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मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मैं तो खाख था जरा सी,
मेरी और क्या थी हस्ती,
मैं थपेड़े खा रहा था,
तूफ़ान में जैसे कश्ती,
दर दर भटक रहा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मैं था इस तरह जहां में,
जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गई है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मेरा कौन आसरा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

है जहां में मेरे लाखो,
पर तेरे जैसा कौन होगा,
जैसा तू बन्दा पल्वर,
भला एसा कौन होगा,
मैं तुझे ही ढूंडता हूँ,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

तू जो मेहरबान हुआ है,
तो जहां भी मेहरबान है,
ये ज़मीन मेहरबान है,
आसमान भी मेहरबान है,
ना ये गीत ये बला था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

भजन का पूरा अर्थ: मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले

परिचय

यह भजन एक आत्मा की यात्रा का विवरण है जो ईश्वर की भक्ति से पहले एक अदृश्य और साधारण स्थिति में थी। ईश्वर की भक्ति और उनकी कृपा से, उस आत्मा ने अपनी सही पहचान और महत्व पाया। प्रत्येक पंक्ति में भजन गायक ने अपने पहले की स्थिति और बाद की स्थिति के बीच का अंतर दिखाया है।

अर्थ और व्याख्या


मुझे कौन जानता था

(H3 Heading)

मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥

व्याख्या:

इस पंक्ति में गायक कहते हैं कि ईश्वर की भक्ति से पहले उनकी पहचान अज्ञात थी। वे एक बुझा हुआ दिया थे, जिसमें कोई प्रकाश नहीं था। यह भावना दर्शाती है कि बिना ईश्वर की उपस्थिति के जीवन में कुछ भी सार्थक नहीं है। “बुझा हुआ दिया” प्रतीक है अस्तित्व का, जो प्रकाश के बिना अंधकार में था।


मैं तो खाक था ज़रा सी

(H3 Heading)

मैं तो खाख था जरा सी, मेरी और क्या थी हस्ती, मैं थपेड़े खा रहा था, तूफ़ान में जैसे कश्ती, दर दर भटक रहा था, तेरी बंदगी से पहले ॥

व्याख्या:

यहां, “खाक” और “तूफ़ान में कश्ती” के रूपक का उपयोग किया गया है, जो बताता है कि व्यक्ति की स्थिति निस्सहाय और कमजोर थी। ईश्वर के बिना, वे उस कश्ती के समान थे जो तूफान में फंसी होती है और जिसे कोई दिशा नहीं मिलती। इस अवस्था में वे जीवन के तूफानों में संघर्ष कर रहे थे, मानो उन्हें ठोकरें खानी पड़ रही हों और वे राह भटक गए हों।


जैसे खाली सीप होती

(H3 Heading)

मैं था इस तरह जहां में, जैसे खाली सीप होती, मेरी बढ़ गई है कीमत, तूने भर दिए है मोती, मेरा कौन आसरा था, तेरी बंदगी से पहले ॥

व्याख्या:

इस पंक्ति में, गायक स्वयं को एक खाली सीप के रूप में दर्शाते हैं, जिसमें कोई मूल्य नहीं था। लेकिन ईश्वर की कृपा से उनके अंदर मोती भर दिए गए, जिससे उनकी “कीमत” और मूल्य बढ़ गए। यह इंगित करता है कि ईश्वर की भक्ति से व्यक्ति को नई पहचान और मूल्य मिलता है। इससे यह भी समझ आता है कि आत्मा को उसके वास्तविक मूल्य का आभास तभी होता है जब वह ईश्वर के प्रति समर्पित हो जाती है।


लाखों हैं जहां में मेरे

(H3 Heading)

है जहां में मेरे लाखों, पर तेरे जैसा कौन होगा, जैसा तू बन्दा पल्वर, भला एसा कौन होगा, मैं तुझे ही ढूंढता हूँ, तेरी बंदगी से पहले ॥

व्याख्या:

यहां गायक कहते हैं कि इस संसार में भले ही लाखों लोग हैं, परंतु ईश्वर जैसा कोई और नहीं। ईश्वर के अद्वितीय होने का बखान करते हुए वे बताते हैं कि भले ही इस दुनिया में उनके पास कई रिश्ते और नाते हैं, लेकिन उनकी खोज और आसरा केवल ईश्वर ही थे। वे ईश्वर को अपनी वास्तविक पहचान मानते हैं और बताते हैं कि वे हर जगह उसी को खोजते हैं।


तू जो मेहरबान हुआ है

(H3 Heading)

तू जो मेहरबान हुआ है, तो जहां भी मेहरबान है, ये ज़मीन मेहरबान है, आसमान भी मेहरबान है, ना ये गीत ये बला था, तेरी बंदगी से पहले ॥

व्याख्या:

गायक कहते हैं कि जब ईश्वर उन पर मेहरबान हो गए, तो पूरी दुनिया उनके लिए दयालु और उदार हो गई। ईश्वर की कृपा से ही उन्हें इस सृष्टि की सुंदरता का अनुभव हुआ। “ज़मीन” और “आसमान” का मेहरबान होना, गायक की मनःस्थिति का प्रतीक है, जो बताता है कि ईश्वर की भक्ति से ही उन्हें इस दुनिया की सकारात्मकता महसूस होती है। यह उनकी आत्मा के गीत और खुशी की ओर भी इशारा करता है, जो केवल ईश्वर के प्रति समर्पण के बाद ही संभव हुआ।


निष्कर्ष: भक्ति की शक्ति

(H2 Heading)

यह भजन आत्मा की यात्रा को दर्शाता है जो अज्ञानता, अंधकार और निरर्थकता से शुरू होती है और ईश्वर की भक्ति के माध्यम से ज्ञान, प्रकाश और महत्व को प्राप्त करती है।

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