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बूटी ला दे रे बालाजी, बूटी ला दे रे: भजन (Buti La De Re Balaji Buti La De Re)

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बूटी ला दे रे बालाजी,
बूटी ला दे रे,
कहे ये राम पुकार,
ओ मेरे पवनकुमार,
लखन के प्राण बचा ले रे,
बुटी ला दे रे बालाजी,
बूटी ला दे रे ॥

असुरो ने इसे शक्ति लगाई,
मेरे लखन ने सुध बिसराई,
देखो ये कैसे सोया है,
मेरा सब कुछ ही खोया है,
संजीवन बूटी जो आए,
मेरा लखन जीवित हो जाए,
ना इनका ना मेरे बस का,
काम है ये बस तेरे बस का,
जा जल्दी जा बूटी तू ले आ,
देर कहीं ना हो जाए ज्यादा,
बुटी ला दे रे,
बुटी ला दे रे बालाजी,
बुटी ला दे रे ॥

पहले वन में खोई नारी,
अब मुश्किल भाई पे भारी,
अवधपुरी कैसे जाऊंगा,
माँ को क्या मुंह दिखलाऊंगा,
लक्ष्मण है इकलौता बेटा,
सुधबुध खोकर ये है लेटा,
ओ बालाजी संकट टारो,
संकट मोचन नाम तिहारो,
द्रोणागिरी पर्वत पर जाओ,
संजीवन को ढूंढ के लाओ,
देखो ना ज्यादा देर लगाना,
भोर से पहले वापस आना,
बुटी ला दे रे,
बुटी ला दे रे बालाजी,
बुटी ला दे रे ॥

इतना सुनकर बजरंग बाला,
शीश नवाकर हो मतवाला,
उड़ गया ऊँचे अम्बर में वो,
ओझल हो गया नजरों से वो,
द्रोणगिरी पर वो जा पंहुचा,
माया रच दी असुरो ने वहाँ,
जब बूटी ना मिली हनुमत को,
ढूंढ ढूंढ के झुंझला गया वो,
कब पूरा पर्वत ही उठाया,
और अयोध्या पर जब आया,
तीर चलाया वीर भरत ने,
राम नाम बोला हनुमत ने,
धरती पर जब गिरे हनुमंता,
वीर भरत को हो गई चिंता,
हनुमत ने सब हाल सुनाया,
सुन के भरत ने शीघ्र पठाया,
सूर्योदय से पहले बेखबर,
जोर जोर से बोले वानर,
बुटी ला दे रे,
बुटी लाए रे बालाजी,
बुटी लाए रे ॥

बूटी ला दे रे बालाजी,
बूटी ला दे रे,
कहे ये राम पुकार,
ओ मेरे पवनकुमार,
लखन के प्राण बचा ले रे,
बुटी ला दे रे बालाजी,
बूटी ला दे रे ॥

बूटी ला दे रे बालाजी: भजन का गहन विश्लेषण

परिचय

यह भजन रामायण के एक अत्यंत मार्मिक प्रसंग को उजागर करता है। इसमें भगवान राम द्वारा लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए हनुमान से सहायता मांगने का वर्णन है। हनुमान का अपने प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पण, उनके बल और बुद्धिमत्ता की गहन व्याख्या इस भजन में प्रस्तुत की गई है। इस भजन को गहराई से समझने के लिए, हर पंक्ति का संदर्भ और आध्यात्मिक महत्व को विस्तृत रूप में विश्लेषित किया गया है।


बूटी ला दे रे बालाजी, बूटी ला दे रे

“बालाजी” हनुमानजी का वह नाम है, जो उनके बाल-स्वरूप और उनकी अद्भुत शक्ति को इंगित करता है। भगवान राम उन्हें संजीवनी बूटी लाने का आदेश नहीं देते, बल्कि विनम्रता से प्रार्थना करते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति यह दर्शाती है कि जब संकट गहरा होता है, तो सबसे बड़े सामर्थ्यवान को भी विनम्रता का सहारा लेना पड़ता है। भगवान राम, जो स्वयं परम शक्ति के अवतार हैं, हनुमान के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा पर पूरा विश्वास रखते हैं।


