और भक्त के बीच का संबंध केवल आराधना का नहीं, बल्कि परस्पर प्रेम और समर्पण का है। यह गहराई से बताता है कि भगवान की कृपा और प्रेम पाने के लिए केवल सच्ची भक्ति और निष्ठा की आवश्यकता होती है।