कहे ये राम पुकार, ओ मेरे पवनकुमार

राम हनुमान को “पवनकुमार” कहकर संबोधित करते हैं, जो उनकी वायुगति और अजेय शक्ति का परिचायक है। इस पंक्ति में राम का करुण स्वर उनकी व्याकुलता और हनुमान के प्रति उनके विश्वास को प्रकट करता है।
गहराई से विश्लेषण:
राम का यह संबोधन यह बताता है कि वे केवल हनुमान की भक्ति को नहीं, बल्कि उनकी शक्ति और बुद्धिमत्ता को भी जानते हैं। “पवनकुमार” शब्द का चयन उनकी गति और गति से संबंधित उनके गुणों पर जोर देता है।


लखन के प्राण बचा ले रे, बुटी ला दे रे बालाजी

लक्ष्मण के प्राण संकट में हैं, और राम पूरी तरह से हनुमान पर निर्भर हैं।
गहराई से अर्थ:
यह संबंध केवल भाई का नहीं, बल्कि धर्म और कर्तव्य का है। राम लक्ष्मण को केवल अपने भाई के रूप में नहीं देखते, बल्कि धर्म-स्थापना के कार्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के रूप में भी देखते हैं।


असुरों ने इसे शक्ति लगाई, मेरे लखन ने सुध बिसराई

यहां असुरों द्वारा रची गई माया का वर्णन है, जिसने लक्ष्मण को अचेत कर दिया।
गहराई से विश्लेषण:
असुर केवल शत्रु नहीं, बल्कि हमारे जीवन के भीतर की नकारात्मक शक्तियों के प्रतीक हैं। ये नकारात्मक शक्तियां हमारी चेतना और विवेक को छीन लेती हैं, जैसे लक्ष्मण अपनी सुध-बुध खो देते हैं।


देखो ये कैसे सोया है, मेरा सब कुछ ही खोया है

लक्ष्मण का अचेतन अवस्था में होना, राम के जीवन में एक गहरा शून्य पैदा करता है।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति राम के प्रेम, करुणा और संबंधों की गहराई को दर्शाती है। यह स्थिति यह भी बताती है कि संकट का सामना करते समय भावनाएं कितनी गहरी हो सकती हैं, भले ही हम ईश्वर के अवतार ही क्यों न हों।


संजीवन बूटी जो आए, मेरा लखन जीवित हो जाए

संजीवनी बूटी का अर्थ केवल औषधि नहीं, बल्कि वह जीवनदायिनी शक्ति है जो मृतप्राय स्थितियों को पुनः जीवन दे सकती है।
गहराई से विश्लेषण:
यह जीवन में पुनः आशा और विश्वास को जगाने का प्रतीक है। यह दिखाता है कि सबसे कठिन समय में भी एक समाधान संभव है, बशर्ते हम सही दिशा में प्रयास करें।


ना इनका ना मेरे बस का, काम है ये बस तेरे बस का

राम स्वीकार करते हैं कि यह कार्य केवल हनुमान कर सकते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति राम के समर्पण और हनुमान के प्रति उनके अडिग विश्वास को प्रकट करती है। यह यह भी सिखाती है कि हर कार्य को उसके काबिल व्यक्ति के सुपुर्द करना चाहिए।


जा जल्दी जा बूटी तू ले आ, देर कहीं ना हो जाए ज्यादा

समय का महत्व इस पंक्ति में स्पष्ट रूप से झलकता है।
गहराई से विश्लेषण:
यह हमारे जीवन में समय की महत्ता को उजागर करता है। यहां राम सिखाते हैं कि किसी भी कार्य में देरी से परिणाम बदल सकते हैं। समय पर किया गया कार्य सफलता की कुंजी है।


पहले वन में खोई नारी, अब मुश्किल भाई पे भारी

यह राम की पीड़ा और उनके जीवन के संघर्षों को व्यक्त करता है।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति यह बताती है कि जीवन में एक समस्या समाप्त नहीं होती; दूसरी समस्या उसका स्थान ले लेती है। लेकिन इन समस्याओं के बीच ईश्वर का सहारा ही हमारी शक्ति बनता है।


अवधपुरी कैसे जाऊंगा, माँ को क्या मुंह दिखलाऊंगा

राम की यह चिंता उनकी मानवता और परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है।
गहराई से विश्लेषण:
यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि जिम्मेदारियों का बोझ हर व्यक्ति पर होता है, चाहे वह भगवान का अवतार ही क्यों न हो। अपने प्रियजनों के प्रति हमारा उत्तरदायित्व हमारी शक्ति का मुख्य आधार होता है।


लक्ष्मण है इकलौता बेटा, सुधबुध खोकर ये है लेटा

राम लक्ष्मण के महत्व को विशेष रूप से रेखांकित करते हैं। लक्ष्मण केवल उनके भाई नहीं, बल्कि अयोध्या की भावी पीढ़ी के प्रतीक हैं।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि परिवार के प्रत्येक सदस्य का अपना महत्व और योगदान होता है। लक्ष्मण के बिना राम की यात्रा अधूरी लगती है, क्योंकि उनका त्याग, निष्ठा और बलिदान पूरे कथा का आधार है।


ओ बालाजी संकट टारो, संकट मोचन नाम तिहारो

यहां “संकट मोचन” का विशेष उल्लेख किया गया है, जो हनुमानजी की दिव्यता को उजागर करता है।
गहराई से विश्लेषण:
“संकट मोचन” केवल एक नाम नहीं, बल्कि हनुमान के कर्म का सार है। यह हमें यह सिखाता है कि सही दिशा में प्रयत्न करने वाला व्यक्ति किसी भी संकट को पार कर सकता है।


द्रोणागिरी पर्वत पर जाओ, संजीवन को ढूंढ के लाओ

राम हनुमान को संजीवनी बूटी का स्थान बताते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह आदेश केवल शाब्दिक नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक है। “द्रोणागिरी पर्वत” एक प्रतीक है उन ऊंचाइयों का, जिन्हें हमें संकट के समय पार करना पड़ता है। संजीवनी वह सकारात्मकता और समाधान है, जो इन ऊंचाइयों को पार करने के बाद प्राप्त होता है।


देखो ना ज्यादा देर लगाना, भोर से पहले वापस आना

समय की सीमा और संकट की गंभीरता इस पंक्ति में प्रकट होती है।
गहराई से विश्लेषण:
यहां राम केवल लक्ष्मण के प्राणों की चिंता नहीं कर रहे, बल्कि यह दिखाते हैं कि जीवन में कुछ कार्यों का समय पर पूरा होना अनिवार्य है। हर पल कीमती है, और सही समय पर उठाया गया कदम ही सफलता सुनिश्चित करता है।


इतना सुनकर बजरंग बाला, शीश नवाकर हो मतवाला

हनुमान राम के प्रति अपनी पूर्ण भक्ति और समर्पण व्यक्त करते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति यह सिखाती है कि सच्चा भक्त आदेश को अपने जीवन का लक्ष्य मानता है। हनुमान का “मतवाला” होना यह दर्शाता है कि सेवा का भाव उन्हें आनंद और शक्ति प्रदान करता है।


उड़ गया ऊँचे अंबर में वो, ओझल हो गया नजरों से वो

हनुमान अपनी अलौकिक गति और शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
गहराई से विश्लेषण:
यहां उड़ान केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मिक भी है। यह यह भी इंगित करता है कि जब उद्देश्य बड़ा हो, तो सीमाएं स्वतः पीछे छूट जाती हैं।


द्रोणगिरी पर वो जा पहुँचा, माया रच दी असुरों ने वहाँ

असुरों द्वारा माया का जाल बिछाना, मनुष्य के भीतर की नकारात्मक प्रवृत्तियों का प्रतीक है।
गहराई से अर्थ:
यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि जब भी हम किसी सकारात्मक उद्देश्य की ओर बढ़ते हैं, तो विपरीत शक्तियां हमें रोकने की कोशिश करती हैं। यह हनुमान की अद्भुत बुद्धिमत्ता को भी दर्शाती है, जो इस माया को भेदने में सफल होते हैं।


जब बूटी ना मिली हनुमत को, ढूंढ ढूंढ के झुंझला गया वो

हनुमान को संजीवनी बूटी की खोज में कठिनाई होती है।
गहराई से विश्लेषण:
यह पंक्ति बताती है कि हर कार्य में कठिनाइयां आती हैं, चाहे व्यक्ति कितना भी सक्षम क्यों न हो। लेकिन धैर्य और प्रयास से समाधान मिलता है।


कब पूरा पर्वत ही उठाया, और अयोध्या पर जब आया

हनुमान समस्या का समाधान खोजने के लिए असामान्य कदम उठाते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह दर्शाता है कि जब साधन विफल हो जाएं, तो साध्य तक पहुंचने के लिए नए और साहसी मार्ग अपनाने चाहिए। हनुमान का पूरा पर्वत उठाना उनकी अद्वितीय शक्ति और समस्याओं के प्रति उनके अनोखे दृष्टिकोण को दर्शाता है।


तीर चलाया वीर भरत ने, राम नाम बोला हनुमत ने

भरत का तीर चलाना उनके अयोध्या की सुरक्षा के प्रति सतर्कता को दर्शाता है।
गहराई से विश्लेषण:
यह प्रसंग यह सिखाता है कि सही संवाद और पहचान से गलतफहमी दूर की जा सकती है। हनुमान का “राम” नाम लेना भरत के लिए संकेत बन जाता है कि वे शत्रु नहीं, बल्कि मित्र हैं।


धरती पर जब गिरे हनुमंता, वीर भरत को हो गई चिंता

भरत हनुमान की स्थिति देखकर चिंतित हो जाते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह संबंधों में करुणा और परस्पर आदर का प्रतीक है। भरत का यह कृत्य दिखाता है कि सच्चे शत्रुता के स्थान पर करुणा का भाव रखना ही मानवता है।


हनुमत ने सब हाल सुनाया, सुन के भरत ने शीघ्र पठाया

हनुमान भरत को लक्ष्मण की स्थिति बताते हैं।
गहराई से विश्लेषण:
यह पंक्ति यह सिखाती है कि संवाद और सही जानकारी साझा करना किसी भी संकट का समाधान ढूंढने का पहला कदम है।


सूर्योदय से पहले बेखबर, जोर जोर से बोले वानर

सभी वानर हनुमान की सफलता पर खुशी मनाते हैं।
गहराई से अर्थ:
यह सामूहिक उत्सव यह सिखाता है कि सफलता व्यक्तिगत नहीं होती, बल्कि पूरे समाज या समूह का हिस्सा होती है।


भजन का गहरा आध्यात्मिक संदेश

“बूटी ला दे रे बालाजी” भजन केवल एक पौराणिक घटना का वर्णन नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में आने वाले संघर्षों और उनके समाधान की प्रक्रिया को भी उजागर करता है। इसमें छिपे हुए संदेश को समझने के लिए हमें इसके प्रतीकात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं पर ध्यान देना होगा।


संजीवनी बूटी: जीवन की आशा और पुनरुत्थान

संजीवनी बूटी केवल लक्ष्मण के जीवन को बचाने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर छिपी हुई वह सकारात्मक ऊर्जा है, जो किसी भी कठिन परिस्थिति में हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
गहराई से विश्लेषण:

  • संजीवनी का प्रतीक: यह हमारे भीतर की आत्मिक शक्ति है, जो हमें संकट के समय उबरने का साहस देती है।
  • बूटी को ढूंढना: इसका मतलब यह है कि हमें हर परिस्थिति में समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो।

हनुमान का संकल्प और समर्पण

हनुमान का पर्वत को उठाना और उसे समय पर लक्ष्मण तक पहुंचाना केवल उनकी शारीरिक शक्ति का प्रमाण नहीं है। यह उनके दृढ़ संकल्प, साहस और समर्पण का उदाहरण है।
गहराई से अर्थ:

  • समर्पण: हनुमान के लिए राम की सेवा ही सर्वोपरि है। यह हमें सिखाता है कि जब हमारा उद्देश्य ईमानदार और निःस्वार्थ होता है, तो हम असंभव कार्य को भी पूरा कर सकते हैं।
  • संकल्प: कठिनाइयों के बावजूद, वे हार नहीं मानते। यह दर्शाता है कि सफलता केवल निरंतर प्रयास से ही प्राप्त होती है।

राम का विश्वास और नेतृत्व

भगवान राम की भूमिका केवल लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए निर्देश देने तक सीमित नहीं है। यह उनकी नेतृत्व क्षमता और सही व्यक्ति पर विश्वास करने की कला को भी दर्शाता है।
गहराई से विश्लेषण:

  • नेतृत्व: राम संकट के समय धैर्य और संयम बनाए रखते हैं। यह सिखाता है कि संकट में सही निर्णय ही स्थिति को सुधार सकता है।
  • हनुमान पर विश्वास: यह बताता है कि हमें अपने आस-पास के लोगों की क्षमताओं को पहचानना चाहिए और उन पर विश्वास करना चाहिए।

भरत का सतर्कता और संवाद

भरत का हनुमान पर तीर चलाना उनकी सतर्कता को दर्शाता है। हालांकि, तीर चलाने के बाद संवाद स्थापित करना और सही तथ्य जानने की उनकी तत्परता यह दर्शाती है कि किसी भी भ्रम को दूर करने के लिए संवाद कितना महत्वपूर्ण है।
गहराई से विश्लेषण:

  • सतर्कता: अपने कर्तव्यों के प्रति सतर्क रहना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
  • संवाद: गलतफहमी को दूर करने और विश्वास स्थापित करने के लिए संवाद आवश्यक है।

सामूहिक प्रयास का महत्व

भजन में वानरों की खुशी और उनका सहयोग यह दिखाता है कि सफलता केवल व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम नहीं होती, बल्कि सामूहिक सहयोग का परिणाम होती है।
गहराई से अर्थ:

  • सहयोग: जब हम मिलकर कार्य करते हैं, तो सबसे कठिन लक्ष्य भी सरल लगने लगता है।
  • उत्सव: सफलता का जश्न सामूहिक ऊर्जा को और बढ़ा देता है।

संकट और समाधान का जीवन दर्शन

इस भजन का मूल संदेश यह है कि संकट जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन हर संकट का समाधान भी हमारे भीतर और हमारे आस-पास मौजूद होता है।
गहराई से विश्लेषण:

  • संकट: यह हमारे जीवन की परीक्षा है। यह हमें कमजोर करने के लिए नहीं, बल्कि हमें मजबूत बनाने के लिए आता है।
  • समाधान: हर समस्या का समाधान हमारे भीतर की शक्ति, धैर्य और सामूहिक प्रयास में छिपा होता है।

निष्कर्ष: भजन का व्यावहारिक उपयोग

“बूटी ला दे रे बालाजी” भजन हमें यह सिखाता है कि:

  1. धैर्य और संकल्प: किसी भी परिस्थिति में हार न मानें और निरंतर प्रयास करें।
  2. समर्पण और विश्वास: अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी निष्ठा और ईश्वर पर विश्वास रखें।
  3. सामूहिक प्रयास: सफलता के लिए टीमवर्क और सहयोग को महत्व दें।
  4. सकारात्मकता: संजीवनी बूटी की तरह, हर परिस्थिति में आशा और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।

इस भजन का गहन विश्लेषण हमें केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में प्रेरणा देता है। यह संकटों से जूझने, समाधान खोजने और अंततः जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक आदर्श मार्गदर्शन है।

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